DURGAPURWest Bengal

Dilip Ghosh को आयोग की चेतावनी ! भाषण में बरतें सावधानी

बंगाल मिरर, कोलकाता :  (Dilip Ghosh )  राष्ट्रीय चुनाव आयोग ने कहा, “दिलीप घोष ने अपनी विवादास्पद टिप्पणियों के कारण आचार संहिता का उल्लंघन किया है।” विवादित टिप्पणियों को लेकर आयोग की ओर से भेजे गए नोटिस पर दिलीप घोष के जवाब से असंतुष्ट आयोग ने दिलीप घोष को भविष्य में जनता के सामने कोई भी भाषण देते समय अधिक सावधानी बरतने का निर्देश दिया। आयोग ने कहा कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को नेताओं की आचार संहिता के बारे में भी सचेत किया जाना चाहिए। चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनाथ पर लगे विवादित टिप्पणी के आरोपों पर भी यही बयान दिया है।बर्दवान दुर्गापुर के भाजपा प्रत्याशी दिलीप घोष का कहना है कि बंगाल में किस तरह की राजनीति होती है और यहां किस तरह का भाषा प्रयोग होता है या आप सभी जानते हैं चुनाव आयोग अपना काम कर रहा है ताकि तनाव ज्यादा ना बढ़े । इसके पहले ममता बनर्जी को भी सतर्क किया गया था । वही

तृणमूल नेता जय प्रकाश मजूमदार ने कहा, ‘दिलीप घोष पहले भी ऐसा कर चुके हैं. वह बार-बार ऐसा हुआ। मैं आम जनता की ओर से एक ध्यान चुनाव आयोग की अनेक शक्तियों के चुनाव के संबंध में आकर्षित कर रहा हूं। उन्होंने दिलीप घोष को सजा दिलाकर एक मिसाल कायम करे ताकि एक रिवाज बन जाए.’बीजेपी प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा, ‘चुनाव आयोग ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है. पार्टी ने दिलीप घोष को चेतावनी दी है. पार्टी ने अपना रुख बता दिया है. दिलीप घोष का मुख्यमंत्री के परिवार, मुख्यमंत्री के सम्मान, मुख्यमंत्री की गरिमा, मुख्यमंत्री के राजनीतिक कद पर हमला करने का कोई इरादा नहीं था. उन्होंने जो हमला किया वह एक राजनीतिक हमला था, शब्दों में गलती की स्थिति पैदा हो गई थी. जो लोग इसे चुनावी मुद्दा बना रहे हैं वे क्या चाहते हैं? क्या दिलीप घोष को सज़ा देंगे? उम्मीदवारी रद्द करें? क्या ऐसा होता है?’ शमिक भट्टाचार्य ने मुख्यमंत्री के ही भाषण का उदाहरण पेश किया. उन्होंने पलटवार करते हुए प्रधानमंत्री को गृह मंत्री को खास अंदाज में संबोधित करने के लिए कमर में रस्सी बांधने की बात की याद दिलाई.

कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री के विशेष भाषण पर दिलीप घोष ने पलटवार किया था. उस बयान पर तृणमूल ने पलटवार किया. तृणमूल ने ममता बनर्जी पर ममता बनर्जी के परिवार का अपमान करने का आरोप लगाया. तभी बीजेपी ने इस तरह का बयान देने के लिए दिलीप घोष की आलोचना की थी. तब दिलीप घोष को चुनाव आयोग ने शोकॉज भी किया था. इसका जवाब दिलीप घोष ने दिया. आयोग उस जवाब से संतुष्ट नहीं है. घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए दिलीप ने मेदिनीपुर की सभा से शुभेंदु अधिकारी और शिशिर अधिकारी पर तृणमूल के हमले का मुद्दा उठाया. उन्होंने दावा किया कि जो कहा गया था उसके आधार पर उन्होंने जवाब दिया। उनका इरादा किसी का व्यक्तिगत अपमान करने का नहीं था।

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