“टनेल गेट की यादें !..सुमन”
टनेल गेट, तुम हमारे दिल के करीब,
तुम्हारी चौखट पर बँधी, कितनी ही उम्मीद।
फाटक के संग जब भी तुम बंद होते,
हमारे दिलों के दरवाजे भी खुलते।
कर्मचारी संग, हंसी के वो पल,
दर्द और सुख के बाँटते हर हल।
वो भिखारी, जिसकी झोली में हम डालते,
कुछ सिक्के, कुछ दुआएं, कुछ प्रेम के नज़ारे।
अब तुम बस सपनों में रह जाओगे,
नई राहों पर हमें छोड़ जाओगे।
पर यादों की तस्वीरें हैं गहरी,
जो कभी धुंधली न होंगी, न कभी ठहरी।
हर सर का वो दुख भरा चेहरा,
जब तुमसे विदा लिया, संग समय का पहरा।
तुम थे हमारे लिए एक दोस्त, एक साथी,
अब कहाँ मिलोगे, ओ! हमारे गेट प्यारे।
अब नई राहें हैं, नए गेट हैं सामने,
पर तुमसे जो जुड़ा, वह रिश्ता अब भी है अटूट।
तुम्हारी यादें रहेंगी हमेशा हमारे साथ,
टनेल गेट, तुम रहोगे दिल के करीब हर बात।
टनेल गेट, तुम बहुत याद आओगे,
हर उस मिलन को, जो तुम्हारे दर पर हुआ।
तुम्हारे बिना हम अधूरे से रह जाएंगे,
तुम हमारे दिलों में हमेशा बसे रहोगे।