Make In India MSME के लिए रक्षा उत्पादन में भी बड़ा अवसर
बंगाल मिरर, आसनसोल : भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स तथा रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग द्वारा आज नीघा के सिटी रेजिडेंसी होटल में आसनसोल चैंबर ऑफ कॉमर्स के तत्वावधान एक सेमिनार का आयोजन किया गया था। जिसका विषय था रक्षा उत्पादन में उभरते अवसर में एमएसएमई की भूमिका ।जिसमें इस क्षेत्र के उद्यमियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन भाषण आसनसोल चेंबर आफ कामर्स के सचिव शंभूनाथ झा ने दिया। मुख्य वक्ता के रूप में वीरेंद्र प्रताप डिप्टी डायरेक्टर जनरल डिपार्टमेंट ऑफ़ डिफेंस प्रोडक्शन उपस्थित थे। इनके अलावा अमृतेंदु मंडल रीजनल मैनेजर बीईएमएल लिमिटेड एचएएल के चीफ मैनेजर सिद्धार्थ सरकार पश्चिम बर्धमान डिस्ट्रिक्ट चैंबर ऑफ़ कॉमर्स के सेक्रेटरी अजय खेतान, आसनसोल चैंबर ऑफ़ कॉमर्स के नरेश अग्रवाल, सीआरईडीएआई के जिला सचिव विनोद गुप्ता आसनसोल चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल, सतपाल सिंह पिंकी ,कोलफील्ड टिंबर एंड सा मिल संगठन के अध्यक्ष संजय तिवारी, नियामतपुर मर्चेंट चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष सचिन बालोदिया, इंडियन स्माल स्केल इंडस्ट्री एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संदीप भालोटिया आदि उपस्थित थे ।
उद्घाटन संबोधन में शंभू नाथ झा ने कहा कि क्षेत्र में इस तरह का कार्यक्रम करने के लिए रक्षा मंत्रालय को आसनसोल चैंबर ऑफ कॉमर्स की तरफ से धन्यवाद ज्ञापन किया । उन्होंने भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स के अधिकारियों की भी सराहना की जिन्होंने इस क्षेत्र के उद्योगपतियों के सामने एक नई दिशा और अवसर प्रदान करने के लिए यह कार्यक्रम किया है इसके लिए उन्होंने इस क्षेत्र के सारे उद्यमियों की तरफ से उन सभी का धन्यवाद दिया और कहा कि आने वाले दिनों में इस क्षेत्र के उद्यमी जो सिर्फ ईसीएल सेल और रेल पर निर्भर रहते हैं अब वह आने वाले दिनों में रक्षा मंत्रालय से भी जुड़कर अपने व्यवसाय को और आगे बढ़ाएंगे ।
वहीं वीरेंद्र प्रताप और अमृतेंदु मंडल और सिद्धार्थ सरकार ने उद्यमियों को इस क्षेत्र में जुड़ने का आवाहन किया और उनके द्वारा पूछे गए सारे प्रश्नों के उत्तर दिए भारत चैंबर ऑफ़ कॉमर्स सेक्रेटरी जनरल केका सरकार ने धन्यवाद ज्ञापन किया। आपको बता दें कि केंद्र सरकार का मेक इन इंडिया में पूर्वोदय योजना के तहत इस पूर्वांचल क्षेत्र के उद्यमियों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है इस क्षेत्र के लोगों को रक्षा मंत्रालय से जोड़ने के लिए सरकार ने यह योजना चलाई है और इसीलिए इस क्षेत्र में इस तरह के कार्यक्रम और ज्यादा किये जाएंगे जिससे रक्षा मंत्रालय में इस क्षेत्र के उद्यमी ज्यादा से ज्यादा भाग ले क्योंकि सरकार चाहती है कि शिक्षा मंत्रालय में अब विदेशों से कोई भी सामान नहीं मंगाया जाएगा जो भी उत्पादन होगा वह भारतवर्ष के उद्यमी ही बनाएंगे और भारतवर्ष में ही इसकी खपत होगी।