Asansol : पानी से भी सस्ता हुआ इन सब्जियों का भाव
बंगाल मिरर, आसनसोल : पश्चिम बंगाल के आसनसोल मे होने वाली लोकल सब्जियों की पैदावार इस बार बहोत ही अच्छी हुई है, अच्छी इस लिये की किसानो के खेत उनके द्वारा लगाए गए विभिन्न प्रकार के हरी भरी सब्जियों से लहलाहा रही है, जिसका मूल कारण यह है की किसानो ने अपने खेतों मे सब्जियां लगाने से पहले कड़ी मेहनत तो की ही थी साथ मे सब्जियों के अच्छी पैदावार के लिये विभिन्न प्रकार के खाद व विटामिन की समय -समय पर छिड़काव भी किए थे, ऐसे मे जब किसानो को उनकी कड़ी मेहनत और उनके द्वारा खेतों मे लगाए गए फसलों का फल जब मिलने का समय आया तो मंडी की रेट देखकर किसानो के सारे अरमान और उनके मेहनत व सपनों पर मानो पानी फिर गया।




बाजार मे बिकने वाला बीस से तीस रुपए किलो बिकने वाला टमाटर का भाव तीन रुपए किलो हो गया है, जो बाजारों मे ग्राहकों के बिच पाँच से दस रुपए किलो पर उपलब्ध है, इसके अलावा अगर हम बंदा गोबी की अगर बात करें तो बंदा गोबी का गद्दी रेट दो रुपए पीस तक पहुँच गया है, जो बाजारों मे आम ग्राहकों के लिये पाँच से दस रुपए पीस मे उपलब्ध है, इन दोनों सब्जियों के अचानक से अचानक से गिरे भाव के कारण शिल्पाँचल के लोकल किसान काफी हैरान है और परेशान भी क्योंकि उनको इन फसलों से काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है, खेतों मे फसल उगाने के लिये लगने वाले मेहनत और लगन तो दूर की बात अच्छी फसल के लिये खेतों मे लगे फसलों मे खाद और विटामिन के छिड़काव का खर्च भी उनको उठ नही पाया है, जिस कारण उनके चेहरे पर काफी मायूसी है
, लोकल सब्जियों के गद्दी के मुंसी सुनिल सिंह की अगर माने तो इस बार बंदा गोबी और टमाटर की अच्छी पैदावार हुई है, आसनसोल बाजार मे लोकल सब्जियां तो घुस ही रही हैं साथ मे बाहर से भी सब्जियां आ रही हैं, ऐसे मे पूरा बाजार लोकल टमाटर और बाहरी तमाटरों के साथ -साथ बाहरी बंदा गोबी व लोकल बंदा गोबी से भरा पड़ा है, आलम ऐसा है की बाजार मे यह दोनों सब्जियां इतनी भारी पैमाने पर हैं की इन सब्जियों के खरीदार कम हो गए हैं, यही कारण है की सब्जियों का खेप फंस जा रहा है और यह सब्जियां ऐसी हैं की इन सब्जियों को ज्यादा दिनों तक रखा भी नही जा सकता है, यह सब्जियां ख़राब हो सकती हैं, चाहे यह खेत मे हो या फिर सब्जी मंडी मे इन तमाम चीजों को देखते हुए बाजार मे इन सब्जियों की यह स्थिति बनी हुई है, सुनील ने यह भी कहा की आसा है यह स्थिति और ज्यादा दिनों तक लोकल किसानो को नही देखनी पड़ेगी होली के समय बाजारों के हालात थोड़ा सुधरने के आसार हैं जिसका इंतजार है