Burnpur Airport पर सांसद ने पूछा सवाल, पढ़ें मंत्री का जवाब
बंगाल मिरर, एस सिंह, बर्नपुर : पश्चिम बंगाल के बर्नपुर हवाई अड्डे को क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस)-उड़ान के तहत संचालन के लिए तैयार करने को लेकर सांसद जगन्नाथ सरकार ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री से सवाल पूछा था। इस सवाल का जवाब केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री श्री मुरलीधर मोहोल ने दिया। जिससे लगता है कि यहां हवाई अड्डा फिलहाल ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है, वहीं यहां जो बाधायें थी उसे दूर करने – हटाने की जिम्मेदारी पश्चिम बंगाल सरकार की थी।




सांसद जगन्नाथ सरकार ने अपने सवाल में चार बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी:क्या यह सच है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने बर्नपुर हवाई अड्डे पर बाधाओं को हटाकर इसे आरसीएस-उड़ान योजना के तहत संचालन के लिए उपयुक्त बनाया है, और यदि हां, तो इसके विवरण और वर्तमान स्थिति क्या है?
इस मुद्दे पर केंद्र सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल सरकार को कितने पत्र या संदेश भेजे गए और उसका जवाब क्या मिला?
आरसीएस-उड़ान योजना के तहत संचालन समय और संपर्क पर इसका क्या प्रभाव पड़ा है?
बर्नपुर हवाई अड्डे को क्षेत्रीय संपर्क के लिए तैयार करने के लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकार और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
केंद्रीय मंत्री का जवाब
केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री श्री मुरलीधर मोहोल ने अपने जवाब में बताया कि उड़ान योजना के तहत पहली बोली के दौरान बर्नपुर हवाई अड्डे को सेल (SAIL) को सौंपा गया था, जो हवाई अड्डे का मालिक और संचालक है। सेल ने बर्नपुर हवाई अड्डे पर 41 बाधाओं की सूची तैयार की और इसे डीजीसीए को सौंप दिया। डीजीसीए ने हवाई अड्डे के संचालक को इन बाधाओं (जैसे भवनों और पेड़ों को हटाने) को दूर करने के लिए विस्तृत जानकारी दी थी, जैसा कि 1994 के विमानन नियमों (निर्माण और पेड़ों को हटाने) में उल्लेख किया गया है।
मंत्री ने आगे बताया कि संचालन क्षेत्र में मौजूद ऊंचे-ऊंचे पेड़ों और बाधाओं को हटाने की जिम्मेदारी पश्चिम बंगाल सरकार की है। इस मुद्दे को स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने राज्य सरकार के समक्ष उठाया था। बाधाओं को हटाने के बाद हवाई अड्डे को चयनित एयरलाइन द्वारा उड़ान संचालन के लिए लाइसेंस प्राप्त करना होगा।
वर्तमान में बर्नपुर हवाई अड्डे के लिए उड़ान योजना के तहत कोई वैध बोली उपलब्ध नहीं
यह भी स्पष्ट किया कि हवाई अड्डे को संचालन के लिए तैयार करना संचालक (SAIL) की जिम्मेदारी है। वर्तमान में बर्नपुर हवाई अड्डे के लिए उड़ान योजना के तहत कोई वैध बोली उपलब्ध नहीं है।
इस जवाब से स्पष्ट है कि बर्नपुर हवाई अड्डे को आरसीएस-उड़ान योजना के तहत संचालित करने के लिए अभी कई कदम उठाए जाने बाकी हैं, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता है।
अच्छा लेख है। ये बताइए कि बंगाल सरकार ने इन बाधाओं को हटाने का कोई ठोस कदम कब तक उठाने वाला है? बिना इन समस्याओं के समाधान के उड़ान योजना को कैसे आगे बढ़ाया जा सकेगा?