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Mamata Banerjee : “योग्य लोगों की नौकरी नहीं छीनने दूंगी”

बंगाल मिरर,  कोलकाता, 7 अप्रैल 2025: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को नौकरी से वंचित शिक्षकों और स्कूल कर्मचारियों के साथ एक सभा में हिस्सा लिया। यह सभा उन 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए आयोजित की गई थी, जिनकी नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में रद्द कर दी थी। सभा के दौरान ममता बनर्जी ने प्रभावित लोगों को आश्वासन दिया कि वह उनकी गरिमा बहाल करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगी और योग्य उम्मीदवारों की नौकरी बचाने की चुनौती स्वीकार की।

सभा में क्या हुआ?

दोपहर 12:14 बजे कवि सुबोध सरकार ने ममता बनर्जी की प्रशंसा करते हुए कहा, “मुख्यमंत्री मानवता के आधार पर सभी के आंसू पोंछ सकती हैं।” इसके बाद ममता ने सभा को संबोधित करना शुरू किया। उन्होंने कहा, “हम संकट में हैं। आपकी पीड़ा ने हमें पत्थर बना दिया है। मैं यह कहने के लिए जेल भी जा सकती हूं, लेकिन मुझे परवाह नहीं। मैं किसी की जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकती। सुप्रीम कोर्ट अभी तक योग्य और अयोग्य को अलग नहीं कर पाया है। आइए, हम बंचित और योग्य को दो हिस्सों में बांटें।”

ममता का बड़ा ऐलान

दोपहर 12:37 बजे ममता ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा, “स्कूल में जाने से आपको कौन रोक रहा है? आपकी सेवा में ब्रेक नहीं होगा। दो महीने के भीतर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए सब कुछ करेंगे। कौन योग्य है और कौन नहीं, इसका लिस्ट हमें दें। शिक्षा व्यवस्था को तोड़ने का अधिकार किसी को नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि वह चाहती हैं कि कानून प्रभावित लोगों को राहत दे और योग्य लोगों की नौकरी बरकरार रहे।

“योग्य लोगों की नौकरी नहीं छीनने दूंगी”

12:26 बजे ममता ने चुनौती देते हुए कहा, “मैं योग्य लोगों की नौकरी छिनने नहीं दूंगी। यह मेरा चैलेंज है। शिक्षा व्यवस्था को तोड़ने की साजिश हो रही है। जो अच्छे परिणाम लेकर आए, उन्हें चोर कह रहे हैं?” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केवल बंगाल को निशाना बनाया जा रहा है। 12:38 बजे उन्होंने नीट और व्यापम घोटालों का जिक्र करते हुए कहा, “शুধু বাংলাকে টার্গেট (केवल बंगाल को निशाना बनाया जा रहा है)।”

शिक्षकों से अपील

12:40 बजे ममता ने शिक्षकों से अपील की, “आपको किसी से भीख मांगकर नहीं खाना पड़ेगा। पढ़ाई करें, बच्चों को इंसान बनाएं। स्वैच्छिक सेवा दें। हम चाहते हैं कि कानून आपका समाधान करे। मेरे खिलाफ साजिश करके शिक्षकों की नौकरी न छीनें। किसी के उकसावे में न आएं।” 12:44 बजे उन्होंने कहा, “पहले योग्य लोगों का मामला ठीक होने दें। मुझ पर भरोसा रखें। अयोग्य लोगों के दस्तावेज देखूंगी। बच्चों को पढ़ाएं। मैं सबकी बात सुनूंगी।”

स्वैच्छिक सेवा पर सवाल

12:49 बजे नौकरी गंवाने वालों ने स्वैच्छिक सेवा को लेकर सवाल उठाया। जवाब में ममता ने कहा, “अदालत कह रही है कि वेतन बंद करें। अगर हम दें तो सवाल उठेगा। इसलिए कह रही हूं कि नोटिस मिलने तक स्कूल जाएं। स्वस्थ रहें। काम जारी रखें।”

कानूनी लड़ाई का जिक्र

ममता ने बताया कि उनकी सरकार शुरू से ही इस मामले में मजबूत वकीलों के साथ लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने कहा, “अब अभिषेक मनु सिंघवी, कपिल सिब्बल, प्रशांत भूषण और कल्याण बनर्जी को मामले की पैरवी के लिए कहा गया है। हम क्लैरिफिकेशन मांगेंगे कि जो इतने दिन काम कर रहे थे, वे अब क्या करेंगे? नई परीक्षा की बात हो रही है, लेकिन पहले यह जानना जरूरी है कि मौजूदा शिक्षक क्या करेंगे। स्कूल कौन चलाएगा?”

राजनीतिक आरोप

ममता ने यह भी कहा कि यह पूरा मामला शिक्षा व्यवस्था को नष्ट करने की साजिश है। उन्होंने कहा, “मैंने कभी जानबूझकर किसी को सजा नहीं दी। किसी की नौकरी नहीं छीनी। मैंने कहा था बदला नहीं, बदलाव चाहिए। भूल सुधार के लिए समय दें।”

निष्कर्ष

सभा के अंत में ममता ने आश्वासन दिया कि वह योग्य शिक्षकों के हितों की रक्षा करेंगी और इसके लिए हर संभव कानूनी कदम उठाएंगी। यह सभा पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती विवाद में एक नया मोड़ ला सकती है, क्योंकि सरकार अब सुप्रीम कोर्ट से स्पष्टीकरण मांगने की तैयारी में है।

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