RANIGANJ-JAMURIA

जामुड़िया के गौरव ज्वेलर्स ने मनाया 100 साल पूरे होने का जश्न, ग्राहकों के लिए विशेष ऑफर

बंगाल मिरर,  जामुड़िया: जमुरिया बाजार स्थित गौरव ज्वेलर्स ने अपने 100 साल पूरे होने की खुशी में आज (17 अप्रैल) एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अवसर पर दुकान के संचालक प्रदीप केसरी ने बताया कि उनके दादा हुरो लाल मणिलाल केसरी और उनके पुत्र ने 1925 में इस प्रतिष्ठान की नींव रखी थी। तब से लेकर आज तक, यानी 100 वर्षों से, गौरव ज्वेलर्स जमुरिया और आसपास के क्षेत्रों के लोगों की सेवा में समर्पित है।

प्रदीप केसरी ने कहा कि इन 100 वर्षों में गौरव ज्वेलर्स ने न केवल जमुरिया, बल्कि आसपास के इलाकों में भी लोगों का विश्वास अर्जित किया है। उन्होंने बताया कि ग्राहकों के प्यार और सहयोग के कारण आज गौरव ज्वेलर्स तीन अन्य प्रमुख शाखाओं के माध्यम से अपनी सेवाएं प्रदान कर रहा है, जिनमें आसनसोल में अभिनव गिनी हाउस, अभिनव जेम्स एंड ज्वैलरी हाउस, और अभिनव ज्वैलरी हाउस शामिल हैं। उन्होंने कहा, “हम अपने पुरखों की सीख को अपनाकर आगे बढ़ रहे हैं, जिसके कारण यह संभव हो सका।”

उन्होंने यह भी बताया कि अब उनके पुत्र गौरव केसरी, अभिनव केसरी, और उज्जवल केसरी इस पारिवारिक परंपरा को न केवल आगे बढ़ा रहे हैं, बल्कि इसमें आधुनिकता का समावेश भी कर रहे हैं। इस शताब्दी समारोह के उपलक्ष्य में ग्राहकों के लिए आकर्षक ऑफर भी शुरू किए गए हैं।

गौरव केसरी ने इस अवसर पर गर्व जताते हुए कहा, “हमारे लिए यह बहुत सम्मान की बात है कि हमें अपने पुरखों द्वारा शुरू किए गए इस व्यवसाय को संभालने का अवसर मिला। हम चाहते हैं कि जिस तरह हमारे पूर्वज और पिता ने इस संस्थान को चलाया, वैसे ही हम भी इस परंपरा को कायम रखें।”

प्रदीप केसरी ने अपने चाचा का परिचय कराते हुए बताया कि एक समय उनके चाचा और पिता मिलकर गौरव ज्वेलर्स का संचालन करते थे। अब उनके आशीर्वाद से वह और उनके पुत्र इस दायित्व को निभा रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमारी दुकानों में आने वाले लोग हमारे लिए ग्राहक नहीं, बल्कि परिवार का हिस्सा हैं। उनकी सेवा करना हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य है।” कार्यक्रम में स्थानीय लोग और ग्राहक बड़ी संख्या में शामिल हुए, जिन्होंने गौरव ज्वेलर्स की इस उपलब्धि की सराहना की। गौरव ज्वेलर्स ने अपनी शताब्दी यात्रा में विश्वास, गुणवत्ता, और ग्राहक सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को एक बार फिर दोहराया।

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