राज्यपाल की केंद्र को भेजी रिपोर्ट ने मचाई खलबली, अनुच्छेद 356 का जिक्र ? टीएमसी ने कहा राजनीति से प्रेरित
बंगाल मिरर, विशेष संवाददाता : ( West Bengal Latest News In Hindi ) पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मुर्शिदाबाद दौरे के बाद केंद्र सरकार को एक गोपनीय रिपोर्ट भेजी है। इस रिपोर्ट में उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 356 का जिक्र किया है, जिसमें राष्ट्रपति शासन लागू करने का प्रावधान है। राजभवन सूत्रों के अनुसार, यह रिपोर्ट बोस ने शारीरिक समस्याओं के कारण अस्पताल में भर्ती होने से पहले ही केंद्र को भेज दी थी।सूत्रों के मुताबिक, इस पत्र में राज्यपाल ने तीन प्रमुख सुझाव दिए हैं। पहला, यदि राज्य की शासन व्यवस्था कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहती है, तो केंद्र सरकार के लिए एक ऐसा कानून बनाया जा सकता है, जिसके तहत कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी केंद्र को सौंपी जाए। दूसरा, जांच आयोग अधिनियम, 1952 के तहत एक जांच आयोग गठित करने पर विचार किया जा सकता है। यह आयोग सभी पहलुओं की जांच कर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुझाव देगा। तीसरा, अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे उन जिलों में, जहां चिंता की स्थिति है, वहां केंद्रीय बलों या सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को अपने क्षेत्र में और अधिक सीमा चौकियां स्थापित करने का निर्देश दिया जा सकता है। अशांत क्षेत्रों का दौरा करने और प्रभावित परिवारों से बात करने के बाद राज्यपाल ने इसे अत्यंत आवश्यक बताया है।




मुर्शिदाबाद में अशांति और राज्यपाल का दौरापिछले महीने संशोधित वक्फ कानून को लेकर मुर्शिदाबाद के कुछ क्षेत्रों में अशांति फैल गई थी। शुरुआत में बीएसएफ की मदद से राज्य पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की थी। बाद में हाई कोर्ट के निर्देश पर वहां केंद्रीय बलों को भी तैनात किया गया। मुर्शिदाबाद की अशांति के कारण बेघर हुए लोगों के एक समूह को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और अन्य नेताओं ने राजभवन ले जाकर राज्यपाल से मुलाकात कराई थी। उन्होंने राज्यपाल के समक्ष पांच सूत्री मांगें रखीं और शमशेरगंज व धुलियान में स्थिति का जायजा लेने का अनुरोध किया। इसी के बाद अप्रैल के मध्य में (18 और 19 अप्रैल) बोस ने मालदा और मुर्शिदाबाद का दो दिवसीय दौरा किया।
मालदा में उन्होंने विभिन्न आश्रय केंद्रों का दौरा किया, जबकि अगले दिन मुर्शिदाबाद के अशांत क्षेत्रों का दौरा कर स्थानीय लोगों से बात की। उन्होंने प्रभावित लोगों को सहायता का आश्वासन दिया और मृतकों के परिजनों को राजभवन के ‘शांति कक्ष’ (पीस रूम) का नंबर भी दिया। इस दौरे के बाद उन्होंने केंद्र को यह रिपोर्ट भेजी।
मुख्यमंत्री का दौरा और तृणमूल का जवाब
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार (5 मई) को मुर्शिदाबाद दौरे पर जाने वाली हैं। अशांति के बाद यह उनका पहला मुर्शिदाबाद दौरा है। वहां उनकी एक प्रशासनिक बैठक करने की भी योजना है। संयोग से, उनके दौरे से ठीक पहले राज्यपाल की रिपोर्ट से संबंधित जानकारी सार्वजनिक हुई। तृणमूल नेता कुणाल घोष ने इस रिपोर्ट को पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा, “राज्यपाल ने यह रिपोर्ट अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए भेजी है। वह जानते हैं कि स्थिति नियंत्रण में है। अगर सीमा पार से हमलावर उकसावे या घुसपैठ करते हैं, तो उसकी जिम्मेदारी बीएसएफ और केंद्रीय गृह मंत्रालय की है।” घोष ने दावा किया कि बीएसएफ को अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभानी चाहिए, और राज्यपाल की रिपोर्ट में इसका जिक्र होना चाहिए था। उन्होंने आरोप लगाया कि इस रिपोर्ट के जरिए बीजेपी को खुश करने और बंगाल को बदनाम करने की कोशिश की गई है।