Asansol Railpar ब्रिज चौड़ीकरण के डेढ़ साल बाद भी दुकानदारों का पुनर्वास नहीं, आक्रोश
बंगाल मिरर, आसनसोल: आसनसोल नगर निगम के 24 नंबर वार्ड में चंदमारी ब्रिज के चौड़ीकरण के लिए डेढ़ साल पहले दुकानदारों को हटाया गया था, लेकिन उन्हें पुनर्वास का आश्वासन देने के बावजूद अभी तक कोई राहत नहीं मिली है। स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि उनकी आजीविका छीनने के बाद भी प्रशासन ने उनके साथ किया गया वादा पूरा नहीं किया।लगभग 23 दुकानदारों को ब्रिज के चौड़ीकरण के लिए अपनी दुकानें खाली करनी पड़ी थीं।




उस समय आसनसोल उत्तर के विधायक और मंत्री मलय घटक, बोरो चेयरमैन उत्पल सिन्हा, वार्ड पार्षद फनसबी आलिया अन्अय धिकारियों ने आश्वासन दिया था कि दुकानदारों को जल्द ही पुनर्वास दिया जाएगा। हालांकि, डेढ़ साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी दुकानदारों को न तो दुकानें मिली हैं और न ही कोई ठोस जवाब। दुकानदारों का कहना है कि बार-बार संपर्क करने पर उन्हें टालमटोल का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बदतर हो गई है
बोरो चेयरमैन का दावा: जल्द मिलेगी दुकानें
जब इस बारे में बोरो चेयरमैन उत्पल सिन्हा से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि रेल पार इलाके में मंत्री मलय घटक के प्रयासों से दो ब्रिजों का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें चंदमारी ब्रिज भी शामिल है। उन्होंने कहा कि पहले नक्शे में केवल आठ दुकानों के लिए जगह थी, लेकिन अब नए सिरे से प्लानिंग की जा रही है ताकि सभी 17 प्रभावित दुकानदारों को दुकानें दी जा सकें। सिन्हा ने आश्वासन दिया कि दुकानदारों को जल्द ही पुनर्वास मिलेगा और उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है।
आईएनटीटीयुसी नेता राजू अहलूवालिया ने सेंट जोसेफ स्कूल के सामने से दुकानदारों को लेकर आवाज उठाई लेकिन इन दुकानदारों को लेकर सवाल पर बगले झांकनते दिखे हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सिद्धांत है कि बिना पुनर्वास के किसी को हटाया नहीं जा सकता।
कांग्रेस पार्षद ने भी जताई नाराजगी
कांग्रेस पार्षद एस एम मुस्तफा ने इस मामले में प्रशासन और मंत्री मलय घटक पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दुकानदारों को आश्वासन देने के बावजूद डेढ़ साल से उनका पुनर्वास नहीं हुआ। मुस्तफा ने दुकानदारों से खुलकर आवाज उठाने की अपील की और कहा कि अगर दुकानदार चाहें तो कांग्रेस उनके साथ मिलकर मंत्री से मुलाकात कर इस मुद्दे को उठा सकती है। उन्होंने इसे गरीब दुकानदारों के साथ अन्याय करार दिया।
दुकानदारों की मांग: जल्द हो पुनर्वास
प्रभावित दुकानदारों ने बताया कि उनकी आजीविका दांव पर है और बार-बार आश्वासनों के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। वे जल्द से जल्द पुनर्वास की मांग कर रहे हैं ताकि उनकी आर्थिक स्थिति सुधर सके। इस मामले में स्थानीय लोगों और दुकानदारों में बढ़ता असंतोष प्रशासन के लिए चुनौती बन सकता है।