सिख एक्सीलेंस स्टूडेंट अवार्ड: 150 विद्यार्थी सम्मानित, एकता और सेवा का भव्य प्रदर्शन
बंगाल मिरर, आसनसोल : शनिवार की शाम आसनसोल के रविंद्र भवन में सिख वेलफेयर सोसाइटी, आसनसोल द्वारा आयोजित सिख एक्सीलेंस स्टूडेंट अवार्ड समारोह हर्षोल्लास और गौरव के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर वर्ष 2024 और 2025 में शैक्षणिक और खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले सिख समुदाय के 150 से अधिक छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया।दो वर्षों के मेधावी छात्रों का सम्मानधनबाद से लेकर आसनसोल और आसपास के विभिन्न क्षेत्रों से आए बच्चों ने इस सम्मान समारोह में भाग लिया।




संस्था के प्रधान हरजीत सिंह बग्गा और कार्यकारी प्रधान सुरजीत सिंह मक्कड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बार एक साथ दो वर्षों के मेधावी छात्रों को सम्मानित किया गया है, जो इस आयोजन को और भी विशेष बनाता है।गतका प्रदर्शन और सामाजिक जागरूकताकार्यक्रम में जमशेदपुर धर्म प्रचार कमेटी की ओर से गतका (सिख मार्शल आर्ट) का मनमोहक प्रदर्शन हुआ, जिसने सभी उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

इसके अलावा, समाज में व्याप्त बुराइयों पर आधारित एक जागरूकतापरक नाट्य रूपांतरण भी प्रस्तुत किया गया, जिसने दर्शकों को सोचने पर मजबूर किया।गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति
समारोह में विशेष अतिथि के रूप में पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री मलय घटक, चेयरमैन अमरनाथ चटर्जी, मेयर परिषद सदस्य गुरदास चटर्जी, पार्षद गुरमीत सिंह, और अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। इन सभी विशिष्ट व्यक्तियों को समाज सेवा और उनके अमूल्य योगदान के लिए सम्मानित भी किया गया।
रक्तदान शिविर और विशेष सम्मान
सिख वेलफेयर सोसाइटी के सचिव रणजीत सिंह देओल ने बताया कि इस कार्यक्रम के साथ एक रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया, जिसमें 21 लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर मानवता की मिसाल पेश की।आसनसोल सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान जगदीश सिंह और सचिव तरसेम सिंह ने जानकारी दी कि बच्चों को दिए गए शैक्षणिक अवार्ड के अलावा, ‘कोम दे हीरे’, ‘बेबी नानकी अवार्ड’, ‘सिंह इज़ किंग’ जैसे विशेष खिताब भी अतिथियों को भेंट किए गए। समारोह में 24 गुरुद्वारों की प्रबंधक कमेटियों के प्रधानों और विभिन्न इलाकों की स्त्री सत्संग सभाओं को भी सम्मानित किया गया।
श्रद्धांजलि और गुरु तेगबहादुर साहिब को समर्पितकार्यक्रम की गरिमा उस समय और बढ़ गई जब अहमदाबाद विमान हादसे और पुलवामा शहीदों की स्मृति में मौन धारण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। यह आयोजन गुरु तेगबहादुर साहिब के शहादत दिवस को समर्पित था, जिसमें शिक्षा, एकता, सेवा और सिख संस्कृति की स्पष्ट झलक दिखाई दी। कार्यक्रम के अंत में संगत के लिए विशेष लंगर की व्यवस्था भी की गई थी, जिसने सामूहिक सद्भाव को और मजबूत किया।