Asansol Fire Tragedy: फॉरेंसिक टीम ने की गहन जांच, सवाल बरकरार हादसा या साजिश ?
बंगाल मिरर, आसनसोल, 1 जुलाई 2025: आसनसोल साउथ पुलिस थाना क्षेत्र के फतेहपुर स्वागतम रेजीडेंसी में कोयला व्यवसायी बबलू सिंह के घर (हाउस नंबर B-2) में शनिवार देर रात हुए भीषण अग्निकांड की जांच के लिए मंगलवार दोपहर क्षेत्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला की चार सदस्यीय टीम मौके पर पहुंची। उनके साथ आसनसोल साउथ थाने के इंस्पेक्टर-इन-चार्ज कौशिक कुंडू, सब-इंस्पेक्टर अमरनाथ दास, बंसीबदन कर्मकार और कांस्टेबल ताहेरुद्दिन मौजूद थे, जिन्होंने जांच में पूरा सहयोग किया।




फॉरेंसिक टीम ने घर की दोनों मंजिलों के हर कोने की बारीकी से जांच की, कई नमूने और सबूत एकत्र किए, और तस्वीरें खींचीं ताकि आग लगने के कारणों का पता लगाया जा सके। जांच के दौरान बबलू सिंह के परिजन और उनकी तथाकथित पत्नी शिल्पी चटर्जी की बहन पूजा चटर्जी मौजूद थीं। जांच पूरी होने के बाद घर को ताला लगाकर चाबी पुलिस ने अपने कब्जे में ले ली।पुलिस ने स्वागतम रेजीडेंसी सोसाइटी के सदस्यों को सूचित किया कि शिल्पी के स्वस्थ होने पर दोनों पक्षों (बबलू और शिल्पी के परिजनों) के बीच बातचीत कराई जाएगी।
सहमति के आधार पर आगे कदम उठाए जाएंगे, अन्यथा कोर्ट के आदेश के अनुसार कार्रवाई होगी। दोनों पक्षों को घर बाहर से देखने की अनुमति दी गई, लेकिन अंदर प्रवेश तब तक प्रतिबंधित है जब तक दोनों पक्ष एक साथ मौजूद न हों।घटना शनिवार रात करीब 11:30 बजे की है, जब बबलू सिंह, उनकी तथाकथित पत्नी शिल्पी चटर्जी, ससुर वीरेंद्र नाथ चंद और सास गायत्री चंद घर में थे।
स्थानीय लोगों ने शिल्पी की चीख सुनकर उसे आग से बचाया, लेकिन बबलू, वीरेंद्र और गायत्री की जलकर मृत्यु हो गई। शिल्पी ने बताया कि उनके माता-पिता आग में मर गए, लेकिन बबलू के बारे में कोई जवाब नहीं दिया। दमकल विभाग और पुलिस ने आग पर काबू पाया। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए आसनसोल जिला अस्पताल भेजा गया, जबकि शिल्पी का इलाज दुर्गापुर के एक निजी अस्पताल में चल रहा है।पुलिस और फॉरेंसिक टीम आग लगने के कारणों की जांच में जुटी है, और स्थानीय लोग व परिजन सच्चाई सामने आने का इंतजार कर रहे हैं।