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SAIL की एक और ऐतिहासिक छलांग: जून 2025 में 9597 करोड़ का रिकॉर्ड कैश कलेक्शन, ISP ने DSP को पीछे छोड़ा

बंगाल मिरर, एस सिंह :  “भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की महारथी कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) ने जून 2025 में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। सेल ने इस महीने कुल 9597 करोड़ रुपये का कैश कलेक्शन कर एक नई ऊंचाई छू ली है। यह आंकड़ा सिर्फ आर्थिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि संगठन की प्रतिबद्धता, प्रबंधन की रणनीतिक दूरदर्शिता, और कर्मचारियों के अथक परिश्रम की मिसाल भी है।

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“टॉप पर भिलाई, बोकारो और राउरकेला”

इस बार के कैश कलेक्शन में भिलाई स्टील प्लांट (BSP) ने 3131 करोड़ रुपये के संग्रहण के साथ पहला स्थान हासिल किया है। यह केवल भिलाई की प्रशासनिक कुशलता का प्रमाण नहीं बल्कि वहाँ के श्रमिकों, अभियंताओं और अधिकारियों की टीम भावना और मेहनत का प्रतिफल है।

बोकारो स्टील प्लांट (BSL) ने भी 1983 करोड़ रुपये की मजबूत कमाई कर दूसरे स्थान पर जगह बनाई, जबकि राउरकेला स्टील प्लांट (RSP) ने 1847 करोड़ के साथ तीसरा स्थान पाया। ये तीनों इकाइयाँ सेल की नींव को मजबूती देने वाले स्तंभ हैं और इस महीने के कैश कलेक्शन से यह एक बार फिर स्पष्ट हुआ है।

बर्नपुर ने दुर्गापुर को पीछे छोड़ा

इस बार सबसे चौंकाने वाली और गौरवशाली खबर आई पश्चिम बंगाल से, जहां IISCO बर्नपुर स्टील प्लांट ने 936 करोड़ रुपये का कलेक्शन कर दुर्गापुर स्टील प्लांट को पीछे छोड़ दिया। दुर्गापुर इस बार 761 करोड़ पर सीमित रह गया। बर्नपुर की यह सफलता वहाँ के अधिकारियों, कर्मचारियों और विशेषकर IISCO OFFICERS’ ASSOCIATION के नेतृत्व में हुए टीमवर्क की शानदार मिसाल है।

अन्य इकाइयों का योगदान

सेलम स्टील प्लांट: 175 करोड़

अलॉय स्टील प्लांट: 72 करोड़

भद्रावती स्टील प्लांट: 29 करोड़

एनएमडीसी नगरनार स्टील प्लांट: 662 करोड़

नगरनार की यह उपलब्धि भी खास उल्लेखनीय है, क्योंकि यह नया संयंत्र होते हुए भी आशाजनक प्रदर्शन कर रहा है।

IISCO OFFICERS’ ASSOCIATION का उत्साहवर्धन

IISCO OFFICERS’ ASSOCIATION के अध्यक्ष श्री सुशील कुमार सुमन ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए समस्त SAIL अधिकारियों, कर्मचारियों और उनके परिवारजनों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने इस अवसर पर उम्मीद जताई है कि सेल परिवार के इस आत्मविश्वास और प्रदर्शन से अब लंबित मुद्दों पर भी शीघ्र निर्णय होगा।

इस कैश कलेक्शन की उपलब्धि के बाद अब SAIL अधिकारियों की उम्मीदें भी नई ऊर्जा से भर गई हैं। श्री सुमन ने कहा कि अब SAIL SEFI की बैठक शीघ्र होने की संभावना है और वहाँ कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर जल्द समाधान निकल सकता है:

“SAIL में यूनिफॉर्म टाइमिंग का लागू होना।” “सभी इकाइयों में यूनिफॉर्म HRA का निर्धारण।” “E-3 से E-4 और E-5 से E-6 तक पदोन्नति में प्रतिशत बढ़ाना।” “चौथे PRC के लिए समिति का गठन।”

श्री सुमन ने आगे कहा कि जब आर्थिक प्रदर्शन इतना सशक्त हो, तब SAIL अधिकारियों के हितों पर भी समान रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए। 9597 करोड़ रुपये का यह कैश कलेक्शन केवल आंकड़ा नहीं है, यह उस संस्थागत ढांचे की मजबूती का प्रमाण है जो वर्षों से देश के विकास में योगदान दे रहा है। यह सफलता केवल विपणन या उत्पादन की नहीं, बल्कि बेहतर समन्वय, लॉजिस्टिक प्रबंधन, ग्राहक सेवा और वितीय अनुशासन की भी कहानी है।

सेल सिर्फ स्टील उत्पादक कंपनी नहीं है, बल्कि भारत के औद्योगिक, अधोसंरचनात्मक और सामरिक विकास की रीढ़ भी है। रेलवे, रक्षा, निर्माण और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सेल का योगदान अमूल्य है। इस कैश कलेक्शन ने साबित किया है कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियाँ भी वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूती से खड़ी हो सकती हैं।

प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान में SAIL की यह सफलता मील का पत्थर साबित हो रही है। देश के आर्थिक और औद्योगिक आत्मबल के प्रतीक के रूप में SAIL की यह प्रगति, भारत को वैश्विक मंच पर मजबूत करती है।

9597 करोड़ का यह आंकड़ा आने वाले समय की दिशा तय करता है। यह सिर्फ उपलब्धि नहीं, बल्कि एक उत्तरदायित्व भी है कि सेल परिवार इसे और ऊँचाई तक पहुँचाए। इस अवसर पर IISCO OFFICERS’ ASSOCIATION, SEFI और सेल के प्रबंधन को एकजुट होकर अधिकारियों की उम्मीदों को साकार करना होगा।

श्री सुशील कुमार सुमन ने अपनी शुभकामनाओं के साथ यह भी दोहराया कि यह सिर्फ शुरुआत है, आने वाला समय और भी ऐतिहासिक होगा। “SAIL परिवार की यह सफलता देश की सफलता है। इसके हर सदस्य को गर्व है और प्रेरणा भी।”

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