Howrah – Delhi रेलवे लाइन से कुछ दूर धंसान, दहशत
बंगाल मिरर, आसनसोल: जिले में दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन के समीप बादकोठी क्षेत्र में 60 मीटर की दूरी पर एक गंभीर धंसान की घटना सामने आई है। यह क्षेत्र वर्षों पहले ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) के चानक का हिस्सा था, जहां खनन गतिविधियों के कारण जमीन की संरचना कमजोर हो चुकी है। आसपास के इलाकों में बसे लोगों के लिए यह धंसान एक बड़ा खतरा बन गया है।स्थानीय लोगों के अनुसार, धंसान की यह घटना गुरुवार देर रात हुई, जब रेलवे लाइन से कुछ ही दूरी पर जमीन अचानक धंस गई। धंसान का क्षेत्र लगभग 20-25 मीटर चौड़ा बताया जा रहा है, जिसके कारण आसपास के घरों में दरारें पड़ने की खबरें हैं। इस इलाके में कई परिवार रहते हैं, जो अब अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।




ईसीएल के पुराने खनन का असर
बादकोठी और आसपास के क्षेत्रों में वर्षों पहले ईसीएल द्वारा कोयला खनन किया गया था। विशेषज्ञों का मानना है कि पुराने खनन कार्यों के कारण भूमिगत संरचना कमजोर हो गई, जिसके परिणामस्वरूप समय-समय पर धंसान की घटनाएं हो रही हैं। स्थानीय निवासी रामप्रसाद महतो ने बताया, “हम लोग डर के साए में जी रहे हैं। रेलवे लाइन के इतने करीब धंसान होना बहुत खतरनाक है। अगर यह रेलवे ट्रैक तक पहुंच गया, तो बड़ा हादसा हो सकता है।”।
रेलवे और प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना की सूचना मिलते ही रेलवे अधिकारियों और जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। रेलवे ने दिल्ली-हावड़ा रूट पर ट्रेनों की आवाजाही को कोई खतरा नहीं बताया,। धंसान के प्रभाव और रेलवे ट्रैक की सुरक्षा का आकलन कर रही है।
*स्थानीय लोगों में दहशत**
बादकोठी और आसपास के गांवों में रहने वाले लोग इस घटना से डरे हुए हैं। स्थानीय निवासी ने कहा, “हमारे घरों में दरारें पड़ रही हैं। रात को नींद नहीं आती, क्योंकि पता नहीं कब जमीन धंस जाए। प्रशासन को हमें सुरक्षित जगह पर बसाने की व्यवस्था करनी चाहिए।” लोगों ने मांग की है कि सरकार और ईसीएल इस क्षेत्र में धंसान रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए।
**विशेषज्ञों की चेतावनी**
भू-वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि पुराने खनन क्षेत्रों में धंसान का खतरा हमेशा बना रहता है। एक विशेषज्ञ ने बताया, “खनन के बाद भूमिगत खाली स्थान भरने की प्रक्रिया ठीक से नहीं की गई, जिसके कारण जमीन धंस रही है। रेलवे लाइन के इतने करीब धंसान होना एक गंभीर चेतावनी है।” उन्होंने सुझाव दिया कि इस क्षेत्र में नियमित निगरानी और भू-तकनीकी सर्वेक्षण की जरूरत है।
**प्रशासन के सामने चुनौती** जिला प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्र के लोगों को आश्वासन दिया है कि उनकी सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे। फिलहाल, प्रशासन ने लोगों से धंसान क्षेत्र के पास न जाने की अपील की है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है। इस घटना ने एक बार फिर खनन प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा और पुनर्वास के सवाल को चर्चा में ला दिया है।