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Asansol Cyber Fraud : डिजिटल अरेस्ट के  नाम पर ठगे 1.27 करोड़

बंगाल मिरर, एस सिंह, बर्नपुर : ( Asansol Cyber Fraud )  हीरापुर थानान्तर्गत आसनसोल के रवीन्द्र नगर स्थित डॉली लॉज इलाके में एक व्यक्ति से एक करोड़ 27 लाख रुपये की साइबर ठगी का ममाला सामना आया है। पीड़ित तपन कुमार माजी ने आरोप लगाया है कि साइबर अपराधियों ने उन्हें डिजिटल तरीके से गिरफ्तार कर मुंबई पुलिस और सीबीआई बताकर 1 करोड़ 27 लाख 04,332 रुपये की ठगी की है।  उन्होंने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कर पूरी घटना बताई। आसनसोल साइबर थाना  ने बीएनएस 308(6), 316 (2), 318(4), 319(2), 336 (3), 338, 340(2), 61(2) के तहत मामला दर्ज का जांच शुरू कर दी है। 

शिकायतकर्ता तपन कुमार माजी के अनुसार 4 अगस्त को एक नंबर से सुबह लगभग 10:30 बजे राहुल रॉय डीजीसीए कहकर एक फोन कॉल आया। उन्होंने उन्हें बताया कि मुंबई में एक मोबाइल सिम कार्ड जारी किया गया है और उनके आधार नंबर का उपयोग करके केनरा बैंक में एक खाता खोला गया है। इस खाते से 2,00,00,000 रुपये का लेन-देन हुआ है और बताया गया कि सिम कार्ड और रुपये अवैध गतिविधियों और मनी लॉन्ड्रिंग अपराध में शामिल है। इसके बाद एक अज्ञात मोबाइल नंबर से व्हाट्सएप पर कॉल आया और बताया गया कि वे मुंबई पुलिस/सीबीआई से हैं। उसने अपनी मुंबई पुलिस आईडी दिखाया और पुलिस की वर्दी पहने हुए थी।

उसने उन्हें धोखाधड़ी वाले नंबर के बारे में बताया और कहा कि उनके नाम पर केनरा बैंक का एक बैंक खाता सक्रिय किया गया है, जिसमें भारीमात्रा में लेन-देन हुआ है और इसका इस्तेमाल किसी समूह को मनीलॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के फंडिंग  के लिए किया जा रहा है। इसके बाद उसने उन्हें उस धोखाधड़ी वाले बैंक खाते का बैंक स्टेटमेंट और डेबिट कार्ड की तस्वीर भेजी। इसके अलावा उसने कहा कि उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में डिजिटल रूप से गिरफ्तार किया गया है ।

उसने मुझे प्रवर्तन निदेशालय से गिरफ्तारी वारंट, भारतीय रिजर्व बैंक एवं भारत के सर्वोच्च न्यायालय के कुछ दस्तावेज भी भेजे। फिर उसने वीडियो कॉल एक व्यक्ति को सौंप दी, जिसे उसने पुलिस वर्दी पहने एक अधिकारी बताया। उस व्यक्ति ने 4 अगस्त, 2025 से 13 अगस्त, 2025 तक उसे डिजिटल अरेस्ट कर 24 घंटे व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए लगातार नजर रख उसे डराकर कुल 1,27,04,332 रुपये 13 किश्तों में ले लिया। इसके बाद जब उन्हें ठगी का एहसास हुआ तो साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई गई।

गौरतलब है कि बार- बार पुलिस द्वारा कहा जाता है कि डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई चीज नहीं है, यह सिर्फ एक छलावा है, लेकिन लोग भ्रम में पड़कर ठगी का शिकार हो जाते हैं। इस तरह का कोई काल आने पर पुलिस को बतायें। 

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