SAIL ISP UNION ELECTION हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, यूनियनों ने किया स्वागत
बंगाल मिरर, एस सिंह , बर्नपुर : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आसनसोल-बर्नपुर-कुल्टी मेटल एंड इंजीनियरिंग वर्कर्स यूनियन बनाम भारत संघ व अन्य (केस नंबर: WPA 10299/2025) मामले में महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है। न्यायमूर्ति शम्पा दत्त (पॉल) ने 24 सितंबर 2025 को दिए अपने फैसले में ट्रेड यूनियन चुनाव को लेकर केंद्र सरकार के हस्तक्षेप को अवैध ठहराते हुए, पश्चिम बंगाल राज्य सरकार को चुनाव कराने का अधिकार सौंपा। इंटक कर्यालय में यूनियनों ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस का हाई कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया इस अवसर परइंटक से हरजीत सिंह, बिप्लव माजी, विजय सिंह, सीटू से सौरेन च्चाटर्जी, एचएमएस से मुमताज अहमद, एटक से आरएन सिंह ने विस्तार से जानकारी दी।



मामले की मुख्य बातें पृष्ठभूमि:
यह मामला स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) के बर्नपुर इस्पात कारखाने (ISP) में ट्रेड यूनियन चुनाव से संबंधित है, जहां लगभग 3700 स्थायी कर्मचारी कार्यरत हैं। अब तक Trade Unions Act, 1926 के तहत मान्यता के लिए कोई चुनाव नहीं हुआ था।याचिकाकर्ताओं की दलील: याचिकाकर्ता असांसोल-बर्नपुर-कुल्टी मेटल एंड इंजीनियरिंग वर्कर्स यूनियन ने दावा किया कि सभी यूनियनें पश्चिम बंगाल सरकार के अधीन पंजीकृत हैं और उनकी गतिविधियां राज्य तक सीमित हैं। केंद्र सरकार का चुनाव में हस्तक्षेप प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन है।
प्रतिवादी की दलील:
बर्नपुर इस्पात कर्मचारी संघ (BMS, प्रतिवादी संख्या 8) ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और अब अदालत को इसमें दखल नहीं देना चाहिए। उन्होंने WPA 27274/2024 के आदेश को वैध ठहराया।न्यायालय का विश्लेषण: अदालत ने पाया कि WPA 27274/2024 में याचिकाकर्ताओं को पक्षकार नहीं बनाया गया, जो प्राकृतिक न्याय का उल्लंघन है। सभी यूनियनें पश्चिम बंगाल तक सीमित हैं, इसलिए केंद्र सरकार का हस्तक्षेप अनुचित है।
न्यायालय का निर्णय
पिछले आदेश का संशोधन: 25 फरवरी 2025 के आदेश को समीक्षा कर संशोधित किया गया।चुनाव का अधिकार: पश्चिम बंगाल राज्य सरकार को ट्रेड यूनियन चुनाव कराने का अधिकार दिया गया।नई प्रक्रिया: राज्य सरकार को तीन महीने के भीतर नई सत्यापन प्रक्रिया शुरू कर पूरा करने का निर्देश।पिछली प्रक्रियाएं रद्द: 22 अप्रैल 2025 का नोटिस, 28 अप्रैल 2025 की बैठक और चुनाव कार्यक्रम रद्द।पारदर्शिता का आदेश: चुनाव गुप्त मतदान द्वारा, Registrar of Trade Unions, West Bengal की निगरानी में होगा।केंद्र का हस्तक्षेप बंद: केंद्र सरकार को चुनाव प्रक्रिया में दखल देने से रोका गया।अन्य निर्देश: सभी यूनियनों को निष्पक्ष अवसर, पारदर्शी प्रक्रिया और कर्मचारियों के हितों की रक्षा सुनिश्चित करने का आदेश।