सोना – हर निवेशक की kitty का जरूरी हिस्सा, पर समझदारी से !
सोना – हर निवेशक की kitty का जरूरी हिस्सा, पर समझदारी से!✍️ लेखक: रितेश कुमार जालान, Certified Financial Planner®,Partner atSampark Online Finserv LLP दीवाली का मौसम आते ही सोने-चाँदी की चमक एक बार फिर बढ़ जाती है। भारतीय संस्कृति में सोना न केवल शगुन का प्रतीक है, बल्कि आर्थिक सुरक्षा का एक भरोसेमंद जरिया भी माना जाता है। परंतु आज जब सोने के दाम 130,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब पहुँच रहे हैं, ऐसे में जरूरी है कि निवेशक भावनाओं से नहीं, बल्कि योजना और विवेक से निर्णय लें।—सोना – एक मजबूत Asset Class के रूप मेंसोना सदियों से एक सुरक्षित निवेश रहा है।



बीते 10 वर्षों में सोने ने औसतन 9–10% वार्षिक रिटर्न दिए हैं — जो महंगाई की दर को मात देने वाले हैं। पिछले कुछ वर्षों में डॉलर की मजबूती, वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और केंद्रीय बैंकों द्वारा की गई सोने की भारी खरीद के कारण इसकी मांग और कीमत दोनों में उछाल देखा गया है।वैश्विक स्तर पर जब भी डॉलर पर दबाव बढ़ता है या ब्याज दरों में अनिश्चितता आती है, तो सोने की मांग बढ़ जाती है। क्योंकि निवेशक इसे एक safe-haven asset यानी सुरक्षित ठिकाना मानते हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध, मध्य पूर्व संकट और वैश्विक मंदी के डर जैसे हालातों में सोने ने एक बार फिर अपनी चमक साबित की है।—
क्यों जरूरी है Gold को Portfolio में रखना
सोना किसी कंपनी की कमाई या नीति पर निर्भर नहीं करता। यह हर निवेश पोर्टफोलियो में एक “risk balancer” के रूप में काम करता है।हालाँकि, सोना ब्याज या डिविडेंड नहीं देता, इसलिए इसे wealth preservation का माध्यम माना जाता है, न कि wealth creation का।एक Certified Financial Planner® के तौर पर मेरा मानना है कि हर निवेशक को अपने निवेश पोर्टफोलियो में 10% से 20% तक सोने का आवंटन (allocation) रखना चाहिए — ताकि महंगाई और बाजार की अस्थिरता से सुरक्षा मिल सके। लेकिन इससे ज़्यादा निवेश पोर्टफोलियो की growth को धीमा कर सकता है।—
सोने में निवेश के आधुनिक और सुविधाजनक माध्यम
आज के दौर में निवेशक के पास सोने में निवेश के कई माध्यम उपलब्ध हैं —1. Physical Gold: गहने या सिक्के, पर इसमें purity और storage की चुनौतियाँ हैं।2. Gold ETFs (Exchange Traded Funds): Demat खाते के ज़रिए डिजिटल रूप में निवेश — सुरक्षित और पारदर्शी।3. Sovereign Gold Bonds (SGBs): सरकार द्वारा जारी बॉन्ड, जो हर साल 2.5% ब्याज देते हैं और टैक्स लाभ भी उपलब्ध कराते हैं।4. Gold Mutual Funds: जो Gold ETFs में निवेश करते हैं — यह छोटे निवेशकों के लिए सबसे आसान और सुविधाजनक विकल्प है।मेरी राय में, Gold Mutual Funds आज के समय के सबसे व्यावहारिक विकल्प हैं — इनमें न purity की समस्या है, न liquidity की, और न ही theft का जोखिम।इसमे SIP के माध्यम से भी invest किया जा सकता है—भीड़ के पीछे मत भागिए – निवेश लक्ष्य देखकर करेंदीवाली या शादियों के मौसम में जब सोने की कीमतें तेज़ी से बढ़ती हैं, तो कई निवेशक जल्दबाजी में खरीदारी करते हैं। इसे herd mentality कहते हैं — जब लोग दूसरों को देखकर निर्णय लेते हैं, बिना अपने वित्तीय उद्देश्यों को समझे।याद रखिए, निवेश का निर्णय भावना नहीं, लक्ष्य से तय होना चाहिए।
सोना तभी खरीदें जब वह आपके दीर्घकालिक पोर्टफोलियो और फाइनेंशियल प्लान का हिस्सा हो — न कि सिर्फ़ “trend” का हिस्सा।—निष्कर्ष – सोने की चमक तभी फायदेमंद जब ज्ञान के साथ हो निवेशसोना एक जरूरी milestone asset है, पर इसे हमेशा सही अनुपात और सही माध्यम से खरीदना चाहिए।Festive season में भी निवेश में संयम और समझदारी ही दीर्घकालिक धन-संपत्ति का आधार है।
💡 इस दीवाली निवेश से पहले सोचिए – यह “भावना” के लिए है या “लक्ष्य” के लिए? क्योंकि #Siphaitohmumkinhai – जब निवेश ज्ञान और अनुशासन के साथ किया जाए।—Disclaimer:यह लेख केवल सामान्य निवेश शिक्षा और जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई राय लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं, जो किसी विशेष व्यक्ति की वित्तीय स्थिति या उद्देश्य के अनुसार नहीं हैं। निवेश का निर्णय लेने से पहले अपने Advisor. CFP® QPFP® से परामर्श अवश्य करें।#samparkonline #Learnb4uEarn #Siphaitohmumkinhai