AG Church Controversy सड़क पर आया, 8000 विद्यार्थियों के भविष्य का क्या होगा ?
बंगाल मिरर, आसनसोल, 28 अक्टूबर 2025**: पश्चिम बंगाल के आसनसोल साउथ पुलिस फाड़ी इलाके में स्थित प्रसिद्ध आसनसोल एजी चर्च (Assembly of God Church) पर ताला लगने से हंगामा मच गया है। 15 जनवरी 1963 को एजीएनआई (Assembly of God North India) द्वारा स्थापित इस चर्च में वर्तमान प्रबंध समिति के पदाधिकारियों ने प्रबंधन विवाद के चलते ताला जड़ दिया, जिसके चलते करीब 100 से अधिक पादरी और एक हजार से ज्यादा अनुयायी प्रार्थना से वंचित हो गए हैं। चर्च के बाहर धरना शुरू हो गया है और अनुयायियों ने पुलिस से दरवाजा खोलने की गुहार लगाई है।













एजी चर्च प्रबंध समिति के सदस्य के. प्रभाकर राव ने बताया कि चर्च में 100 से अधिक पादरियों की सैलरी रुक गई है। वे भूखे-प्यासे हैं और घर का किराया तक नहीं चुका पा रहे। अनुयायी परमेश्वर की आराधना से महरूम हो रहे हैं। उन्होंने कहा, “मंदिर कभी बंद नहीं होना चाहिए। बाहर पुजारी और भक्त खड़े हैं, उन्हें भक्ति से दूर क्यों किया जा रहा?” राव ने आसनसोल साउथ पुलिस फाड़ी थाने और आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नर को लिखित शिकायत सौंपी है।
उनका भरोसा कानून व्यवस्था पर है, लेकिन आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक न्याय न मिले।यह विवाद पिछले कई महीनों से एजीएनआई और एजी चर्च सोसाइटी के बीच संपत्ति को लेकर चल रहा है। समिति के सदस्य दो गुटों में बंट गए हैं—एक गुट एजीएनआई के साथ है, जबकि दूसरा गुट स्कूल प्रबंधन को स्वतंत्र संस्था बताते हुए अपनी संपत्ति होने का दावा कर रहा है। उनका कहना है कि उन्होंने खुद रजिस्ट्रेशन कराया और लेखा-जोखा उनके पास है, प्रबंधन में कोई बाहरी हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। वहीं, एजीएनआई का तर्क है कि कागजी देरी के कारण उन्होंने रजिस्ट्रेशन कराया था, और अब सदस्य उसी के खिलाफ खड़े हो गए हैं। राव ने खुद बताया कि वे समिति सदस्य होने के बावजूद चर्च कार्यालय में घुस नहीं पा रहे।
इसी बीच, एजी चर्च स्कूल में एडमिशन घोटाले का मामला भी सामने आया है। दो एजेंटों को गिरफ्तार किया गया है, और बड़ी राशि की लेन-देन का खुलासा हुआ है। राव ने कहा कि मामला पुलिस और अदालत के पास है, दोषियों को सजा मिलेगी।चर्च के बंद होने से चिंता बढ़ रही है कि कहीं स्कूल पर भी ताला न लग जाए। एजी चर्च स्कूल के चार ब्रांचों में 8,000 से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ रही हैं, और सैकड़ों शिक्षक जुड़े हैं। अभिभावक बच्चों के भविष्य को लेकर परेशान हैं। पुलिस ने शिकायत दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, लेकिन विवाद सुलझने का नाम नहीं ले रहा।


