Asansol : कम्युनिटी सेंटर पर कब्जा लेने पहुंची निगम टीम और पार्षद के बीच तीखा विवाद, एमबी एंटरप्राइज पर आरोप
एमबी एंटरप्राइज ने आरोप को बताया बेबुनियाद
बंगाल मिरर आसनसोल, 3 नवंबर 2025: आसनसोल नगर निगम के 23 नंबर वार्ड में लाइवलीहुड सेंटर को लेकर सोमवार को जमकर विवाद हो गया। निगम के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर आरके श्रीवास्तव के नेतृत्व में पहुंची एक टीम ने टेंडर प्रक्रिया के तहत सेंटर का कब्जा एमबी एंटरप्राइज को दिलाने का प्रयास किया, लेकिन स्थानीय पार्षद सीके रेशमा ने इसका जबरदस्त विरोध किया। पार्षद ने न केवल टीम को रोक दिया, बल्कि पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग भी कर डाली।













पार्षद सीके रेशमा ने आरोप लगाया कि एमबी एंटरप्राइज पहले भी निगम द्वारा निर्मित गीतो वितान का टेंडर हासिल कर चुकी है। इसके बाद कंपनी ने वहां स्विमिंग पूल और रेस्टोरेंट जैसी निजी व्यावसायिक सुविधाएं स्थापित कर दीं। रेशमा ने कहा, “ये कम्युनिटी हॉल गरीबों और जरूरतमंदों के लिए बनाए जाते हैं, लेकिन एमबी एंटरप्राइज जैसी कंपनियां ऊंची बोली देकर इन्हें हथिया रही हैं और निजी लाभ के लिए इस्तेमाल कर रही हैं। इससे इलाके के गरीब निवासी इन सुविधाओं से वंचित हो जाएंगे।” उन्होंने निगम अधिकारियों को सेंटर में प्रवेश करने से रोका और इसकी जानकारी सोशल मीडिया के जरिए जनता तक पहुंचाई।
रेशमा ने आगे कहा कि एक ही कंपनी को बार-बार निगम के सभी कम्युनिटी हॉल्स के टेंडर कैसे मिल रहे हैं, यह जांच का विषय है। उन्होंने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के लिए हाई पावर कमेटी गठित करने की मांग की है। पार्षद का कहना है कि निगम की यह नीति गरीब-विरोधी है और स्थानीय विकास को प्रभावित कर रही है।
दूसरी ओर, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर आरके श्रीवास्तव ने विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि टेंडर प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और स्वच्छ तरीके से हुई है। “एमबी एंटरप्राइज ने वैध बोली लगाकर यह सेंटर हासिल किया है। निगम का कर्तव्य है कि टेंडर जीतने वाली कंपनी को कब्जा सौंपा जाए। हम आज यही काम करने पहुंचे थे, लेकिन स्थानीय पार्षद द्वारा बाधा डाली जा रही है।” श्रीवास्तव ने पार्षद की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा, “शायद उन्होंने भी टेंडर में भाग लिया हो, लेकिन न मिलने पर अब निगम के काम में बाधा पहुंचा रही हैं। पार्षद की भूमिका विकास में सहयोग की होनी चाहिए, न कि अवरोध की।”
यह विवाद आसनसोल नगर निगम में टेंडर प्रक्रिया और कम्युनिटी सुविधाओं के निजीकरण को लेकर बढ़ती असंतोष को उजागर करता है। स्थानीय निवासियों ने भी पार्षद के पक्ष का समर्थन किया है, जबकि निगम प्रशासन ने कहा है कि मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में है। फिलहाल, सेंटर का कब्जा सौंपने का प्रयास रुक गया है, और जांच की मांग तेज हो रही है।
वही एमबी इंटरप्राइजेज की ओर से मोनिदीपा भट्टाचार्य ने आरोप को गलत बताया। वह इसे लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना पक्ष रखेंगी। उन्होंने आरोप को भ्रामक और गलत करार दिया।

