SIR का खौफ दुर्गापुर के तालतला बस्ती में 60% घरों में ताला, भंगार वाले गायब
बंगाल मिरर, दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल), 9 नवंबर 2025: दुर्गापुर के वार्ड नंबर 8 स्थित तालतला बस्ती में SIR 2025 के डर से अफरा-तफरी मच गई है। बस्ती के अधिकांश परिवार घर छोड़कर फरार हो गए हैं। लगभग 60 प्रतिशत घरों में ताला लटक रहा है। पुराने लोहे और टिन की सामग्री खरीदने वाले भंगार वाले (स्क्रैप डीलर) अचानक गायब हो गए हैं।यह बस्ती प्रांतिका बस स्टैंड के पास स्थित है और यही भंगार वालों का मुख्य अड्डा माना जाता है। सड़क किनारे उनके साइकिल वैन चेन से बंधे तालाबंद पड़े हैं। कई घरों में ताला लगा हुआ है। सरकारी सर्वे शुरू होते ही ये लोग घरों में ताला लगाकर गायब क्यों हो गए?













जांच से पता चला है कि ये भंगार वाले दुर्गापुर के स्थायी निवासी नहीं हैं। अधिकांश मुर्शिदाबाद, बीरभूम सहित विभिन्न जिलों से आए हैं, जबकि बाकी बीरभूम जिले के हैं। सर्वे शुरू होने की खबर जैसे ही उनके मूल गांवों में पहुंची, वहां से सूचना आई कि बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) कर्मी घर-घर जा रहे हैं। वे वोटरों की तलाश कर रहे हैं और 2002 की वोटर लिस्ट में नाम होने की जांच कर रहे हैं। एन्यूमरेशन फॉर्म भरवाया जा रहा है, जिसे जमा करना अनिवार्य है। नहीं तो नागरिकता पर संकट आ सकता है।इस खबर के मिलते ही तालतला बस्ती के लोग घरों में ताला लगाकर फॉर्म जमा करने के लिए मुर्शिदाबाद और अन्य जिलों में चले गए।
जिन लोगों का वोटर कार्ड तालतला बस्ती के पते पर बन चुका है, वे यहीं रुके हुए हैं। बाकी डर के मारे भाग निकले हैं।स्थानीय लोगों का कहना है कि एनआरसी और सीएए को लेकर अफवाहों ने लोगों में दहशत पैदा कर दी है। बस्ती में सन्नाटा पसरा हुआ है और कई परिवार बिना बताए चले गए। प्रशासन का कहना है कि यह नियमित वोटर लिस्ट अपडेट प्रक्रिया है, लेकिन प्रवासी मजदूरों में भय व्याप्त है। फिलहाल बस्ती में पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है। यह घटना एक बार फिर प्रवासी नागरिकों की नागरिकता संबंधी चिंताओं को उजागर करती है।

