Asansol : उर्दू अकादमी द्वारा नेहा सिंह राठौर का कार्यक्रम, भाजपा नेता ने साधा निशाना उर्दू से क्या है कनेक्शन नेहा का
बंगाल मिरर, आसनसोल: आसनसोल के उर्दू भाषी समुदाय ने अपनी उच्च शिक्षा की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए एक उर्दू कॉलेज स्थापित करने की लंबे समय से मांग की है, लेकिन इस मांग के बीच एक नया विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा नेता और आसनसोल के पूर्व मेयर जितेन्द्र तिवारी का आरोप है कि उर्दू भाषियों की मुख्य ज़रूरत को नज़रअंदाज़ करते हुए, शहर में ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है जिनका उर्दू भाषा या संस्कृति से सीधा संबंध नहीं है।














उर्दू कॉलेज की आवश्यकता
आसनसोल में बड़ी संख्या में उर्दू बोलने वाली आबादी रहती है, जिसके कारण छात्रों को उर्दू माध्यम में या उर्दू विषय के साथ उच्च शिक्षा प्राप्त करने में कठिनाई होती है। स्थानीय नेताओं और शिक्षाविदों का मानना है कि एक समर्पित उर्दू कॉलेज की स्थापना से इस क्षेत्र के छात्रों के लिए उच्च शिक्षा के अवसर खुलेंगे और उर्दू भाषा तथा संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा।
नेहा सिंह राठौर के कार्यक्रम पर आपत्ति
हाल ही में, शहर में भोजपुरी लोक गायिका नेहा सिंह राठौर के कार्यक्रम की घोषणा की गई, पश्चिम बंगाल उर्दू अकादमी की ओर से आगामी 1 दिसंबर को यह आयोजन होगा। जिस पर जितेंद्र तिवारी ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि जहाँ एक ओर उर्दू कॉलेज की मूलभूत मांग अधूरी है, वहीं प्रशासन और स्थानीय निकाय द्वारा ऐसे कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी जा रही है जिनका उर्दू भाषा के उत्थान से कोई सीधा संबंध नहीं है। कहा, “हमारा मुद्दा यह नहीं है कि नेहा सिंह राठौर जी का कार्यक्रम हो या नहीं, बल्कि यह है कि जब शहर में उच्च शिक्षा के लिए उर्दू कॉलेज की सख्त ज़रूरत है, तो उस पर कोई ध्यान क्यों नहीं दिया जा रहा है? इस तरह के कार्यक्रम हमारी मुख्य समस्या का समाधान नहीं हैं।”
समुदाय की प्रतिक्रिया
उर्दू भाषी समुदाय के प्रतिनिधियों ने स्थानीय प्रशासन से अपील की है कि वे उनकी शैक्षिक आवश्यकताओं को गंभीरता से लें। उन्होंने कहा है कि केवल सांस्कृतिक आयोजनों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, छात्रों के भविष्य से जुड़े उर्दू कॉलेज की स्थापना की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं। समुदाय ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग जल्द पूरी नहीं हुई तो वे वृहद् स्तर पर आंदोलन शुरू कर सकते हैं।यह देखना होगा कि स्थानीय प्रशासन और सरकार इस ज्वलंत मुद्दे पर क्या कदम उठाती है।

