छोटे एवं मझौले व्यापारियों के लिए पैकेज का ऐलान करे सरकारः रानीगंज चेम्बर ऑफ कामस॔
बंगाल मिरर, दलजीत सिंह रानीगंज: रानीगंज चेम्बर ऑफ कामस॔ के सचिव श्री ओमप्रकाश केजरीवाल ने भारत सहित विश्व भर मे फैले कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर लागू किए गए लॉक डॉउन सहित उठाए गए अन्य कदमो की सराहना करते हुए कहा है कि देश के समस्त 6.50 करोड़ व्यापारी न सिर्फ उनके साथ ख़ड़े हैं, बल्कि उनके द्वारा सुझाए गए उपायों का अक्षरतः पालन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते इस समय देश एक कठिन दौर से गुजर रहा है। इस महामारी से हजारो लोग जूझ रहे हैं और बहुत सारे लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं। लिहाजा इस महामारी से बचने के लिए सरकार व विशेषज्ञों द्वारा सुझाए गए सभी उपायों का पालन करना हम सभी का नैतिक कर्तव्य है और मुझे खुशी है कि इस समय समस्त व्यापारी और देशवासी इसका पालन कर रहे हैं।
केजरीवाल ने कहा कि लॉक डॉउन के इस दौर मे सभी आवश्यक वस्तुओं की निर्वाध आपूर्ति एवं उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु समस्त व्यापारी पूरे प्रयास कर रहे हैं। वहीं सरकार ने भी व्यापार एवं उद्योग जगत को राहत देने के लिए पैकेज का ऐलान किया है लेकिन इस पैकेज का लाभ सिर्फ उच्च-मध्यम एवं उच्च वर्ग तक ही सीमित है, छोटे एवं मध्यम वर्ग के व्यापारियों को इसका जरा भी लाभ नहीं है।
उन्होंने कहा कि पहले नोटबंदी, फिर सहकारी बैंको के डूबने और अब कोरोना संक्रमण के कारण यदि सबसे ज्यादा मार पड़ी है तो वह छोटे एवं मध्यम वर्ग के व्यापारियों पर, इसमें सबसे बड़ी भूमिका अदा की है आन लाईन कम्पनियों ने । इस वर्ग को राहत के लिए सरकार की ओर से अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। इसलिए सरकार से मेरा विनम्र अनुरोध है कि वह छोटे एवं मझौले वर्ग के व्यापारियों को राहत देने के लिए जल्द से जल्द पैकेज देने का ऐलान करे ताकि उनके नुकसान की भरपाई हो सके।
केजरीवाल ने बताया कि एक छोटा व्यापारी कम से कम 15 लोगो का पेट पालता है। इसमे उसका और उस पर आश्रित कर्मचारियों का परिवार भी शामिल है। इस वर्ग को बैंको की तरफ से भी कोई ऐसी सुविधा नहीं मिलती है ,जैसी कि बड़ी-बड़ी कंपनियों को मिलती है। छोटा एवं मझौला व्यापारी अपने द्वारा ही जुटाई गई पूंजी से ही अपना कारोबार करता है और अपने ऊपर निर्भर न सिर्फ सभी का पेट पालता है बल्कि सामाजिक दायित्व का निर्वाह करते हुए संकट के दौर मे या फिर अन्य समय में देश व समाज की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आर्थिक मदद भी करता है।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय मे जब यह संकट का दौर समाप्त हो जाएगा तब छोटे एवं मध्यम वर्ग के व्यापारियों के सामने कारोबार करने की बड़ी चुनौती होगी क्योंकि बाजार से पैसा आएगा नहीं और उसके पास न ही इतनी पूंजी होगी कि वह दुकान चलाने के लिए नए सिरे से माल खरीद सके। बैंको से भी उसे कोई मदद मिलने की संभावना नहीं है। ऐसे मे इस वर्ग के सामने रोजी-रोटी की बड़ी समस्या खड़ी होने वाली है। इस वर्ग पर आने वाले इस संकट से बचाने के लिए जरूरी है कि सरकार समय रहते कोई कोई ठोस कदम उठाए ताकि वह अपना और अपने पर आश्रित लोगो का पेट पाल सके। इसके लिए जरूरी है कि सरकार छोटे एवं मध्यम वर्ग के कारोबारियों के लिए अलग से पैकेज की घोषणा करे।