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कोयला उद्योग में 18 को हड़ताल की तैयारी

बंगाल मिरर, विकास प्रसाद, सांकतोड़िया 29 जुलाई : कोयला उद्योग में कमर्शियल माइनिंग के विरुद्ध 18 अगस्त को कोयला उद्योग में एक दिवसीय हड़ताल की मुक्कमल तैयारियों में श्रमिक संगठन भीड़ गए हैं।


जानकारी देते हुए कोलियरी मजदूर यूनियन (इंटक) के कार्यकारी अध्यक्ष पजय मसीह ने कहा कि कमर्शियल माइनिंग के विरुद्ध सभी केंद्रीय श्रमिक संगठन कमर कस कर मैदान में उतर चुके हैं। कहा श्रमिक संगठनों द्वारा 9 अगस्त को सेव इंडिया अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत पूरे कोल इंडिया में सभी इकाइयों, मुख्यालयों पर धरना दिया जाएगा एवं प्रदर्शन किया जाएगा।

गौरतलब हो कि बीते 5 जुलाई को पांचो केंद्रीय श्रमिक संगठनों की वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए बैठक हुई थी। इसके बाद ही संयुक्त मोर्चा की ओर से डॉ बसंत कुमार राय ने 18 अगस्त को कोयला उद्योग में एक दिवसीय हड़ताल की जानकारी दी थी। इसे लेकर राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन (इंटक) से संलग्न कोयला उद्योग के सभी संगठनों को अपने अपने खानों एवं प्रतिष्ठानों में कमर्शियल माइनिंग के विरुद्ध जनसंपर्क एवं जागरण अभियान चालू रखने का अनुरोध किया गया है।
इस विषय में एक मुलाकात के दौरान कोलियरी मजदूर यूनियन (इंटक) के कार्यकारी अध्यक्ष पजय मसीह ने जानकारी दी कि कमर्शियल माइनिंग के विरोध में 18 अगस्त को कोयला उद्योग में एक दिवसीय हड़ताल को सफल बनाने के लिए भरपूर प्रयास किया जा रहा है। 2,3 एवम 4 जुलाई की हड़ताल की सफलता के बाद श्रमिकों के मनोबल उफान पर हैं।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन के महासचिव एस क्यू जमा द्वारा ठेका मजदूरों सहित हड़ताल करने वाले किसी भी मजदूर के विरुद्ध किसी भी प्रकार की कार्रवाई होती है तो उसका जमकर विरोध करने, तथा प्रबंधन या किसी ठेकेदार द्वारा पांचों संगठन की एकता को तोड़ने या विफल करने के किसी भी प्रयास का भरपूर विरोध करने को कहा गया है।
इधर हड़ताल में सम्मिलित मांगो; विशेष कर ठेका मजदूरों को हाई पावर कमिटी या कोल इंडिया के 2013 के सर्कुलर के अनुसार वेतन एवं अन्य मांगों; जैसे कि वेतन समझौते की धारा 9.3.0, 9.4.0, 9.5.0 के अनुरूप मेडिकल जांच एवं आश्रितों को रोजगार देने सहित अन्य मांगों के अमली करण के लिए प्रबंधन पर दबाव बनाए जाने को कहा गया है।
राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन के महासचिव एस.क्यू जमा ने नीलामी के लिए प्रस्तावित 40 कोल ब्लॉक स्थित गांवों का दौरा कर पूरी मैपिंग इकट्ठा करने, आदिवासी सहित ग्रामवासियों एवं पर्यावरण सहित अन्य एन जी ओ से सीधा संपर्क कर उनका समर्थन प्राप्त करने का अभियान चलाने की अपील की है।
बताते चलें कि महाराष्ट्र स्थित ‘बंदर’ कोयला ब्लॉक के ‘टाइगर कॉरिडोर’ होने के कारण रद्द कर दिया गया है।
इसके साथ ही कार्यक्रम के तहत विशेष अभियान द्वारा खदानों में सुरक्षा नियमों का आकलन करने तथा सुरक्षा नियमों को तत्काल पालन करने के लिए दबाव बनाने, कल्याण संबंधी कमियों को उजागर कर आवासीय, टाउन, कॉलोनियों एवं खदानों के आसपास स्वच्छता अभियान आदि कार्य कराने के लिए दबाव बनाने को भी कहा गया है।

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