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कमेटी घोषणा से पहले, टूटे कईयों के अरमान

टीएमसी नेता गा रहे दिल के अरमां आसुओं में बह गये……..
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बंगाल मिरर, आसनसोल(Asansol News) ः फिल्म निकाह में सलमा आगा द्वारा गाया गया प्रसिद्ध गीत दिल के अरमां आसुओं में बह गये… आजकल शिल्पांचल में तृणमूल कांग्रेस के नेता गा रहे हैं।

तृणमूल की ब्लाक और जिला कमेटी की घोषणा को लेकर सभी के मन में आशा थी कि उनलोगों को पार्टी में जिम्मेदारी मिलेगी।

इसके लिए उनलोगों ने नेताओं के चक्कर काटे तथा पैरवी भी की। नेताओं ने उन्हें भरोसा भी दिलाया था।

लेकिन घोषणा से पहले ही एक सूची सोशल मीडिया में वायरल कर दिया गया।

सूची सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद कई नेताओं की अरमान सूची देखकर टूट गये हैं।

हालांकि टीएमसी नेतृत्व कह रही है कि यह सूची आधिकारिक नहीं है। आधिकारिक सूची प्रदेश नेतृत्व से मंजूरी मिलने के बाद जारी की जायेगी।

लेकिन सूची वायरल होने या करने के पीछे भी टीएमसी की गुटबाजी ही मुख्य कारण है।

यह टीएमसी नेतृत्व का अपना मसला है कि इसे जांच कर सामने ला पाती है या नहीं।

बाजार इलाके से प्रतिनिधित्व की उठी मांग

आसनसोल नगरनिगम के वार्ड संख्या 43 से तीन नेताओं के नाम उस सूची में देखने के बाद आसपास तथा विशेषकर बाजार अंचल के कार्यकर्ताओं में मायूसी है।

वह कह रहे हैं कि आसनसोल बाजार ही शहर का प्रमुख केन्द्र है, जिला कमेटी में बाजार अंचल से ही किसी को नहीं रखा जा रहा है।

यह सही नहीं है। कम से एक प्रतिनिधि बाजार अंचल का जिला कमेटी में होना चाहिए था।

जब राजनीति के केन्द्र में हिन्दू और मुसलमान रहते हैं, तो जातिगत या धार्मिक समीकरण में टीएमसी से जुड़े सिख नेता भी सवाल उठा रहे हैं

कि पार्टी ने न ही राज्य स्तर पर किसी कमेटी में सिखों को प्रतिनिधित्व दिया है

और न ही जिला कमेटी की वायरल सूची में किसी सिख नेता का नाम है। आखिरकार उनलोगों ने क्या अपराध किया है,

जबकि वह लोग शुरू से टीएमसी से जुड़े हैं, उनलोगों को भी प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए था।

जब हर कोई अपनी मांग उठा रहा है, तो आधी आबादी(महिलायें) क्यों पीछे रहे।

राज्य सरकार ने पंचायत में 50 फीसदी आरक्षण महिलाओं को दिया है। वहीं निकाय स्तर पर भी 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित रहती हैं।

इस परिस्थिति में जह महिलाओं को सक्रिय राजनीति में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिलेगा, तो वह लोग आगे कैसे बढ़ेंगी।

एक महिला पार्षद ने इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया देते हुआ बगावत करने की धमकी दे डाली।

आधिकारिक सूची का इंतजार

सूची वायरल होने के बाद पैदा हुयी स्थिति के बाद अब सभी को टीएमसी के आधिकारिक घोषणा का इंतजार है।

आखिरकार कब टीएमसी नेतृत्व आधिकारिक सूची जारी करता है। इस पर सबकी निगाहें टिकी है।

सामने चुनाव होने के कारण ब्लाक अध्यक्षों में बदलाव की संभावना कम ही हैं।

वहीं जिला कमेटी में सभी को खुश करने के लिए भारी-भरकम सूची रहेगी, एेसा माना जा रहा है।

इन सब पर पीके फैक्टर कितना प्रभावी है। यह सूची जारी होने के बाद ही पता चलेगा।

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