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24 घंटे में चाय बागन श्रमिकों को मिलेगा न्यूनतम वेतन : मलय घटक

चाय बागन के श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना कार्यक्रम

24 घंटे में चाय बागन श्रमिकों को मिलेगा न्यूनतम वेतन : मलय घटक
दीप जलाते मंत्री मलय घटक

बंगाल मिरर, विशेष संवाददाता, अलीपुरद्वार : श्रम विभाग द्वारा अलीपुरद्वार के मादरहाट में चाय बागन के श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि राज्य के श्रम, विधि व कानून मंत्री मलय घटक ने कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया।

मौके पर जिले एसपी, जिलापरिषद अध्यक्ष, श्रम विभाग के अतिरिक्त श्रमायुक्त, संयुक्त श्रमायुक्त, तृणमूल कर्मी सहित चाय बागन के श्रमिक मौजूद रहे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री मलय घटक ने कहा की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में गरीबों को सुविधा पहुँचाने के लिए 44 जनहित योजना लागु किया है।

176 रुपये मिलेगी मजदूरी

कोरोना महामारी, लॉकडाउन और अम्फन में प्रभावित लोगों को मदद पहुंचाने के लिए लगातार सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने बताया की सामाजिक सुरक्षा योजना में जुड़ने के लिए कोई शुल्क नही देना पड़ता है।

इस योजना में जुड़ने वाले लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, शादी और डेथ बेनिफिट का लाभ मिलता है। मंत्री मलय घटक ने चाय बागन के श्रमिकों को कहा की चाय बागन श्रमिक यूनियन येदी सभी श्रमिकों के हस्ताक्षर कराकर उन्हें न्यूनतम वेतन का प्रस्ताव देता तो उसे 24 घंटे के अन्दर लागु कर दिया जायेगा।

मंत्री श्री घटक ने तत्कालीन माकपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा की 34 साल माकपा का शासन रहा उस दौरान चाय बागन के श्रमिकों को मात्र 67 रूपये प्रतिदिन दिहाड़ी दिया जाता था।

वहीँ वर्तमान की ममता सरकार ने नौ वर्षो में ही चाय बागन के श्रमिकों के प्रतिदिन दिहाड़ी को बढ़ाकर 176 रूपये कर दिया है। माकपा के शासन में चाय बागन के श्रमिकों को 45 पैसे में चावल मुहया किया जाता था, जबकि ममता सरकार 35 किलो चावल नि:शुल्क प्रदान करती है।

झूठ की राजनीति पर टिकी है भाजपा : मंत्री

उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा की चाय बागन बंगाल और असम में है। असम की चाय बंगाल की चाय से ज्यादा कीमतों पर बेचीं जाति है पर असम के चाय बागन के श्रमिक को 130 रुपये दिहाड़ी और 11 रूपये में एक किलो चावल दिया जाता है। असम में पिछले दस सालों से भाजपा की सरकार है फिर भी चाय बागन के श्रमिक बदहाली में है। भाजपा की राजनीति झूठ पर टिकी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने चुनाव में जनता से वादा किया था की कालाधन वापस लायेंगे सभी के बैंक खातों में 15 लाख रुपये आयेंगे, लेकिन किसी को भी कुछ नहीं मिला।

उन्होंने कहा था की दो करोड़ बेकार को नौकरी दिया जायेगा, किसी को नहीं मिला। इसके ठीक उल्ट सरकारी सस्थाओं को भाजपा सरकार बेच रही है। केंद्र की भाजपा सरकार सरकारी संपति और बैंक को लुट रही है।

राज्य की मुख्यमंत्री टाली की घर में रहती है और 250 रुपये की साड़ी पहनती है, जबकि प्रधानमंत्री लाखों रुपये के कपड़े पहनते है।

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