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बंगाल में भी पटाखों पर प्रतिबंध, कालीपूजा-छठ पर फैसला 10 को

दुर्गापूजा में पुलिस की भूमिका की हाईकोर्ट ने की प्रशंसा

बंगाल मिरर, राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कोरोना संकट के कारण उत्तर भारत के अन्य राज्यों की तरह अब पश्चिम बंगाल में भी पटाखों  पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया। गुरुवार को, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य में कालीपूजा  के साथ अन्य त्योहारों पर सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री तथा आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया। इसके साथ डिवीजन बेंच ने कालीपूजा, जगधात्री पूजा और कार्तिक पूजा के मंडप में दुर्गापूजा की तरह ‘नो-एंट्री’ जारी रखनेका निर्देश दिया। दुर्गापूजा के दौरान पुलिस के कार्य की हाईकोर्ट ने सराहना की।

 गौरतलब है कि पटाखों पर प्रतिबंध को लेकर प्रशासन एवं सरकार भी चिंतित थी। लेकिन अब हाईकोर्ट के निर्देश से यह तय हो गया। वहीं दिल्ली के अलावा, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में 8 से 30 नवंबर तक सभी तरह के पटाखों प्रतिबंध लगाने के लिए कहा गया है।

राज्य में डॉक्टरों के विभिन्न संगठनों ने पहले ही मुख्यमंत्री, पर्यावरण मंत्री और पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सभी पटाखों को रोकने के लिए पत्र भेजे हैं।

उन्हें डर है कि अगर कोरोना संकट के दौरान पटाखे जलाए जाते हैं, तो वायु प्रदूषण की दर बढ़ जाएगी और संक्रमण की संख्या भी बढ़ जाएगी। दिल्ली सहित चार राज्यों में पटाखों को रोकने की याचिकाओं ने यह भी चिंता जताई है कि राजधानी में कोरोना मामलों की संख्या, जहां प्रतिदिन 5,000 लोग संक्रमित होते हैं,  प्रदूषण के कारण तीन गुना हो सकते हैं। मृत्यु दर भी बढ़ेगी।

10 नवंबर को कालीपूजा और छठ पूजा को लेकर हाईकोर्ट द्वारा फैसले की घोषणा की जाएगी। इससे पहले, उच्च न्यायालय को राष्ट्रीय पर्यावरण न्यायालय के फैसले का इंतजार था। 

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