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मुझे काम करने का नशा, अधूरे काम को पूरा करना है ः ओम बगड़िया

मैं किसी विवाद में नहीं

बंगाल मिरर, आसनसोल ः आसनसोल चैंबर आफ कामर्स चुनाव के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार सह निवर्तमान अध्यक्ष ओम प्रकाश बगड़िया ने कहा कि आज मुझे मजबूरन बोलना पड़ रहा है। दुकान मैनें नहीं बेचा।  दुकान का रेट मनोज साहा और श्रवण अग्रवाल ने 8 लाख तय किया था, मैनें साढ़े 8 लाख लिया। उनलोगों ने ही लिखकर दिया था कि रेट तय हो गया। अकेले हस्ताक्षर करने को लेकर मैनें सबके सामने खेद व्यक्त किया था। रोज नये-नये विवाद खड़े किये जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि चैंबर कार्यालय का आधुनिकीकरण सभी के सहयोग से किया।   मुझे सिर्फ 9 महीने मिले थे, उसमें से भी 4 कोरोना में बीत गया। 4 महीने चैंबर बनाने में लग गया। इस दौरान मैनें जो कार्य किये हैं वह सबके सामने हैं। एक महीने में चैंबर की दलील, म्यूटेशन का काम किया। 2 लाख सीसीटीवी के लिए दिये। कोरोना फंड में 51 हजार दिये। व्यवसायियों के लिए काफी कार्य किये। आर्टिकल 27 के कारण मैं अध्यक्ष का चुनाव दोबारा नहीं लड़ सकता हूं, इसलिए मैं विवाद में नहीं पड़ना चाहता। मुझे काम पूरा करना है। मुझे काम करने का नशा है। इसलिए मैं वरिष्ठ उपाध्यक्ष के पद पर चुनाव लड़ रहा हूं। चैंबर के सभी साथियों से अपील करूंगा कि वह लोग किसी के बातों पर न जायें, मैं किसी विवाद में नहीं हूं। मेरा मकसद सिर्फ काम करना है।

पैनेल से हटाया गया, क्योंकि बाजार क्षेत्र मे उनकी छवि अच्छी नहीं

वहीं हमलोगों का पैनल बने 10 दिन हो गये। मुझ पर आरोप लगाने वाले की  नींद आज क्यूं टुटी । असल बात यह है कि उन्हें पेनेल से हटाया गया है। क्योंकि बाजार क्षेत्र मे उनकी छवि अच्छी नहीं है और कई व्यवसायियों का उनके नाम पर कड़ी आपत्ति है । जिसके कारण हमारे पैनेल पर प्रभाव पड़ रहा था । इसलिये हमलोगों ने उनका नाम हटा दिया । जिसके चार दिन हुये चैंबर मे आये हुये वह इतिहास की बात करतें हैं । हार निश्चित देखकर अभी से सफाई पेश कर रहें हैं ।

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