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BJP का सोशल मीडिया पर अभियान, “अब बंगाल, रोक सको तो रोक लो”


बंगाल मिरर, राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बिहार में बहुमत के जादुई आंकड़े को पार करने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए ललकार शुरू कर दी है। बंगाल भाजपा BJP के नेताओं ने सोशल साइट पर अभियान चला रखा है, जिसमें “# अब बंगाल, रोक सको तो रोक लो” ट्रेंड किया जा रहा है। इसके जरिए भाजपा नेता दावा कर रहे हैं कि बिहार के बाद अब बंगाल में भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी। अगर कोई रोक सकता है तो रोककर दिखाओ।

आसनसोल से सांसद और केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने बुधवार को एक ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने लिखा है कि ममता बनर्जी एक के बाद एक भाजपा कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतरवा रही हैं, ताकि सत्ता में बनी रहें लेकिन उनका सपना पूरा नहीं होगा। अब बंगाल में परिवर्तन की बारी है। रोक सको तो रोक लो।

भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी इसे लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने ट्विट किया है, “लोकतंत्र में जनता जनार्दन ही सबकुछ है। पश्चिम बंगाल जनता के सामने ममता दीदी का असली चेहरा सामने आ चुका है। जनता तृणमूल सरकार से त्रस्त आ चुकी है। हवा अब भाजपा की ओर बह रही है। अब बंगाल की बारी है, रोक सको तो रोक लो। इसी तरह से भारतीय जनता पार्टी के अन्य नेताओं ने भी ट्विटर और फेसबुक पर अभियान चला रखा है।

बिहार में जीत के बाद अब बंगाल पर ओवैसी की नजर, ममता की और बढ़ेगी मुश्किलें
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वहीं बिहार विधानसभा चुनाव में ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) को पांच सीटों पर मिली जीत से इसके मुखिया असदुद्दीन ओवैसी काफी उत्साहित हैं। उन्होंने इसके बाद बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ने की भी घोषणा की है।

इधर, ओवैसी की इस घोषणा के बाद से ही ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के माथे पर बल पड़ गया है, क्योंकि तृणमूल का बड़ा वोट बैंक मुस्लिमों का है और ओवैसी के चुनाव लड़ने से निश्चित रूप से मुस्लिम वोटों का बंटवारा होगा। इसका सीधा फायदा भाजपा को होगा ऐसे में ममता की मुश्किलें और बढ़ सकती है।

दरअसल ओवैसी की पार्टी ने बिहार में भी सीमांचल की जिन पांच सीटों पर जीत दर्ज की है वह मुस्लिम बहुल है। यहां उन्होंने मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाकर राजद व कांग्रेस महागठबंधन को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है। इसके बाद अब बंगाल में भी मुस्लिम बहुल सीटों पर उनकी नजर होगी। राज्य में मुस्लिमों की आबादी लगभग 30 फीसद है। कई जिले जैसे मुर्शिदाबाद, मालदा, उत्तर व दक्षिण दिनाजपुर, बीरभूम, उत्तर व दक्षिण 24 परगना एवं बर्धमान आदि में मुस्लिमों की बड़ी आबादी है।

राज्य की कुल 294 विधानसभा सीटों में से करीब 100 से 105 सीटें ऐसी है जहां मुस्लिम वोटर प्रभावित करते हैं। मुर्शिदाबाद जिले में सबसे ज्यादा लगभग 75 फीसद मुस्लिम आबादी है। इसके बाद मालदा जिले में 62 से 65 फीसद मुस्लिम आबादी है। मुस्लिम मतदाता एकजुट होकर ममता को समर्थन करते रहे हैं। लेकिन, ओवैसी के आने से मुस्लिम वोटरों के बंटने की संभावना बढ़ गई है।


ओवैसी से नहीं पड़ेगा कोई फर्क : तृणमूल


इधर, तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व सांसद सौगत राय का कहना है कि ओवैसी के बंगाल में चुनाव लड़ने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। यहां की जनता ममता बनर्जी के साथ हैं। दूसरी ओर, प्रदेश भाजपा के महासचिव सायंतन बसु ने कहा कि ममता बनर्जी ने अल्पसंख्यकों को भी ठगा है। इसीलिए इस बार उन्हें बंगाल की जनता सबक सिखाएगी।

मोदी के मन में बंगाल : तृणूमल को मोदी की चेतावनी- मौत का खेल खेलकर कोई मत नहीं पाता, दीवार पर लिखे ये शब्द पढ़ लेना
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बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में भाजपा को 74 सीटें मिली हैं। इस जीत से पार्टी गदगद है। बुधवार शाम दिल्ली के भाजपा मुख्यालय से प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा, ”चुनाव आते हैं, जय-पराजय होती है, कभी ये बैठेगा, कभी वो बैठेगा, लेकिन ये मौत का खेल लोकतंत्र में कभी नहीं चल सकता। मौत का खेल खेलकर कोई मत नहीं पाता है। ये दीवार पर लिखे शब्द पढ़ लेना। हम लोकतंत्र को समर्पित हैं। देश ने हम पर जो भरोसा रखा है, उस भरोसे को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारी तरफ से हमारे इरादों पर कोई शक नहीं कर सकता। हमारे प्रयासों के प्रति कोई निराश नहीं होता है। हम प्रयास करते रहेंगे, चलते रहेंगे, जनता के लिए करेंगे। मां भारती की एक-एक संतान के लिए करेंगे।

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