शिल्पांचल में साहित्यिक और सांस्कृतिक पत्रिका न्यूज प्रहर की शुरुआत
मौजूदा समय में पत्र-पत्रिकाओं के लिए भी बड़ा संकट
बंगाल मिरर, सुजीत बाल्मीकि, आसनसोल: जब से कोविड-19 की महामारी फैली है तब से जिंदगी का हर क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है। मौजूदा समय में पत्र-पत्रिकाओं के लिए भी बड़ा संकट उत्पन्न हो गया है। उनके लिए अस्तित्व बचाए रखना एक कठिन चुनौती हो गयी है। ऐसे कठिन समय में आसनसोल शिल्पांचल में एक नई साहित्यिक और सांस्कृतिक पत्रिका की शुरुआत हुई है जिसका नाम न्यूज प्रहर है।
यू-ट्यूब चैनल न्यूज प्रहर और कोलकाताहिंदी.कॉम की प्रस्तोता कंपनी न्यूज प्रहर मीडिया नेटवर्क द्वारा ही इस साहित्यिक व सांस्कृतिक पत्रिका का प्रकाशन किया गया जिसका रविवार को लोकार्पण किया गया। रविवार की सुबह आसनसोल होटल इन में हुए एक कार्यक्रम में आसनसोल नगर निगम के प्रशासकीय बोर्ड के चेयरपर्सन जितेंद्र तिवारी, एटक नेता और पूर्व सांसद आर.सी. सिंह, बीसी कॉलेज के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ विजय नारायण, न्यूज प्रहर पत्रिका के संपादक विजय शंकर विकुज और प्रबंध संपादक नरेंद्र कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से इस साहित्यिक व सांस्कृतिक पत्रिका का विमोचन किया।
न्यूज प्रहर साहित्यिक व सांस्कृतिक पत्रिका में आसनसोल-दुर्गापुर शिल्पांचल से जुड़े साहित्यिकारों-कथाकारों, कवियों, व्यंग्यकारों व आलोचकों की रचनाओं को स्थान दिया गया है। पत्रिका निकालने का मकसद ही यह है कि इस क्षेत्र के रचनाकारों को एक मंच प्रदान किया जाए। लोकार्पण कार्यक्रम में सृंजय, शिवकुमार यादव, अवधेश कुमार अवधेश, अभिजीत दूबे, मकेश्वर रजक, रामजी दूबे, मनोहर पटेल, रोहित प्रसाद पथिक, अशोक आशीष समेत शिल्पांचल के ढेरों रचनाकार और साहित्यप्रेमी उपस्थित थे।
शिल्पांचल के रचनाकारों को जोड़ने की कोशिश
इस मौके पर आसनसोल नगर निगम के चेयरपर्सन जितेंद्र तिवारी ने न्यूज प्रहर पत्रिका के आकर्षण प्रकाशन और उससे शिल्पांचल के रचनाकारों को जोड़ने की कोशिश की सराहना करते हुए यह भरोसा दिया कि पत्रिका के अगले अंकों के लिए वह अपनी तरफ से भरपूर सहयोग करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि यह पत्रिका निकलती रहे। उन्होंने लोगों से भी आग्राह किया कि वे पत्रिका के प्रशासन में मदद के लिए आगे आएं।
वहीं पूर्व सांसद आरसी सिंह ने साहित्य के क्षेत्र में शिल्पांचल से एक नई पत्रिका के प्रकाशन पर खुशी जाहिए की। उन्होंने कहा कि एक पत्रिका निकालने की बहुत मेहनती की जरूरत पड़ती है। यह आगे भी निकलती रही, इसके लिए जो वह अपनी तरफ से यथासंभव सहयोग करेंगे।
वहीं डॉ विजय नारायण ने कहा कि बहुत दिनों बाद आसनसोल शिल्पांचल से एक साहित्यिक पत्रिका की शुरुआत हुई है। इसके पहले ई पत्रिकाएं निकलीं और फिर वे बंद हो गईं। लेकिन न्यूज प्रहर निकलती रहनी चाहिए।
इस मौके पर शिवकुमार यादव, सृंजय, मनोहर पटेल, विजयशंकर विकुज और नरेंद्र कुमार सिंह ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन प्रीति सिंह ने किया।