खुशियां हुई काफूर, सपने हुए चूर
बंगाल मिरर, आसनसोल : खुशियां हुई काफूर, सपने हुए चूर। जितेंद्र तिवारी के पद छोड़ने के बाद शिल्पांचल में काफी लोगों ने सपने देखने से शुरू कर दिए थे। लेकिन सपने देखने का सिलसिला चंद घंटों तक रहा, चंद घंटों बाद उनकी खुशियां भी काफूर हो गई और सपने भी चूर हो गए। जितेंद्र तिवारी के तृणमूल छोड़ने की खबर के बाद साथ उनके साथ रहने वाले लोगों ने भी अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया था । कुछ लोग तो नए आका की तलाश में भी जुट गए थे । कोई कोलकाता कोई अपकार गार्डन, कोई इस्माइल, मोहिशीला, चेलीडान्गा के चक्कर काट रहा था।
लेकिन शुक्रवार की देर रात जब इस घटनाक्रम का नाटक ही अंत हुआ तो इनलोगों की जैसे बोलती ही बंद हो गई हो। कोई नगर निगम प्रशासक तक कोई जिला अध्यक्ष बनने का सपना देख रहा था। लेकिन सभी के अरमानों पर पानी फिर गया।