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भाजपा उपाध्यक्ष रघुबर दास पर भड़के व्यापारी, लेख में व्यापारियों को बताया माफिया और नाग


बंगाल मिरर, संजीव यादव, कुल्टी : कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज़ (कैट) के सुभाष अग्रवाला ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री रघुबर दास ने एक राष्ट्रीय समाचार पत्र में प्रकाशित अपने एक लेख में सदियों से चले आ रहे किसानों और व्यापारियों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों में बीच ने ज़हर घोलने का काम किया है। उन्होंने अपने लेख में बेहद ग़ैर ज़िम्मेदार राजनीतिज्ञ होने का परिचय देते हुए देश के व्यापारियों को नाग और माफ़िया की संख्या दी है। उन्होंने अपने लेख में कहा है कि *हमारी सरकार ने तीनों कानूनों के माध्यम से किसानों को दलालों और बिचौलियों के नागपाश से मुक्त कराया है * ।

श्री रघुबर दास के इस बयान ने देश भर के व्यापारियों के बीच तूफ़ान खड़ा कर दिया है जिसको लेकर कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज़ (कैट) ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जे पी नड्डा को आज एक पत्र भेजकर श्री रघुबर दास को उनके बेहद घमंडी और सत्ता के नशे में चूर इस बयान के लिए उनके ख़िलाफ़ तुरंत कारवाई करने की माँग की है । कैट ने यह भी कहा है की श्री नड्डा यह भी स्पष्ट करें की जो रघुबर दास ने कहा वो भाजपा की लाइन है क्या ? और यदि भाजपा की लाइन नहीं है तो पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने ऐसा बयान क्यों दिया ?

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने श्री रघुबर दास के बयान की तीखी आलोचना करते हुए कहा की देश भर के व्यापारियों को इस कदर अपमानित करना यह बताता है की वो अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं और चापलूसी के रोग से बुरी तरह ग्रस्त हो गए हैं । उन्होंने कहा की सत्ता का घमंड इस व्यक्ति के सर पर चड़ कर बोल रहा है और यह शख़्स बेलगाम हो गया है ।

ये व्यक्ति सभ्यता को भूल चुका है और किसानों के मन में व्यापारियों के प्रति ज़हर घोलने का काम कर रहा है । व्यापारियों को बिचोलिया , माफिया और नाग कहना उनके झूठे दम्भ का परिचायक है । उनके इस बयान से उनकी पार्टी का कितना बड़ा अहित हुआ है , शायद इसका ज़रा भी उन्हें अंदाज़ा नहीं है । भविष्य में वो जो भी चुनाव लडेंगे, देश भर के व्यापारी के व्यापारी उनकी हार को सुनिशचित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे ।अब उनके राजनीतिक सन्यास का वक़्त आ गया है और इसलिए विनाशकाले विपरीत बुद्धि की पुरानी कहावत को उन्होंने सत्य साबित किया है ।

श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने कहा की आज देश में लगभग 12 हजार अरब रुपए का कृषि उपज व्यापार है ,जिसमें देश के करोड़ों व्यापारी अपना रोजगार कर रहे हैं। इन तीनों कानून लागू होने के बाद कृषि व्यापार में एकाधिकार बढ़ने का खतरा उत्पन्न हो गया है जिससे इन सब छोटे व्यापारियों के जीविका प्रभावित होगी । एक तरफ जहां व्यापारियों के सामने रोजगार का संकट खड़ा होगा दूसरी ओर लगातार व्यापारियों को बिचौलिया, दलाल और माफिया बताकर जलील किया जा रहा है।कहा जा रहा है कि किसान अपनी उपज को कहीं भी बेच सकेंगे | एक या 2 हेक्टेयर का किसान जो अपनी उपज को मंडी तक ले जाने में सक्षम नहीं है वह देश में कहीं भी बेच सकेगा, यह केवल मृग मरीचिका है ।हर बार व्यापारी को दलाल और बिचौलियों का शब्द उनके जहन में डाला जा रहा है जो सरासर गलत है। क्या हजारों साल से इस देश का किसान और व्यापारी का जो सद्भाव रहा है यह उस पर कुठाराघात नहीं है।

श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने कहा की राजनीतिक उठापटक और यह सब कानून एक तरफ है । लेकिन व्यापारियों और किसानों के बीच सदियों से चले आ रहे सामाजिक सौहार्द पूर्ण संबंधों के बीच वैमनस्य पैदा करने का प्रयास नहीं होना चाहिए । कानून आज है कल नहीं रहेंगे, लेकिन सामाजिक ताना-बाना बिखरने के बाद संभालना बहुत मुश्किल होगा ।

News Editor

Mr. Chandan | Senior News Editor Profile Mr. Chandan is a highly respected and seasoned Senior News Editor who brings over two decades (20+ years) of distinguished experience in the print media industry to the Bengal Mirror team. His extensive expertise is instrumental in upholding our commitment to quality, accuracy, and the #ThinkPositive journalistic standard.

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