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अब किसे कोविड टीका देने की तैयारी, कैसे कराएं रजिस्ट्रेशन

बंगाल मिरर, फीचर डेस्क: स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स के बाद अब सरकार 50 वर्ष से अधिक आयु वाले तीसरे वर्ग के लिए अगले महीने से कोविड टीकाकरण अभियान शुरू करेगी। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि केंद्र सरकार ने 16 जनवरी से स्वास्थ्य कर्मियों को कोविड टीका लगाने का अभियान शुरू किया था और दो फरवरी से कोरोना नियंत्रण के लिए अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं के दूसरे वर्ग को टीका लगाने का कार्य शुरू किया गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस समय 18 टीकों का विकास विभिन्‍न चरणों में है और इन्‍हें शीघ्र ही इस्तेमाल में लाना शुरू किया जाएगा।

50 वर्ष से अधिक आयु वाले तीसरे वर्ग के वैक्सीन के लिए क्या व्यवस्था की गई है, इस बारे में आरएमएल अस्पताल के डॉ. ए. के. वार्ष्‍णेय अहम जानकारी दी।

क्या 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के टीकाकरण के लिए क्या कुछ व्यवस्था है?

सरकार ने पहले ही प्लान बना लिया था कि सबसे पहले हेल्‍थ वर्कर्स को कोविड टीका लगेगी, जिनकी संख्‍या करीब एक करोड़ है। उनके बाद फ्रंट लाइन वर्कर्स, जो करीब दो करोड़ हैं और उनके बाद 27 करोड़ ऐसे लोग हैं, जो 50 साल से ऊपर हैं या कोमोरबिडिटी से ग्रसित हैं। अब उन्‍हें प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन दी जाएगी। पहले दो का टीकाकरण अब पूरा होने की कगार पर है, अगला नंबर तीसरे वर्ग का ही है।

50 वर्ष से अधिक आयु के लोग कोविन ऐप पर रजिस्ट्रेशन कैसे कर सकते हैं?

जल्द ही सरकार इसकी प्रक्रिया शुरू करेगी। सभी को कोविन ऐप पर रजिस्ट्रेशन करना होगा, ये आरोग्य सेतु ऐप से कनेक्ट होगा। लोगों को पहले इस पर आईडी प्रूफ अपलोड (upload)करना होगा, जिसके बाद मैसेज आएगा कि व्यक्ति किस इलाके में रहता है और उसके बाद ही निकटतम केंद्र पर जाने की तारीख बताई जाएगी। हालांकि अभी इस पर काम चल रहा है कि व्यक्ति अपने पास के सेंटर स्वयं चुन सके। परेशान न हों हर चीज के बारे में सरकार प्रचार प्रसार करेगी।

क्या कोविड टीका लगने के बाद लोगों को सर्टिफिकेट भी मिलेगा?

जी हां, टीका लगने के बाद लोगों को एक सर्टिफिकेट भी मिलेगा। इसका यह लाभ होगा कि अगर किसी को विदेश यात्रा करनी हैं, तो उन्हें वे उस सर्टिफिकेट का प्रयोग कर सकेंगे। कहीं जाने आने में परेशानी नहीं होगी। साथ ही लोगों के पास भी एक डाटा होगा की उन्हें वैक्सीन लग चुकी है।

अगर कोई कोविड से ठीक हो गया है तो क्या उसे भी कोविड टीका लगवानी चाहिए?

अगर किसी को कोविड हुआ है, तो उसे तुरंत वैक्सीन नहीं लगवानी है। हां, जो लोग कोविड से ठीक हो चुके हैं उनमें एंटीबॉडी बन चुके होते हैं। हालांकि कई लोगों में नहीं भी बनते हैं। इसलिए कोविड से ठीक होने के बाद भी वैक्सीन लगवानी चाहिए। अगर पहले से एंटीबॉडी होंगे तो वैक्सीन उनके लिए बूस्टर का काम करेगी।

कोविड टीका की दो डोज के बीच कितने दिन का अंतर होना चाहिए?

वैक्सीन की कुल 6 हफ्ते की प्रक्रिया है। पहली डोज लगवाने के 28 दिन बाद दूसरी डोज लगती है, यानी 4 हफ्ते बाद दूसरी डोज लगती है। लेकिन ऐसा नहीं है कि दूसरी डोज लगते ही एंटीबॉडी बन जाएंगे। दूसरी डोज के बाद दो और हफ्ते लगते हैं, तब जाकर पर्याप्‍त मात्रा में एंटीबॉडी बन पाते हैं।

भारत की स्थिति को लेकर पूरी दुनिया चिंतित थी, आज कोरोना से भारत की लड़ाई दुनियाभर को कर रही प्रेरित: पीएम मोदी

हाल के दिनों में आम जिंदगी की छोटी-छोटी सतर्कता से कैसे बड़े संकटों से पार पाया जाता है इसका उदाहरण पूरी दुनिया ने देखा है। हम सभी इस बात के भी साक्षी हैं कि कैसे 130 करोड़ भारतीयों की सतर्कता कोरोना की लड़ाई में दुनिया के लिए मिसाल बन गई। इस लड़ाई में हमारे घरों में सिखाई गई बातें, आदतें और योग आयुर्वेद ने भी बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। इस महामारी की शुरुआत में भारत की स्थिति को लेकर पूरी दुनिया चिंतित थी, लेकिन आज कोरोना से भारत की लड़ाई दुनियाभर को प्रेरित कर रही है।

देश में कोविड-19 के प्रत्येक स्‍ट्रेन पर है सरकार की पैनी नजर

कोविड-19 के मामले तेजी से नीचे गिर रहे हैं, लेकिन चिंता तब बढ़ जाती है, तब विदेश से कोविड-19 के नए स्‍ट्रेन की खबर आती है। तब और बढ़ जाती है, जब देश के किसी एक हिस्‍से में तेजी से मामले बढ़ने लगते हैं, जैसा कि बेंगलुरु में देखने को भी मिला है। बेंगलुरु के एक अपार्टमेंट में 100 से अधिक लोग संक्रमित हो गए हैं। बात अगर सरकार की तैयारियों की करें, तो स्‍वास्‍थ्‍य विभाग और आईसीएमआर नए स्‍ट्रेन पर पैनी नजर बनाये हुए हैं।

आईसीएमआर के महानिदेशक प्रो. बलराम भार्गव ने मंगलवार को प्रेसवार्ता में कहा कि कुछ क्षेत्रों में क्‍लस्‍टर बनने या मृत्‍युदर अचानक बढ़ती है, तो वहां पर सीक्‍वेंसिंग के जरिए यह पता किया जा रहा है कि कहीं कोई नया स्‍ट्रेन तो नहीं आ गया है। देश में 10 संस्‍थान स्‍वास्‍थ्‍य विभाग, आईसीएमआर और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इनमें एनसीसीएस पुणे, एनआईवी पुणे, एनआईबीएमजी कल्‍याणी, सीसीएमबी हैदराबाद, सीडीएफडी हैदराबाद, आईजीआईबी नई दिल्ली, निम्‍हांस बेंगलुरु, इनस्‍टेम बेंगलुरु और आईएलएस भुवनेश्‍वर शामिल हैं।

यूके वेरियंट पर प्रो. भार्गव ने बताया कि इस स्‍ट्रेन ने यूके में लॉकडाउन लगाने तक की नौबत आ गई। दिसंबर में यूके स्‍ट्रेन के पहले 6 मामले दर्ज हुए थे, आज की तिथि में यूके स्‍टेन के 187 मामले हैं। सभी संक्रमितों को क्‍वारंटाइन किया गया है। इस वायरस से किसी की भी मौत की खबर नहीं है। हम इस वायरस पर अपनी वैक्‍सीन की एफिकेसी को टेस्‍ट कर रहे हैं।

दूसरा वेरियंट दक्षिण अ‍फ्रीका में उभरा और 44 देशों में फैला। भारत में यह वायरस चार लोगों में जनवरी में पाया गया जो दक्षिण अफ्रीका से लौटे थे। सभी को तुरंत क्‍वारंटाइन कर दिया गया था।

तीसरा ब्राजील वेरियंट है, जो जनवरी की शुरआत में ब्राजील में उभरा। इस पर हमारी वैक्‍सीन कितनी प्रभावी है, इसकी जांच पुणे के संस्‍थान में चल रही है।

सभी से एहतियात बरतने की अपील

नीति आयोग के सदस्‍य एवं कोविड-19 टास्‍क फोर्स के चेयरमैन डॉ. वीके पॉल ने कहा है कि लोगों को यह समझना होगा कि कोरोना अभी खत्‍म नहीं हुआ है। हमें यह समझना होगा कि अभी भी 70 प्रतिशत लोग हैं जो कोविड से संक्रमित हो सकते हैं। सरकार द्वारा दी जा रही छूट का नाजायज फायदा मत उठायें, क्‍योंकि यह वायरस कभी भी तेजी से फैल सकता है। उन्‍होंने महाराष्‍ट्र और केरल में बढ़ते मामलों पर चिंता जताई।

डॉ. पॉल ने कहा कि त्‍योहार या किसी भी आयोजन में कोविड नियमों का पालन करें। सभी को पता होना चाहिए कि दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील का वेरियंट हमारे देश में प्रवेश कर चुका है। अभी तक इन वेरियंट से किसी की मौत नहीं हुई है, इसका मतलब यह नहीं कि आगे कुछ नहीं होगा। सभी को कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर के साथ रहना है।

प्रेसवार्ता में उन्‍होंने कहा कि 70 प्रतिशत स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों व 23 प्रतिशत फ्रेंटलाइन वर्कर्स को वैक्‍सीन लग चुकी है। इस राउंड केा जल्‍द से जल्‍द समाप्‍त करने के प्रयास जारी हैं, क्योंकि बहुत बड़ा समूह आने वाला है, जिसमें 50 वर्ष की आयु से अधिक के लोगों को वैक्‍सीन दी जानी है। वो देश के लिए बहुत बड़ा काम है और उस तरफ बढ़ने से पहले हम प्राथमिक समूहों को पूरा करना चाहते हैं।

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