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लॉकडाउन की स्थिति में सरकार व्यापारियों को मुआवजा दे – कैट

बंगाल मिरर, संजीव यादव, बराकर :  कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज़ (कैट) ने आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन एवं सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को एक पत्र भेजकर माँग की है की करोना महामारी से बचाव के लिए यदि कोई भी राज्य लॉक डाउन की घोषणा करता है जिसके कारण व्यापारियों को अपनी दुकानें बंद करनी पड़ती है तो सरकार को उन सभी व्यापारियों को उचित मुआवज़ा देने का प्रावधान अवश्य करना चाहिए जिनकी दुकानें सरकार के आदेश से बंद होंगी ।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की सरकार के आदेश पर किए गए लॉक डाउन के कारण बंद हुई दुकानों को सरकार से मुआवज़ा लेने का हक़ बनता है ! कैट ने मुआवजे देने के फॉर्मूले को बताते हुए कहा की जिस दुकान की जो वार्षिक टर्न ओवर है उसके अनुपात में सरकार को ऐसे व्यापारियों को मुआवज़ा देना चाहिए ! ज्ञातव्य है की देश में प्रतिवर्ष लगभग 80 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होता है जो प्रति माह लगभग 6 .5 लाख करोड़ का होता है ! अकेले महाराष्ट्र का मासिक कारोबार लगभग 1 लाख करोड़ रुपये तथा दिल्ली का मासिक कारोबार लगभग 20 हजार करोड़ रुपये का होता है !

श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने कहा की पिछले वर्ष के लॉकडाउन में व्यापारियों ने न केवल अपनी
दुकानें ही बंद नहीं की बल्कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के आव्हान पर करोना के भीषण समय में भी अपनी जान की परवाह न करते हुए पूरे देश में आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई को निर्बाध रूप से जारी रखा जिसके कारण देश भर के व्यापारियों को अपने व्यापार में बड़ा नुक़सान उठाना पड़ा है , जिसकी भरपाई आज तक नहीं हुई है । गौरतलब बात यह है की जहां केंद्र सरकार ने गत वर्ष विभिन्न वर्गों के लिए अनेक पैकेज दिए वहां देश के व्यापारियों को किसी भी पैकेज में एक रुपये की भी सहायता नहीं दी गई एवं न ही किसी राज्य सरकार ने व्यापारियों की ओर मदद का हॉट्ज बढ़ाया जिसके फलस्वरूप व्यापारी वर्ग आज तक वित्तीय तरलता के बड़े संकट का सामना कर रहा है !

श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने कहा की देश का व्यापारी वर्ग अब और अधिक वित्तीय बोझ उठाने की स्तिथि में नहीं है , इस नाते से किसी भी लॉक डाउन की स्तिथि में केंद्र अथवा राज्य सरकार को व्यापारियों को मुआवजा देने की घोषणा भी करनी चाहिए ! इसके साथ ही केंद्र एवं राज्य सरकारों को लॉक डाउन की स्तिथि में व्यापारियों पर लगे कर एवं अन्य कानूनों के अंतर्गत जीएसटी अथवा अन्य करों के भुगतान पर लगने वाली लेट फीस, ब्याज अथवा पेनल्टी तथा रिटर्न भरने से व्यापारियों को छूट भी देनी चाहिए !

श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने कहा की कोरोना महामारी के बेहद तेजी से बढ़ते मामले सही के लिए चिंता का विषय हैं और जिस प्रकार से सरकार द्वारा आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं वो बेहद प्रशंसनीय है किन्तु लॉक डाउन लगाना इस समस्या का हल नहीं है ! देश में तेजी से पात्र लोगों को वैक्सीन का टीका लगे तथा कोविड सुरक्षा के सभी उपायों का कड़ाई से पालन हो, यह बेहद आवश्यक है ! उन्होंने कहा की यह केवल अकेले सरकार की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि नागरिकों की भी जिम्मेदारी है और इसीलिए कैट ने प्रत्येक स्तर पर व्यापारियों के समर्थन एवं सहयोग की घोषणा की है !

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