FEATUREDNational

क्या है प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, नवंबर तक 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में मिलेगा खाद्यान्न

बंगाल मिरर, विशेष संवाददाता :  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई-3) को दीपावली तक बढ़ाने के फैसले के बारे में घोषणा की। इसका मतलब है कि 80 करोड़ लोगों को नवंबर, 2021 तक हर महीने निश्चित मात्रा में मुफ्त खाद्यान्न मिलता रहेगा। ये फैसला बताता है कि सरकार अपनी पूरी क्षमता से लोगों की मदद के लिए काम कर रही है।

क्या है प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना

इस योजना को सरकार द्वारा मार्च 2020 में आरंभ किया गया था। यह योजना प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज का एक हिस्सा है। इस योजना के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा राशन कार्ड धारकों को 5 किलो अनाज (गेहूं/चावल) एवं 1 किलो दाल दी जाती है। यदि, आपके राशन कार्ड में 4 लोगों का नाम दर्ज है तो आपको 20 किलो अनाज प्रदान किया जाएगा। यह अनाज हर महीने मिलने वाले अनाज से अलग होगा। तात्पर्य यह है कि यदि, आपको 1 महीने में राशन कार्ड पर 5 किलो अनाज मिलता है तो आपको 10 किलो अनाज प्रदान किया जाएगा।

गरीब लोगों के लिए बनी सहारा

कोरोना महामारी के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना देश के कमजोर तबके के लिए सहारा बनकर उभरी है। पूरी दुनिया में जब बीमारी फैल रही थी तो भारत ने अपने यहां इस महामारी को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया। भारत जानता था कि देशबंदी से रोज कमाकर खाने वालों पर बहुत बुरा प्रभाव होगा, लेकिन महामारी जिस तरह से विकराल रूप ले रही थी इसके सिवाय कुछ और रास्ता न था। दिहाड़ी मजदूर और अन्य प्रतिदिन कमाने वालों के लिए सरकार चिंतित थी। इन्हीं सब चीजों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना लेकर आई। इस योजना के तहत कमजोर तबकों को मुफ्त में खाद्यान्न बांटना था। पिछले 2 महीने से इस योजना के तहत करोड़ों लोगों को मुफ्त में खाद्यान्न बांटा गया है।

भारतीय खाद्य निगम कर रहा है राज्यों को खाद्यान्न की आपूर्ति

आपको बता दें, 7 जुलाई 2021 तक भारतीय खाद्य निगम सभी 36 राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों को 69 लाख मीट्रिक टन मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति कर चुका है। 13 राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, चंडीगढ़, गोवा, केरल, लक्षद्वीप, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पुडुचेरी, पंजाब, तेलंगाना और त्रिपुरा ने मई-जून, 2021 के लिए हुए आवंटन का पूरा हिस्सा ले लिया है। 23 राज्यों/UT’s जैसे अंडमान व निकोबार द्वीप समूह, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, दमन दीव व दादरा नगर हवेली, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू व कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, लद्दाख, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, ओडिशा, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल ने मई, 2021 के आवंटन का 100% प्राप्त कर लिया है।
पूर्वोत्तर के 7 राज्यों में से 5 राज्यों अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा ने मई-जून, 2021 के आवंटन का पूरा ले लिया है। मणिपुर और असम में मुफ्त खाद्यान्न को प्राप्त करने का काम तेजी से जारी है और जल्द ही इसके पूरा होने की संभावना है।

एफसीआई सभी राज्यों/UT’s सरकारों को सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए देश भर में खाद्यान्न पहुंचा रहा है। मई 2021 के दौरान एफसीआई द्वारा 46 रैक्स प्रति दिन की दर से 1433 खाद्यान्न रैक्स को भेज गया।
अधिक विवरण के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
https://static.pib.gov.in/WriteReadData/specificdocs/documents/2021/jun/doc20216801.pdf

पूरा खर्चा उठा रही है केंद्र सरकार

भारत सरकार ने सभी राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेश की सरकारों को पीएमजीकेएवाई के तहत खाद्यान्न का मुफ्त वितरण समयबद्ध तरीके से करने के लिए कहा है। भारत सरकार राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ किसी भी प्रकार की साझीदारी के बिना खाद्य सब्सिडी, अंतर-राज्यीय परिवहन और डीलर मार्जिन/ अतिरिक्त डीलर मार्जिन का पूरी तरह वहन करेगी।

वन नेशन वन राशन कार्ड योजना की भूमिका

वर्तमान समय में वन नेशन वन राशन कार्ड योजना (ओएनओआरसी) के अंतर्गत पोर्टेबिलिटी ट्रांजैक्शन का मासिक औसत लगभग 1.35 करोड़ दर्ज किया जा रहा है। इसके अलावा, अगस्त 2019 में ओएनओआरसी योजना की शुरुआत के बाद से सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 27.8 करोड़ पोर्टेबिलिटी ट्रांजैक्शन हुए हैं, जिनमें से लगभग 19.8 करोड़ पोर्टेबिलिटी ट्रांजैक्शन कोविड-19 अवधि के दौरान दर्ज किए गए हैं, यानी अप्रैल 2020 से लेकर मई 2021 तक।

इस योजना के अंतर्गत आप देश की किसी भी राशन की दुकान से राशन खरीद सकते हैं। सभी नागरिक जो काम करने के लिए किसी दूसरे राज्य जाते हैं वह अब इस योजना के माध्यम से देश की किसी भी राशन की दुकान से राशन खरीद सकेंगे। इस योजना का लाभ प्रवासी श्रमिक, मजदूर, दैनिक भत्ता लेने वाले, कूड़ा हटाने वाले, सड़क पर रहने वाले संगठित एवं असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले आदि जैसे नागरिकों को पहुंचेगा।
इस योजना के अंतर्गत राशन कार्ड आपके मोबाइल नंबर की तरह ही काम करेगा। जैसे कि आपको देश के किसी भी कोने में जाकर अपना मोबाइल नंबर नहीं बदलना पड़ता है, वह हर जगह काम करता है। उसी प्रकार वन नेशन वन राशन कार्ड का उपयोग भी आप किसी भी राज्य में कर सकते हैं।

मोबाइल एप ‘मेरा राशन’ बना मददगार

सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से ओएनओआरसी योजना के तहत जारी, टोल-फ्री नंबर 14445 और ‘मेरा राशन’ मोबाइल एप्लिकेशन के बारे में व्यापक प्रचार करने और जागरूकता फैलाने का अनुरोध किया गया है। इस एप को हाल ही में एनएफएसए लाभार्थियों को फायदा पहुंचाने के लिए एनआईसी के सहयोग से विभाग द्वारा विकसित किया गया है। दस अलग-अलग भाषाओं में अर्थात अंग्रेजी, हिंदी, उड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, गुजराती और मराठी में यह एप है। यह मोबाइल एप, प्रवासी मजदूरों की मदद करने के लिए लॉन्च किया गया है। इस मोबाइल एप के माध्यम से देश का कोई भी व्यक्ति किसी भी राशन की दुकान से राशन प्राप्त कर सकता है। इस एप के माध्यम से यह भी चेक किया जा सकता है कि लाभार्थियों को कितना अनाज मिलेगा। इसके अलावा लाभार्थियों द्वारा नजदीकी राशन की दुकान से संबंधित जानकारी भी इस ऐप के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है।

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग है प्राथमिकता

डीएफपीडी सचिव ने कहा कि कोविड परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत असुरक्षित और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (यानी सड़क पर रहने वाले, कचरा बीनने वाले, हॉकर्स, रिक्शा चालक, प्रवासी श्रमिक आदि) के सभी पात्र व्यक्तियों को इसके अंतर्गत शामिल करना, इस विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है। एनएफएसए के अंतर्गत पात्र व्यक्तियों/परिवारों की पहचान करने और निरंतर समीक्षा के माध्यम से उन्हें राशन कार्ड जारी करने की प्रक्रिया संबंधित जिम्मेदारी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा 02 जून, 2021 को सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को यह निर्देश जारी किया गया है कि, जिन पात्र लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है,उन्हे राशन कार्ड जारी करने के लिए विशेष अभियान चलाएं।

योजना का बजट

पिछले साल, मार्च से जून तक के लिए यह योजना शुरू की गई थी। उसके बाद इसका विस्तार छठ पूजा तक कर दिया गया था। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के विस्तार पर 90,000 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होंने का अनुमान था। वहीं इस वर्ष मई-जून महीने के लिए सरकार द्वारा योजना पर 26,000 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जानी थी। अब जब इस योजना को दिवाली तक बढ़ाने की घोषणा हो चुकी है, तब अनुमान है इस योजना की कुल लगात 1 लाख करोड़ रुपये को पार कर जाएगी।

News Editor

Mr. Chandan | Senior News Editor Profile Mr. Chandan is a highly respected and seasoned Senior News Editor who brings over two decades (20+ years) of distinguished experience in the print media industry to the Bengal Mirror team. His extensive expertise is instrumental in upholding our commitment to quality, accuracy, and the #ThinkPositive journalistic standard.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *