PMAY के तहत करीब 3.61 लाख आवासों के निर्माण को मिली मंजूरी, लोगों के अपने घर का सपना होगा पूरा
बंगाल मिरर, विशेष संवाददाता : नई दिल्ली में केंद्रीय स्वीकृति और निगरानी समिति की 54वीं बैठक में सरकार ने प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना (पीएमएवाई-यू) PMAY के तहत करीब 3.61 लाख आवासों के निर्माण के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। यह बैठक 8 जून को आयोजित की गई थी। इन घरों का निर्माण लाभार्थी के नेतृत्व में उनके हिसाब से और उनकी भागीदारी के साथ किए जाने का प्रस्ताव रखा गया था। इस बैठक में 13 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने हिस्सा लिया। बैठक में, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने विभिन्न मुद्दों जैसे भूमि, स्थल आकृति जनित खतरों, अंतर-शहर प्रवास, कार्यक्षेत्र की प्राथमिकताओं में परिवर्तन, जीवन की हानि आदि के कारण परियोजनाओं में संशोधन के लिए भी अपने प्रस्ताव रखे।
2015 में हुआ था इस योजना (PMAY) का शुभारंभ
प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना का शुभारंभ 25 जून 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। इसका उद्देश्य देश के शहरी इलाकों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, निम्न आय वर्ग तथा मध्यम आयवर्ग के गरीब परिवार, जिनके पास खुद का घर नहीं है या कच्चा घर है उन्हें स्वयं का पक्का मकान उपलब्ध करवाना है। इसके लिए सरकार ऋण उपलब्ध कराती है। केंद्र सरकार का लक्ष्य इस योजना के जरिए वर्ष 2022 तक प्रत्येक पात्र परिवार को स्वयं का घर उपलब्ध कराना है।
अब तक 112.4 लाख घरों को दी गई मंजूरी
अब तक पीएमएवाई (यू) (PMAY)के तहत कुल संख्या 112.4 लाख घरों को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 82.5 लाख घरों के निर्माण के लिए आधार तैयार किए जा चुके हैं और इनमें से 48.31 लाख घर लाभार्थियों को दिए जा चुके हैं। इसके लिए कुल 7.35 लाख करोड़ रुपए का निवेश निर्धारित किया गया था, जिसमें 1.81 लाख रुपये की राशि केंद्रीय सहायता के तौर पर दी जानी है। इस राशि में से 96,067 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है।
‘पीएमएवाई–यू अवार्ड्स (PMAY) 2021-100 डेज़ चैलेंज’ किया गया लॉन
्चआवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने जानकारी दी कि मंजूरी की मांग सभी राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों से उठ रही है। अप्रयुक्त धन का उपयोग और निर्धारित समय के भीतर परियोजनाओं को पूरा करना सुनिश्चित करना ही अब सरकार का मुख्य फोकस है। इसके अलावा, उन्होंने ‘पीएमएवाई–यू अवार्ड्स 2021 – 100 डेज़ चैलेंज’ भी लॉन्च किया। इसके तहत, मिशन के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, शहरी स्थानीय निकायों और लाभार्थियों को पुरस्कार दिए जाएंगें।
अब तक 6 प्रदर्शन आवास परियोजनाएं की गई पूरी
उन्होंने हरियाणा के पंचकुला में एक नवनिर्मित प्रदर्शन आवास परियोजना का भी उद्घाटन किया, जिसका उपयोग किराए पर, एक कामकाजी महिला छात्रावास के रूप में किया जाएगा। पीएमएवी-यू के प्रौद्योगिकी उप मिशन के तहत, अब तक 6 प्रदर्शन आवास परियोजनाएं (डीएचपी) पूरी की जा चुकी हैं और देश के विभिन्न हिस्सों में अन्य 7 का निर्माण किया जा रहा है। डीएचपी नई/वैकल्पिक तकनीक के साथ निर्मित मॉडल हाउसिंग प्रोजेक्ट हैं। छह शहरों में चल रहा है एलएचपी का निर्माणबैठक में भाग लेने वाले राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों को संबोधित करते हुए मंत्रालय के सचिव ने छह लाइट हाउस परियोजनाओं (एलएचपी) पर भी जोर दिया, जिनकी आधारशिला प्रधानमंत्री द्वारा इसी वर्ष जनवरी में रखी गई थी। एलएचपी का निर्माण अगरतला, चेन्नई, लखनऊ, रांची, राजकोट और इंदौर में किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “इन एलएचपी को निर्माण में शामिल सभी संबंधित विभागों को दूसरे विभागों को प्रेरित करना चाहिए।
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”टेक्नोग्राही पर ई-मॉड्यूल भी किया गया लॉन्च
इस कार्यक्रम में टेक्नोग्राही पर एक ई-मॉड्यूल भी लॉन्च किया गया, जिसमें ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज-इंडिया के तहत चुनी गई इनोवेटिव कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी को सीखने के टूल्स शामिल हैं। इनका इस्तेमाल छह एलएचपी में किया जा रहा है। यह इनोवेटिव कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हितधारकों के क्षमता निर्माण की दिशा में एक कदम है।
कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान यह समिति की पहली बैठक
कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान यह समिति की पहली बैठक थी। इससे यह भी पता चलता है कि सरकार ने 2022 तक शहरी भारत के सभी पात्र लाभार्थियों को पक्के घर उपलब्ध कराने के लक्ष्य को पर्याप्त महत्व दिया है। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने ‘पीएमएवाई–यू के तहत निर्धारित समय के भीतर पूरे देश में आवास निर्माण पूरा करने में तेजी लाने पर जोर दिया है।