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SAIL आरएमडी मुख्यालय भंग होने से, डीएसपी-आईएसपी के भविष्य पर खतरा

केन्द्रीय इस्पात मंत्री को राज्य के वित्त मंत्री ने लिखा पत्र

बंगाल मिरर, एस सिंह, बर्नपुर : सेल (SAIL) के कोलकाता स्थित आरएमडी मुख्यालय को भंग करने के फैसले  पर राज्य सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई है। राज्य के वित्त मंत्री डॉ. अमित मित्रा ने केंद्रीय इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र भेजकर इस मामले में हस्तक्षेप कर सेल बोर्ड में बैठने वाले इस्पात मंत्रालय के अधिकारियों को आरएमडी मुख्यालय भंग का फैसला वापस लेने के लिये निर्देश देने व बर्नपुर तथा दुर्गापुर स्टील प्लांट का भविष्य बचाने की अपील की। 
राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने केंद्रीय इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखकर कहा है कि कोलकाता स्थित सेल का आरएमडी मुख्यालय को भंग करने की जानकारी मिलने से वे स्तब्ध हैं। इस महामारी के समय आरएमडी मुख्यालय को भंग करने से वहां कार्य कर रहे ठेका कर्मियों का रोजगार जाने से बेरोजगारी बढ़ेगी। साथ ही वहां कार्यरत कर्मचारियों का स्थानांतरण होने से उनका परिवार अस्थिर हो जायेगा। 

finance minister amit mitra file photo


आरएमडी मुख्यालय भंग करने के साथ बर्नपुर तथा दुर्गापुर स्टील प्लांट के पास कोई माइंस नहीं रह जायेगा जिससे इन प्लांटों को आयरन ओर तथा अन्य कच्चे माल की आपूर्ति की जा सके। सेल के आरएमडी मुख्यालय द्वारा 15 आयरन ओर माइंस, फ्लक्स माइंस तथा कोलियरियों का संचालन किया जा रहा है, जो राउरकेला तथा बोकारो स्टील प्लांट को दे दिया जायेगा जिसमें ओड़िशा स्थित माइंस को राउरकेला तथा झारखंड के माइंस को बोकारो स्टील प्लांट को देने की योजना है।


 इस आवंटन से दुर्गापुर तथा बर्नपुर इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट को अपने कच्चे माल के लिये या तो खुले बाजार अथवा राउरकेला व बोकारो की दया पर पूरी तरह से निर्भर होना पड़ेगा। इससे दोनों प्लांटों को कच्चा माल खुले बाजार से खरीदने पर ऊंचा दाम चुकाना पड़ेगा जिसके कारण दोनों प्लांटों का खर्च बढ़ने पर घाटा उठाना पड़ेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि इस्पात मंत्री ने बंगाल स्थित ऐतिहासिक दोनों स्टील प्लांटों की अनदेखी की है। साथ ही कोलकाता स्थित आरएमडी मुख्यालय को भंग कर दुर्गापुर व बर्नपुर स्टील प्लांट को एक भी कैप्टिव माइंस नहीं दिया जबकि दोनों प्लांट लाभ में चल रहे हैं तथा 1,486 करोड़ रुपये का लाभ पहुंचाया है।


 इस स्थानांतरण नीति से यह साफ हो गया है कि इन दोनों (SAIL) प्लांटों को आने वाले समय में विनिवेश के नाम पर बेच दिया जायेगा। उन्होंने अपील की है कि केंद्रीय इस्पात मंत्री महारत्न सेल के दो ऐतिहासिक प्लांटों को बचाने के लिये सेल बोर्ड में बैठने में अपने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को आरएमडी मुख्यालय भंग करने को रोकने के लिये दिशा-निर्देश दें। वहीं वित्त मंत्री डॉ. अमित मंत्री द्वारा इस मामले में हस्तक्षेप किये जाने पर  श्रमिक संगठनों ने सराहना की है।

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