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पेट्रोल-डीजल में कीमत से दोगुना टैक्स वसूलकर जनता को कैसे लगाया जा रहा चूना पढ़ें

बंगाल मिरर, एस सिंह, आसनसोल : पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि को लेकर पूरे देश में हंगामा मचा हुआ है। आंकड़े बताते हैं कि  2014 की  तुलना में पेट्रोल/ Disel के मूल्य में  करीब 25 फीसदी यानि के रुपये में देखें तो 13 /- रु प्रति लीटर की कमी आयी है । वही खुदरा मूल्यों मे करीब 50 फीसददी यानि रुपयों में 22/- रु की वृद्धि हुई है । देश की जनता को केन्द्र के साथ मिलकर राज्य सरकारें भी चूना लगा रही है। स्थिति यह है कि जितनी पेट्रोल या डीजल की कीमत है, उससे लगभग दोगुना टैक्स वसूला जा रहा है।  इस तरह उपभोगता को ३५/- रुपए प्रति लीटर का चूना लगाया जा रहा है ।  इस ३५/- प्रति लीटर की लूट में क़रीब 13/- रुपये राज्य सरकार का हिस्सा है, और केंद्रीय सरकार का हिस्सा प्रति लीटर क़रीब 22/- रु अता है ।

वही 7 वर्षों में पेट्रोल पम्प मलिक का वेतन, बिजली बिल, माल की लागत में 2 गुना वृद्धि होने के बावजूद उनकी commision में मात्र 1/- प्रति लीटर बढ़ाई गयी है ।  पीबीडीसीसीआई महासचिव जगदीश बागड़ी का कहना है की इस कोरोना काल में किसी भी सरकार को यह हक़ नहीं है की वह जनता को इस तरह लूटे ।  अब पीबीडीसीसीआई तेल कम्पनियों की Balance sheet खंगालने में जूटी है – संस्था का मानना है की कारोना काल में तेल की बिक्री कम होने के बावजूद तेल कम्पनियों के मुनाफ़े में काफ़ी वृद्धि हुई है ।   सारे तत्व इकट्ठा कर केंद्रीय मंत्रियों को नोटिस देने की बाद SUPREME COURT का दरवाज़ा खटखटायेग़ी ।

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