West Bengal

Angikar एनजीओ यास प्रभावितों की मदद कर रहा

बंगाल मिरर, रानीगंज : अंगीकार, एक अग्रणी एनजीओ, ने सुंदरवन ईलाके के नित्यबेरिया, कालीनगर, भोगखाली, नजात में बाढ के कारण पूरी तरह असहाय ३०० लोगों एवं १०० बच्चों को राहत सामग्री वितरित किया। यहां के लोगो का जीवन एवं आजीविका अस्त-व्यस्त हो गया है। नमकीन पानी धान के खेत को इस प्रकार प्रभावित किया है कि खेती इस साल संभव ही नहीं है। पानी निकलने के बाद अगले साल ही खेती हो सकता है। नमकीन पानी उनके मिट्टी के घर को भी क्षतिग्रस्त किया है। इसके अलावा लाकडाउन के कारण रोजगार भी नही है। यहाँ के निवासी असहाय है। ऐसे समय में कोलकाता अंगीकार सहायता कर राहत प्रदान किया है।

राहत सामग्री मे दैंनदिन जरूरत के खाने का सामान( चावल, दाल,चीनी, मूरी,बिस्कुट,सतू,हल्दी, सोयाबीन, सरसों तेल, चीड़ेभांजा, हौरलिकस शैशे), साड़ी, टी शर्ट एवं एजुकेशन किट था। इसका सफल आयोजन द विवेकानंद मिशन शारदा प्राथमिक विद्यालय कलकत्ता कान्यकुब्ज सभा के सहयोग से किया गया। इस आयोजन के विशेष धन्यवाद के पात्र समाज सेवी सपन भूंयीया, दिपक मिस्र, प्रदीप साहा एंव विवेकानंद मिशन के सेक्रेटरी महाराज है।

एनजीओ कोलकाता अंगीकार कि शुरुआत कुछ लोंगो ने 2010 में किया था जिनकी मंशा समाज के लिए कुछ करना था। ये लोग उनके लिए खड़े होना चाहते थे जो जरूरत मंद हैं। ये लोग अपने मिशन मे आगे बढे और लोग जुड़ते गए। यह एक रजिस्टर्ड संस्था है जो कुछ कार्यरत आइटी आफिसर एवं अवसर प्राप्त सरकारी आफिसरों द्वारा संचालित है। इस संस्था का ध्येय उन जरूरतमंदो को सीधे राहत पहुंचाना है जो समाज के सुविधाओं से वंचित है। शिक्षा के क्षेत्र मे विशेष बल दिया जा रहा है। सुंदरवन के कुमिरमारी इलाके के १० आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों को आईटीआई मे संस्था के खरचे पर पढाया जा रहा है।

मुर्शिदाबाद एवं बांकुड़ा के आदिवासी बच्चों के लिए डे केयर का इंतजाम किया गया है ताकि उन्हें शिक्षित किया जा सके। आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग दिया जा रहा है। यह संस्था एक विशेष अभियान चलाया है जिसमें किसी भी व्यक्ति का विशेष दिन जैसे जन्मदिन, विवाह वाषिर्क, मृत्यु दिन पर उनके खर्चे पे आदिवासी एवं अनाथ बच्चों को भोजन कराया जाता है। यह आयोजन काफी पोपुलर है। इसके अलावा कोलकाता अंगीकार प्रतिबंदी, कुष्ठ रोगियों, प्राकृतिक आपदा से त्रस्त लोगों के लिए भी काम करता है।

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