आजादी के बाद सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे नरेंद्र मोदी
बंगाल मिरर, विशेष संवाददाता : पीएम नरेंद्र मोदी को दुनियाभर में एक पावरफुल और फ्रंट से लीड करने वाले नेता के रूप में जाना जाता है। पिछले कुछ सालों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का कद बढ़ा है और इसी का नतीजा है कि भारत के इतिहास में पहली बार कोई प्रधानमंत्री संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता करने जा रहा हैं।
विदेश मंत्रालय मंत्रालय के अनुसार, 9 अगस्त को पीएम मोदी अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के एजेंडे के एक भाग के तहत ‘समुद्री सुरक्षा में वृद्धि – अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए एक मामला’ विषय पर वर्चुअल रूप में अध्यक्षता करेंगे। अपनी अध्यक्षता के दौरान, भारत तीन बड़े क्षेत्रों – समुद्री सुरक्षा, शांतिरक्षण और आतंकवाद रोकथाम के संबंध में उच्च स्तरीय प्रमुख कार्यक्रमों का आयोजन करेगा।
क्या है सुरक्षा परिषद?
दरअसल, सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र का सबसे शक्तिशाली निकाय है, जिसकी मुख्य जिम्मेदारी अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा कायम करना है। ये ऐसी संस्था या निकाय है, जो सदस्य देशों पर बाध्यकारी प्रस्ताव जारी करने का अधिकार रखती है। वर्तमान समय में भारत दो साल के लिए सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है। परिषद में केवल 05 स्थायी सदस्य हैं, जो अमेरिका, चीन, ब्रिटेन, रूस और फ्रांस है।
भारत के पास 2 बार आएगी अध्यक्षता
भारत इसी साल एक जनवरी, 2021 को सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य बना है। भारत की सदस्यता 31 दिसंबर, 2022 को समाप्त होगी। आपको बता दें, इस पूरे कार्यकाल में भारत के पास दो बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता आएगी। वैसे भारत लंबे समय से सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट की दावेदारी करता रहा है। भारत के अलावा दुनिया के तमाम अन्य देश भी संयुक्त राष्ट्र संघ में सुधार के साथ सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
भारत लगातार उठा रहा है स्थायी सदस्यता के लिए आवाज
सुरक्षा परिषद की 1946 में हुई पहली बैठक के बाद से स्थायी सदस्यों की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है, लेकिन स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने की मांग लगातार जोर पकड़ती रही है। बदलते वैश्विक परिदृश्य को देखते हुए भारत लगातार स्थायी सदस्यता के लिए आवाज उठा रहा है। भारत को कई विश्व के कई अन्य देश जर्मनी, जापान, ब्राजील, अफ्रीकी जैसे देशों का समर्थन मिला है और इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इनमें भारत, जर्मनी, जापान और ब्राजील ने अपनी दावेदारी के लिए समर्थन जुटाने के लिए जी-4 नामक संगठन भी बनाया है।
जबरदस्त वोटों से हुआ था भारत का चुनाव
संयुक्त राष्ट्र संघ में सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य चुने जाने के लिए बहुमत चाहिए होता है। सदस्य देश बहुमत के साथ, जिन 10 देशों को इस भूमिका के लिए हर दो साल पर चुनते हैं, वो परिषद में अस्थायी सदस्यता हासिल कर लेते हैं। भारत की बात करें, तो उसका चुनाव जबरदस्त वोटों के साथ हुआ था। भारत को 192 में से 184 वोट मिले हैं।
पीएम मोदी का यूएनएससी अध्यक्षता करना दर्शाता है कि अंतरराष्ट्रीय तौर पर भारत को दुनियाभर के देशों का बड़ा समर्थन हासिल है। विश्व बिरादरी में भारत एक खास स्थान रखता है और दुनिया के देश उसके प्रति विश्वास रखते हैं।