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चंद सेकंड में मोबाइल पर मिलेगी मुफ्त कानूनी मदद, लीगल ऐड एप करेगा मुश्किलें आसान

बंगाल मिरर, विशेष संवाददाता : अब आप चंद सेकंड में अपने फोन पर एक एप के जरिए देश के किसी भी स्थान से कानूनी सहायता के लिए आवेदन कर सकते हैं। जी हां, भारतीय राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण यानि नालसा ने लीगल एड सर्विस एप लॉन्च किया है। इसके जरिए लीगल सेवा और संस्थानों से जुड़ी जानकारी फीड की जाएगी। चीफ जस्टिस एन. वी रमन ने एप को लॉन्च करते हुए कहा कि कानूनी सहायता के संवैधानिक अधिकार और मुफ्त कानूनी सहायता सेवाओं की उपलब्धता के बारे में जानकारी का प्रसार आवश्यक है।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एन. वी. रमण आगे कहते हैं भारत में न्याय हासिल करना महज एक आकांक्षापूर्ण लक्ष्य नहीं है। इसे व्यावहारिक वास्तविकता बनाने के लिए हमें सरकार के विभिन्न अंगों के साथ मिल जुलकर काम करने की आवश्यकता है।

लीगल ऐड एप
एप में होंगी ये सुविधाएं

लीगल ऐड एप की सहायता से शीघ्र और सुनिश्चित कानूनी सेवा प्राप्त हो सकेगी। इसके फीचर्स के बारे में बात करें, तो एप के माध्यम से लाभार्थी कानूनी सहायता के लिए अप्लाई कर सकते हैं, एप्लीकेशन ट्रैक कर सकते हैं, क्लेरिफिकेशन आदि ले सकते हैं। इसके साथ लीगल ऐड एप्लिकेशन में आप अपनी पर्सनल डिटेल्स, कौन सी एप्लीकेशन आपने फाइल की है उनकी डिटेल्स, केस डिटेल्स, इसके साथ डायरी नंबर के माध्यम से आप अपनी एप्लिकेशन भी ट्रैक कर सकते हैं।

मुआवजे के लिए खुद लगा सकेंगे अर्जी

अभी अगर किसी को मुआवजे के लिए अर्जी देनी होती है तो कई चक्कर काटने पड़ते हैं, लेकिन लीगल ऐड एप से पीड़ित मुआवजा के लिए भी खुद अर्जी दे सकते हैं। इसके लिए एफआईआर और अन्य जरूरी दस्तावेज अपलोड करने होंगे। अगर कोई क्वेरी है, तो 15100 पर डायल कर राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर पर सीधे बात भी कर सकते हैं। राष्ट्रीय और राज्य स्तर के अलावा जिला और तालुका स्तर पर भी लीगल अथॉरिटी के नोटिफिकेशन इस पर उपलब्ध होंगे। देश के हर एक पोस्ट ऑफिस और पुलिस थाने में इस एप के बारे में प्रमुख जगह पर बिलबोर्ड के जरिए जानकारी दी जाएगी, ताकि कोई भी इस सेवा का आसानी फायदा ले सके।

कैसे कर सकेंगे अप्लाई?

अगर किसी को लीगल ऐड के लिए अप्लाई करना है तो एप को खोलने के बाद आपसे पूछा जाएगा कि आप किसके लिए अप्लाई करना चाहते हैं, जैसे नालसा, हाई कोर्ट लीगल सर्विस कमेटी, सुप्रीम कोर्ट लीगल कमेटी, डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी, तालुका लीगल सर्विस अथॉरिटी या कोई अन्य चूज करना होगा। इसके बाद जो बेसिक डिटेल्स होंगी वो भरनी होंगी और साथ में जो अपोजिट पार्टी हैं उनकी डिटेल्स भी भरनी होंगी।

बता दें, देश के 3000 से अधिक आर्गेनाइजेशन को इस एप से जोड़ा जा चुका है। फिलहाल ये एप एंड्रॉयड ऑपरेटिंग स्मार्ट फोन में उपलब्ध है। लेकिन जल्द ही इसका विस्तार किया जायेगा। मंत्रालय के अनुसार, दो महीनों में ये स्थानीय भाषाओं में भी उपलब्ध हो जाएगा। साथ ही यह आईओएस ऑपरेटिंग फोन में भी चल सकेगा

नहीं करनी होगी कोर्ट कचहरी की भगदौड़ और आपाधापी

चूंकि यहां सभी जानकारी आपको मोबाइल फोन के माध्यम से मिल रही है तो इसमें कोई हिचक, भागदौड़ और किसी प्रकार की आपाधापी नहीं होगी। कई छोटी-मोटी समस्याओं और सवालों के जवाब तो इस एप से ही घर बैठे मिल जाएंगे। जस्टिस एन वी रमण के अनुसार, इस मोबाइल एप के जरिए करोड़ों फरियादियों तक इस सेवा का पहुंचना देश की न्यायिक सेवा यात्रा में मील का पत्थर साबित होगा।

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