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Andal पोस्टरबाजी कांड : घोटाले के आरोपों को टीएमसी प्रखंड अध्यक्ष ने किया खारिज

तृणमूल युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष कौशिक मण्डल ने कहा-प्रखंड अध्यक्ष को बदनाम करने के लिए रची गई थी साजिश

बंगाल मिरर, दुर्गापुर 8 सितम्बर । सत्तारूढ पार्टी के अंडाल प्रखंड अध्यक्ष कालोबरन मंडल के खिलाफ लगाए गए आरोपों वाले पोस्टर की घटना के बाद बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से अंडाल प्रखंड अध्यक्ष कालोबरन मंडल ने उनके ऊपर लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। गौरतलब हो कि बीते कल अंडाल पंचायत के अंडाल ग्राम, दुपचुरिया, अंडाल मोड़ सहित विभिन्न स्थानों पर तृणमूल ब्लॉक अध्यक्ष सह पश्चिम बर्दवान जिला परिषद के कार्याध्यक्ष कालोबरन मंडल के नाम पर कई पोस्टर देखा गया था। पोस्टरों में कालोबरन के खिलाफ पंचायत समिति के 72 लाख रुपए गबन, कोयला और बालू की तस्करी के के साथ जुड़े रहने के आरोप की बातें लिखी गई थी। 


इस आरोपों का खंडन करते हुये कालोबरन मण्डल ने बताया कि 2021 के विस चुनाव में तृणमूल  के जिन लोगों ने तृणमूल के खिलाफ काम किया था, उन्होने पार्टी के सामने उन लोगों का चेहरा उजागर कर दिया था। इसलिए बदले की भावना से वे लोग विपक्ष से मिलकर उन्हे बदनाम कर उन्हे उनके पद से हटाने की साजिश कर रहें हैं। उन्होने नाम लिए बगैर पूर्व तृणमूल युवा कांग्रेस अध्यक्ष की तरफ उंगली उठाते हुये कहा कि उन्ही के इशारे पर साजिश रची जा रही है। उन्होने कहा कि उनपर लगाए जा रहे किसी भी आरोप के खिलाफ वे किसी भी तरह के जांच के लिए तैयार है। वही वर्तमान तृणमूल युवा कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष कौशिक मण्डल ने भी कालोबरन मण्डल का बचाव करते हुये कहा कि कालोबरन मण्डल भ्रष्टाचार नहीं कर सकते। उनको बदनाम करने की साजिश रची गई है। उन्होने भी कालोबरन पर लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया।


गौरतलब है कि मंगलवार को  टीएमसी के प्रखंड अध्यक्ष कालोबरन मंडल के खिलाफ पोस्टर को लेकर हड़कंप मच गया। मंगलवार सुबह अंडाल के अलग-अलग इलाकों में पोस्टर देखने को मिले। प्रखंड अध्यक्ष का दावा है कि ईष्र्या की वजह से किसी ने या कुछ लोगों ने इस तरह का काम किया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि आरोप निराधार हैं। इस दिन सुबह अंडाल पंचायत के अंडाल ग्राम, दुपचुरिया, अंडाल मोड़ सहित विभिन्न स्थानों पर तृणमूल ब्लॉक अध्यक्ष सह पश्चिम बर्दवान जिला परिषद के कार्याध्यक्ष कालोबरन मंडल के नाम पर कई पोस्टर देखा गया। पोस्टरों में कालोबरन के खिलाफ पंचायत समिति के 72 लाख रुपए गबन, कोयला और बालू की तस्करी के के साथ जुड़े रहने के आरोप की बातें लिखी गई थी। सुबह पोस्टर देखते ही इलाके में अस्थिरता फैल गई। विभिन्न जगहों पर पोस्टरों को देखने के लिए उत्सुक लोगों की भीड़ लागने लगी। पोस्टर कांड के सामने आते ही सत्तारूढ़ पार्टी के अंदर खलबली मच गई और चर्चाओं का बाजार गर्म है। घटना के पीछे आपसी गुटबाजी की बात भी सामने आ रही है।


 हालांकि इस मुद्दे पर पार्टी के ज्यादातर नेताओं ने मुंह बंद कर रखा है। सत्तारूढ़ दल के कई ब्लॉकों के नेतृत्व से संपर्क किया गया था, लेकिन उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हालांकि, आरोपी कालोबरन ने कहा कि किसी ने या कुछ लोगों ने व्यक्तिगत ईर्ष्या के कारण ऐसा काम किया है। आरोपों को असत्य और निराधार बताते हुए, कालोबरन ने कहा, “मैं इस संबंध में किसी भी जांच का सामना करने के लिए भी तैयार हूं।” उन्होंने कहा कि जांच के बाद मामला स्पष्ट हो जाएगा।


  कालोबरन के करीबी एक दिग्गज नेता गोविंद भट्टाचार्य ने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि इस घटना के पीछे रूपेश यादव का हाथ है। रूपेश यादव पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट की उम्मीद कर रहे थे। उनका मानना है कि टिकट न मिलने के पीछे कलोबरन का हाथ है। गोविंदबाबू ने आरोप लगाया कि उसने बदला लेने के लिए ऐसा किया है। दूसरी ओर रूपेश यादव ने कहा, इस घटना के साथ मेरा कोई संबंध है। मुझे बदनाम करने के लिए इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। घटना को लेकर तृणमूल जिलाध्यक्ष विधान उपाध्याय ने कहा कि पोस्टर घटना के बारे में जानकारी नहीं है। उन्होंने मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया।

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