CMERI दुर्गापुर द्वारा Asansol ब्रेल अकादमी में लगाया गया Solar चूल्हा
बंगाल मिरर, आसनसोल : इस दिनों रसोई गैस की कीमतें असमान छु रहीं हैं। कोयले प्रयोग पर्यावरण के लिए खतरनाक है। एसे में धीरे-धीरे सौर उर्जा का इस्तेमाल दिनचर्या के काम में शुरू हो रहा है। सीएमईआरआई-सीएसआईआर (CMERI-CSIR ) दुर्गापुर के वैज्ञानिकों द्वारा इसकी इजाद की गई हैSolar चूल्हा। सौर उर्जा से खाना बानने की एक मशीन बुधवार को आसनसोल के ब्रेल अकादमी में लगाईं गई। रामकृष्ण मिशन के स्वामी सौमात्मानंद महाराज ने फीता काटकर इसका उद्घाटन किया।
![](https://i0.wp.com/bengalmirrorthinkpositive.com/wp-content/uploads/2023/10/IMG-20230207-WA0151-e1698295248979.webp?resize=768%2C512&ssl=1)
![](https://i0.wp.com/bengalmirrorthinkpositive.com/wp-content/uploads/2021/09/img-20210922-wa00363500462300350720458.jpg?resize=500%2C254&ssl=1)
सीएमईआरआई-सीएसआईआर (CMERI-CSIR ) दुर्गापुर के वैज्ञानिकों द्वारा इसकी इजाद की गई है। इसमें सोलर पैनल के सहारे सूर्य की रौशनी को घरेलु काम के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। इस परियोजना से जुड़े सीएसआईआर के एक वैज्ञानिक पार्थसारथी पाल ने बताया की यह एक एसी मशीन है जिसे एकबार लगाने से कम से कम दस सालों तक चलेगी। इसको लगाने की लागत 70 हजार रुपये के आसपास है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा की अगर सरकार की तरफ से कोई सब्सिडी मिले तो इसकी लागत और कम हो सकती है। मौके पर अड्डा के चेयरमैन सह आसनसोल दक्षिण के विधायक तापस बनर्जी, सीएसआईआर के निदेशक डा. हरीश हिरानी सहित ब्रेल अकादमी के तमाम बच्चे मौजूद थे।