Chhath Mahaparv नहाए खाए के साथ शुरू, प्रभु छठ घाट से लेकर दामोदर भूतनाथ मंदिर घाट तक जोरदार तैयारी
बंगाल मिरर, विशेष संवाददाता ः ( Chhath Mahaparv ) देश भर में नहाए खाय के साथ आज से चार दिवसीय महापर्व छठ शुरू हो गया है। इसको लेकर देश के विभिन्न गंगा घाटों पर स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। शिल्पांचल में प्रभु छठ घाट से लेकर दामोदर भूतनाथ मंदिर घाट तक जोरदार तैयारी की जा रही है। पर्व को लेकर हर चौक चौराहे पर प्रशासन की ओर से सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। छठ व्रतियों की भीड़ के कारण हर जगह रौनक बनी हुई है। दामोदर भूतनाथ घाट समेत 223 घाटों पर नगरनिगम ने जोरदार तैयारी की है।




( Chhath Mahaparv ) चार दिवसीय छठ पर्व का कार्यक्रम इस प्रकार रहेगा नहाय- खाय 8 नवंबर 2021 को नहाय- खाय किया जाएगा। नहाय खाय के दिन पूरे घर की साफ- सफाई की जाती है और स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लिया जाता है। इस दिन चना दाल, कद्दू की सब्जी और चावल का प्रसाद ग्रहण किया जाता है। अगले दिन खरना से व्रत की शुरुआत होती है। खरना खरना 9 नवंबर 2021 से किया जाएगा। इस दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती हैं और शाम को मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ वाली खीर का प्रसाद बनाती हैं और फिर सूर्य देव की पूजा करने के बाद यह प्रसाद ग्रहण किया जाता है। अगले दिन सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है खरना के अगले दिन शाम के समय महिलाएं नदी या तालाब में खड़ी होकर सूर्य देव को अर्घ्य देती हैं। इस साल 10 नवंबर 2021 को शाम को सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा छठ पर्व का समापन खरना के अगले दिन छठ का समापन किया जाता है। इस साल 11 नवंबर को इस महापर्व का समापन किया जाएगा। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले ही नदी या तालाब के पानी में उतर जाती हैं और सूर्यदेव से प्रार्थना करती हैं। इसके बाद उगते सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद पूजा का समापन कर व्रत का पारण किया जाता है।
आसनसोल के ( Chhath Mahaparv ) छठ पर्व की हो तो कल्ला स्थित प्रभु छठ घाट पर जो छठ मनाया जाता है । उसका उल्लेख किए बिना आसनसोल के छठ की बात पुरी नहीं होती । आसनसोल के विशिष्ट समाजसेवी सह व्यवसायी कृष्णा प्रसाद के तत्वावधान में ली क्लब द्वारा बीते 44 वर्षों से इस पूजा का आयोजन किया जा रहा है । कृष्णा प्रसाद ने बताया कि इस वर्ष छठ उत्सव ऐतिहासिक होने वाला है । उन्होंने बताया कि इस वर्ष छठ का आयोजन काफी भव्य तरीके से किया जाएगा । इस वर्ष छठ पूजा के अवसर पर प्रभु छठ घाट पर आकर्षण का केंद्र होगी भव्य आरती जो कि वाराणसी प्रयागराज ऋषिकेश की तर्ज पर की जाएगी । उन्होंने बताया कि पिछले कई महीनों से प्रभु छठ घाट पर जेसीबी , हाईड्रा से काम कराया गया।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पूरे घाट की साफ सफाई की जा रही है । ताकि छटव्रतियों को कोई परेशानी न हो । उन्होंने बताया कि घाट की हालत काफी दयनीय हो गई थी । पूरे घाट की सफाई की गई और एक एक पत्थर को चुन चुन कर निकाला गया । इस साल घाट का विस्तार भी किया गया है । उन्होंने कहा कि वाराणसी प्रयागराज ऋषिकेश की तरह ही यहां भी ऊषा और संध्या आरती की व्यवस्था की गई है । ताकि यहां के श्रद्धालुओं को भी अनुपम क्षण की अनुभुति हो । कृष्णा प्रसाद ने बताया कि वह हरिद्वार से गंगा जल लेकर आए हैं ताकि आसनसोल में 11000 हजार परिवारों के बीच इस पवित्र जल का वितरण कर सकें । घाट पर छठव्रतियों के लिए कपड़े बदलने के लिए शिविरों का भी इंतजाम किया गया है । आश्रम मोड़ से धनदाड़ी मोड़ तक पांच किलोमीटर के रास्ते पर लाईट के साथ साथ साउंड सिस्टम की भी व्यवस्था की गई है । त्योहार के सभी दिन इस रास्ते की धुलाई की जाएगी जिसके लिए दो टैंकर की भी व्यवस्था की गई है । सड़क की मरम्मत कराई गई है।
( Chhath Mahaparv ) छठ पूजा के अवसर पर मंत्रोच्चार और छठ माता के गीत साउंड सिस्टम पर सुनाए जाएंगे । छठ घाट पर गंगा जल धूप अगरबत्ती माचिस घी कपुर पान पत्ता सिंदुर चाय पानी खीर एक टन लड्डु प्रसाद के रुप में वितरित किया जाएगा । इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सोमवार सुबह से पूरे इलाके में एक टन लौकी बांटा जाएगा । कंबल , साड़ी , गमछा , बुजुर्गों के लिए शॉल भी अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य प्रदान करने के बाद होने वाली आरती के बाद से ही दिए जाएंगे । तकरीबन 18 काउंटरों से यह सारी चीजें बांटी जाएंगी । इसके लिए सुबह से ही कुपन बांटे जाएंगे जिससे छठव्रतियों को आसानी से यह सारी चीजें मिल सकें
शिल्पांचल के विभिन्न हिस्सों में छठव्रतियों में साड़ी, पूजा सामग्री वितरण
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