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Cyclone Jawad डर कायम, तटीय क्षेत्रों में तांडव मचा सकता, पश्चिम बंगाल में कम नहीं हो रहा है तापमान

बंगाल मिरर, विशेष संवाददाता : Cyclone Jawad चक्रवात ‘जवाद‘ का पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों में ठंड के मौसम में भी तापमान में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है। अलीपुर स्थित मौसम विभाग के क्षेत्रीय मुख्यालय की ओर से इस बारे में जानकारी दी गई है। इस बीच मौसम विभाग ने इस बात की आशंका भी जताई है कि शनिवार को यानि 4 दिसंबर को चक्रवात जवाद बंगाल के तटीय क्षेत्रों में तांडव मचा सकता है। भारतीय मौसम विभाग ने इसके लिए देश भर में अलर्ट जारी कर दिया है।

Cyclone Jawad
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कोलकाता का न्यूनतम तापमान 18.1 डिग्री सेल्सियस

मौसम विभाग के मुताबिक, कोलकाता का न्यूनतम तापमान 18.1 डिग्री सेल्सियस है, जो सामान्य से दो डिग्री अधिक है। अधिकतम तापमान 29.7 डिग्री सेल्सियस है और यह भी सामान्य से एक डिग्री अधिक है। सर्दी के बीच झेलनी पड़ रही परेशानी ठंड के इस मौसम में जब कड़ाके की सर्दी पड़नी चाहिए, तब तापमान में इस तरह से बढ़ोतरी राज्य वासियों को परेशानी में डालने वाली है। इसके कारण शाम ढलते ही ठंड लग रही है और दिन खिलते ही गर्मी होने लग रही है।

वायरल बीमारियां भी बढ़ी तेजी से

इसकी वजह से वायरल बीमारियां तेजी से बढ़ी हैं। इस बीच राज्य में Cyclone Jawad तूफान की आशंका बनी हुई है। मौसम विभाग ने इस बात की आशंका जताई है कि शनिवार को चक्रवात जवाद बंगाल के तटीय क्षेत्रों में तांडव मचा सकता है। तेज आंधी तूफान के साथ मूसलाधार बारिश की संभावना है, जिसके कारण तटीय क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाने की व्यवस्था करने में राज्य सरकार जुटी है।

पीएम मोदी ने की समीक्षा बैठक

पीएम मोदी भी चक्रवात ‘जवाद’ से निपटने की राज्यों, केंद्र सरकार के मंत्रालयों और संबंधित एजेंसियों की तैयारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक में समीक्षा कर चुके हैं। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को जान व माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। पीएम मोदी ने अधिकारियों को लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाने के लिए हरसंभव कदम उठाने, बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य और पेयजल जैसी आवश्यक सेवाओं का रखरखाव सुनिश्चित करने व इनमें किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न होने पर उन्हें तत्काल बहाल करने का निर्देश दिया। पीएम मोदी ने दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता और उनकी आपूर्ति सुनिश्चित करने और निर्बाध आवागमन सुनिश्चित करने के साथ ही मदद के लिए कंट्रोल रूम स्थापित करने का निर्देश दिया।

क्या है जवाद Cyclone Jawad का अर्थ ?

दरअसल, जवाद अरबी शब्द है। अरबी शब्द में इसका अर्थ उदार या दयालु होता है। इस कारण माना जा रहा है कि तूफान ज्यादा खतरनाक नहीं होने वाला है। इस चक्रवात का आम जन जीवन पर उतना विनाशकारी असर नहीं पड़ेगा, जितना की बाकी चक्रवाती तूफानों का पड़ता है। भारतीय मौसम विभाग ने इस बारे में कहा है कि 4 दिसंबर की सुबह हवा की गति अधिकतम 100 किलोमीटर प्रति घंटा होगी।

कैसे तूफान का नाम पड़ा जवाद Cyclone Jawad ?

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस तूफान का नाम जवाद सऊदी अरब के सुझाव पर रखा गया है। संभावना यह भी जताई जा रही है कि इस तूफान के कारण महाराष्ट्र और गुजरात के कई हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है। जवाद तूफान के अलर्ट को देखते हुए एनडीआरएफ के जवानों को रेस्क्यू अभियानों के लिए तैयार कर दिया गया है। वहीं पिछले साल आए अम्फान चक्रवात के कारण कई लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।

संबंधित एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा की गई प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार बैठक में राज्यों, केंद्रीय मंत्रालयों और संबंधित एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा की गई। इसमें प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, डीजी एनडीआरएफ और डीजी आईएमडी ने भाग लिया। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि तूफान के दौरान लोगों को सुरक्षित निकाला जाए और सभी आवश्यक सेवाओं जैसे बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य, पेयजल आदि की सुरक्षा और व्यवधान की स्थिति तुरंत बहाली की जाए। उन्होंने आवश्यक दवाओं और आपूर्ति का पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित करने और निर्बाध आवाजाही की योजना बनाने के भी निर्देश दिए।

उन्होंने कंट्रोल रूम को चौबीसों घंटे चालू रखने के भी निर्देश दिए। मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में कम दबाव के क्षेत्र के चलते चक्रवात ‘जवाद’ तेज होगा और इसके उत्तर आंध्र प्रदेश के तट से टकराने की उम्मीद है। शनिवार 4 दिसंबर की सुबह के आसपास हवा की गति 100 किमी तक हो सकती है। इससे आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में भारी वर्षा होने की आशंका है। आईएमडी सभी संबंधित राज्यों को नवीनतम पूर्वानुमान के साथ नियमित बुलेटिन जारी करता रहा है।

कैबिनेट सचिव ने सभी तटीय राज्यों के मुख्य सचिवों और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों व एजेंसियों के साथ स्थिति और तैयारियों की समीक्षा की है। NDRF ने नावों, ट्री-कटर, दूरसंचार उपकरणों आदि से लैस 29 टीमों को पहले से किया तैनात, 33 टीमें स्टैंड बाय पर गृह मंत्रालय चौबीस घंटे सातों दिन स्थिति की समीक्षा कर रहा है और राज्य सरकारों व केंद्र शासित प्रदेशों तथा संबंधित केंद्रीय एजेंसियों के संपर्क में है। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को आपदा राहत फंड की पहली किस्त पहले ही जारी कर दी है।

एनडीआरएफ ने 29 टीमों को पहले से तैनात किया है जो राज्यों में नावों, पेड़ काटने वालों, दूरसंचार उपकरणों आदि से लैस हैं और 33 टीमों को स्टैंडबाय पर रखा है। वायु सेना और इंजीनियर टास्क फोर्स इकाइयां भी स्टैंड बाय पर भारतीय तटरक्षक बल और नौसेना ने राहत, खोज और बचाव कार्यों के लिए जहाज और हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं। थल सेना की वायु सेना और इंजीनियर टास्क फोर्स इकाइयाँ, नावों और बचाव उपकरणों के साथ तैनाती के लिए तैयार हैं। निगरानी विमान और हेलीकॉप्टर तट पर लगातार निगरानी कर रहे हैं। आपदा राहत दल और चिकित्सा दल पूर्वी तट से लगे स्थानों पर तैयार हैं। विद्युत मंत्रालय ने आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली को सक्रिय कर दिया है और बिजली की तत्काल बहाली के लिए ट्रांसफॉर्मर, डीजी सेट और उपकरण आदि तैयार कर रहा है। संचार मंत्रालय सभी दूरसंचार टावरों और एक्सचेंजों पर लगातार नजर रख रहा है और दूरसंचार नेटवर्क को बहाल करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

Cyclone Jawad आपदा राहत दल और चिकित्सा दल भी तैयार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने प्रभावित क्षेत्रों में कोविड से निपटने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र की तैयारियों और प्रतिक्रिया के लिए राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के प्रभावित होने की संभावना के लिए एक सलाह जारी की है। पोर्ट, शिपिंग और जलमार्ग मंत्रालय ने सभी शिपिंग जहाजों को सुरक्षित करने के उपाय किए हैं और आपातकालीन जहाजों को तैनात किया है। राज्यों को तट के पास रासायनिक और पेट्रोकेमिकल इकाइयों जैसे औद्योगिक प्रतिष्ठानों को सतर्क करने के लिए भी कहा गया है। एनडीआरएफ संवेदनशील स्थानों से लोगों को निकालने के लिए राज्य एजेंसियों को उनकी तैयारियों में सहायता कर रहा है और चक्रवाती स्थिति से निपटने के लिए लगातार सामुदायिक जागरूकता अभियान भी चला रहा है।

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