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PM-DAKSH Scheme 2022 : देशभर में रोजगार के अवसरों को मिलेगा बढ़ावा

बंगाल मिरर, विशेष संवाददाता :  PM-DAKSH Scheme 2022 : देशभर में रोजगार के अवसर को बढ़ावा देने की खातिर केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसी क्रम में सरकार युवाओं को रोजगार के काबिल बनाने के लिए उन्हें प्रशिक्षण भी उपलब्ध करवा रही हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही योजना से रूबरू कराएंगे जिसका नाम है ”पीएम दक्ष योजना”। जी हां, केंद्र सरकार द्वारा तमाम प्रयासों के तहत पीएम-दक्ष (प्रधानमंत्री दक्ष और कुशल संपन्न हितग्राही) योजना शुरू की गई थी। इस योजना के अंतर्गत कूड़ा बीनने वालों सहित एससी, ओबीसी, ईबीसी, डीएनटी, स्वच्छता कार्यकर्ताओं को कवर करने वाले हाशिए के व्यक्तियों के कौशल के लिए एक राष्ट्रीय कार्य योजना कार्यक्रम तैयार किया गया है। 2020-21 और 2021-22 के दौरान पीएम-दक्ष योजना के तहत निर्धारित धनराशि क्रमशः 44.79 करोड़ रुपए और 79.48 करोड़ रुपए है।

PM-DAKSH Scheme 2022
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PM-DAKSH Scheme 2022 योजना का उद्देश्य:

इस योजना का मुख्य उद्देश्य लक्षित युवाओं को अल्पकालिक और दीर्घकालिक कौशल प्रदान करना है जिससे कि उनके कौशल स्तर को बढ़ाया जा सके। इसके अलावा इस योजना के माध्यम से उनको स्वरोजगार में सहायता भी प्रदान करना है। यह योजना कारीगरों के कौशल स्तर को अपस्किलिंग एवं रेस्किलिंग कार्यक्रम के माध्यम से बढ़ाएगी।

पीएम दक्ष योजना की मुख्य विशेषताएं:

प्रशिक्षण संस्थान: प्रशिक्षण सरकारी क्षेत्र के प्रशिक्षण संस्थानों और प्रतिष्ठित संस्थानों के माध्यम से प्रदान किया जाता है जो उन्हें उपयुक्त नौकरी और स्वरोजगार के अवसर प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। सामान्य मानदंडों का अनुपालन: कौशल विकास मंत्रालय द्वारा जारी सामान्य मानदंडों के व्यापक अनुसरण में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और पाठ्यक्रम राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) से जुड़े होते हैं। तदनुसार, पीएम-दक्ष योजना के तहत कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम (एसडीटीपी) प्रदान करने वाले एसएससी, टीआई को प्रशिक्षित उम्मीदवारों को 70% की सीमा तक मजदूरी और स्वरोजगार प्रदान करना आवश्यक है।

कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए उम्मीदवारों की आयु: एसडीटीपी के लिए 18-45 वर्ष की आयु के लाभार्थियों पर विचार किया जाता है। प्रशिक्षुओं को वजीफा: अनुसूचित जाति व सफाई कर्मचारियों और आश्रितों को 1500 रुपए प्रति माह उम्मीदवार और अन्य पिछड़ा वर्ग, ईबीसी,डीएनटीएस आश्रितों को प्रतिमाह 1000 रुपए की दर से वजीफा 80% और अधिक उपस्थिति प्राप्त करने पर प्रदान किया जाता है। सफाई कर्मचारियों के लिए आरपीएल के तहत 500/- रुपये प्रति उम्मीदवार और कूड़ा बीनने वालों के लिए आरपीएल के लिए 1000/- रुपये प्रति उम्मीदवार का भुगतान किया जाता है]। 3.5 निगम, अर्थात राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त और विकास निगम (NSFDC), राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त और विकास निगम (NBCFDC) और राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त और विकास निगम (NSKFDC) इस अवधि में अपने लक्षित समूह से 2.71 लाख लोगों को प्रशिक्षित करने की इच्छा रखते हैं। 2021-22 से 2025-26 तक, मोटे तौर पर निम्नलिखित उप-श्रेणियों में:

पीएम दक्ष योजना के लाभार्थी – अनुसूचित जाति के नागरिक – पिछड़े वर्ग के नागरिक – आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के नागरिक – डिनोटिफाइड, नोमेडिक एवं सेमी-नोमेडिक – सफाई कर्मचारी

पीएम-दक्ष’ पोर्टल और पीएम-दक्ष’ पोर्टल एप

इससे पहले सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने लक्षित समूहों- अनुसूचित जाति (SC), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (EBC), विमुक्त जनजातियाँ, सफाई कर्मचारियों के लिये कौशल विकास योजनाओं को सुलभ बनाने हेतु ‘पीएम-दक्ष’ पोर्टल और ‘पीएम-दक्ष’ मोबाइल एप लॉन्च किया था। पीएम-दक्ष पोर्टल और पीएम-दक्ष मोबाइल एप लॉन्च किए गए। PM-DAKSH पोर्टल का URL “pmdaksh.dosje.gov.in” है और मोबाइल ऐप “PM-DAKSH” Google Play Store पर उपलब्ध है। PM-DAKSH पोर्टल मुफ्त कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण प्रदान करता है। इस योजना को (i) ऑनलाइन पंजीकरण (ii) नौकरी की भूमिकाओं के चयन (iii) प्रशिक्षण संस्थानों के चयन और (iv) प्रशिक्षुओं को पीएम-दक्ष पोर्टल में प्रशिक्षण का स्थान प्रदान करने की सुविधा प्रदान करते हुए प्रशिक्षु केंद्रित बनाया गया है।

PM-DAKSH Scheme 2022 पृष्ठभूमि

आपकी जानकारी के लिए बता दें सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, एससी, ओबीसी, डी-नोटिफाइड ट्राइब्स (डीएनटी), ईबीसी, सफाई कर्मचारी सहित समाज के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक रूप से हाशिए पर रहने वाले वर्गों के सशक्तिकरण के लिए काम करता है। लक्ष्य समूह के अधिकांश व्यक्तियों के पास न्यूनतम आर्थिक संपत्ति है, इसलिए इन हाशिए के लक्षित समूहों के आर्थिक सशक्तिकरण व उत्थान के लिए प्रशिक्षण का प्रावधान और उनकी दक्षताओं को बढ़ाना जरूरी है। इसे समझते हुए  

2020-21 में केंद्र सरकार के अधीनस्थ विभाग ने कचरा बीनने वालों सहित एससी और सफाई कर्मचारियों को शामिल करते हुए ओबीसी, ईबीसी और डीएनटी के लिए कौशल संबंधी मौजूदा सहायता योजना को संशोधित किया। इसी के साथ 37,958 लाभार्थियों को परिव्यय के साथ कवर करने के लिए इसे केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में ”पीएम-दक्ष योजना” का नाम दिया गया। 5 वर्ष के दौरान लगभग 2,71,000 लोगों को कौशल प्रदान करने के लक्ष्य इस दिशा में कारवां शुरू होने के पश्चात वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 50 करोड़ रुपए तय किए गए। वहीं एसएफसी ने अगले पांच वर्षों यानि 2021-22 से 2025-26 के दौरान लगभग 2,71,000 एससी, ओबीसी, ईबीसी, डीएनटी व्यक्तियों, सफाई कर्मचारियों सहित कचरा बीनने वालों को कौशल प्रदान करने के लक्ष्य के साथ इस योजना को जारी रखने की मंजूरी दी है।

PM-DAKSH Scheme 2022 : योजना पर होने वाला खर्च

इसके लिए 450.25 करोड़ रुपए का खर्च तय किया गया है। इस योजना को मंत्रालय के तीन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू), यानी राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त और विकास निगम (एनएसएफडीसी), राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त और विकास निगम (एनबीसीएफडीसी) और राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त और विकास निगम के माध्यम से लागू किया जाना है। (एनएसकेएफडीसी)।

योजना से मिलने वाला लाभ कारीगर – अपने अभ्यास व्यवसाय के भीतर अपनी राजस्व सृजन क्षमता में सुधार करने में सक्षम हो सकते हैं महिलाएं – स्वरोजगार में प्रवेश करने में सक्षम हो सकती हैं, जिससे उनकी घरेलू गतिविधियों की उपेक्षा किए बिना खुद को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा सकता है; और लक्षित समूहों के युवा – रोजगार योग्य व्यवसायों में दीर्घकालिक प्रशिक्षण और विशेषज्ञता प्राप्त कर सकते हैं जिससे उन्हें नौकरी के बाजार में बेहतर स्थिति मिल सके।

कौशल कार्यक्रमों के प्रकार:

अप-स्किलिंग/री स्किलिंग – इस कार्यक्रम के अंतर्गत ग्रामीण कारीगर, सफाई कर्मचारी आदि को वित्तीय एवं डिजिटल साक्षरता प्रदान की जाएगी। इसके अलावा उनको मिट्टी के बर्तन, बुनाई, बढ़ाई गिरी, घरेलू काम आदि में भी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। – यह कार्यक्रम 32 से 80 घंटे का होगा। – प्रशिक्षण की लागत सामान्य लागत मानदंडों की सीमा तक सीमित होगी। – सभी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे लाभार्थियों को ₹2500 वेतन हानि होने के मुआवजे के तौर पर प्रदान की जाएगी। अल्पकालिक प्रशिक्षण (शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग) – इस कार्यक्रम के तहत एमएसडीई द्वारा जारी राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क या राष्ट्रीय व्यावसायिक मानक के अनुसार विभिन्न नौकरियों की भूमिका होंगी। – शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग के अंतर्गत वित्तीय और डिजिटल साक्षरता के साथ वेतन या स्वरोजगार के अवसरों के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा जैसे कि दर्जी प्रशिक्षण, फर्नीचर निर्माण, खाद्य प्रसंस्करण आदि। – यह प्रशिक्षण 200 घंटों से 600 घंटे एवं 6 महीने का होगा। – प्रशिक्षण लागत सामान्य लागत मानदंडों की सीमा तक सीमित होगी।(गैर आवासीय प्रशिक्षण के मामले में प्रशिक्षुओं को स्टाइपेंड देने के अलावा) उद्यमिता विकास

PM-DAKSH Scheme 2022 कार्यक्रम (एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम)

यह कार्यक्रम अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग के उन युवाओं के लिए होगा जिन्हें प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत कौशल प्रशिक्षण प्राप्त किया है एवं उनकी सोच उद्यमशील है। PM-DAKSH Scheme 2022 इस कार्यक्रम की अवधि 80 से 90 घंटे या 10 से 15 दिन की होगी। – प्रशिक्षण लागत सामान्य लागत मानदंडों की सीमा तक सीमित होगी। – इस कार्यक्रम में व्यापार अफसर मार्गदर्शन, बाजार सर्वेक्षण, कार्यशील पूंजी और उसके प्रबंध आदमी जैसे सत्र शामिल होंगे। दीर्घकालिक कार्यक्रम (लॉन्ग टर्म कोर्स) – इस कार्यक्रम के माध्यम से उम्मीदवारों को दीर्घकालिक प्रशिक्षण उन क्षेत्रों में प्रदान किया जाएगा जिनकी बाजार में अच्छी मांग है। – प्रशिक्षण कार्यक्रम NSQF, NCVT, AICTE, MSME etc के अनुसार उत्पादन प्रौद्योगिकी, प्लास्टिक प्रसंस्करण, परिधान प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र आदि जैसे क्षेत्रों में प्रदान किया जाएगा। – इस कार्यक्रम की अवधि 5 महीने या फिर उससे अधिक या फिर 1 वर्ष (1000 घंटे) की होगी। – प्रशिक्षण लागत सामान्य लागत मानदंडों की सीमा तक सीमित होगी। (गैर आवासीय प्रशिक्षण के मामले में प्रशिक्षुओं को स्टाइपेंड देने के अलावा)

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