JBCCI 11 Latest News : बेनतीजा रही बैठक, अगली बैठक जून में
प्रबंधन ने 3 फीसदी एमजीबी का दिया प्रस्ताव, यूनियनों का विरोध सीएमपीडीआई के एमईसीएल में मर्जर का भी विरोध
बंगाल मिरर, आसनसोल : ( JBCCI 11 Latest News ) राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता-11 ( NCWA XI) के लिए जेबीसीसीआई की चौथी बैठक कोल इंडिया मुख्यालय कोलकाता में बेनतीजा समाप्त हुई। प्रबंधन ने तीन प्रतिशत एमजीबी का प्रस्ताव रखा था। जिसे सभी यूनियनों ने खारिज कर दिया। चेयरमैन का प्रस्ताव सुनते ही सभी यूनियन के नेता भड़क गए। बैठक का बहिष्कार कर बाहर निकल आए । इसके बाद दोबारा मान मनव्वल कर बैठक चालू कराई गई थी, लेकिन कोई समझौता नहीं हाे सका। इसके बाद प्रबंधन ने बैठक ही समाप्त कर दी है। जेबीसीसीआई की अगली बैठक जून में होने की संभावना है।
गौरतलब कि बैठक से पहले कोयला श्रमिक सभा-एचएमएस, बीएमएस, सीटू और एटक ने तय किया था कि प्रबंधन के सामने एक सुर में बात होगी। अलग-अलग पक्ष रखने के बजाय सामूहिक रूप से बात रखी जाएगी। यूनियनों की एकजुटता का असर दिखाने की कोशिश की जाएगी। प्रबंधन के किसी भी ऑफर का जवाब एकमत से ही दिया जाएगा। कर्मचारी हित को ध्यान में रखते हुए इसका फैसला किया गया गौरतलब है कि तीसरी बैठक में यह तय हो गया कि कोल इंडिया के कर्मचारियों का वेतन समझौता पांच साल के लिए ही होगा। इस पर प्रबंधन ने सहमति जता दी है, लेकिन अन्य मुद्दों पर स्थिति को स्पष्ट नहीं किया है। चौथी बैठक में कोई ठोस निर्णय नहीं निकला।
वरिष्ठ सीटू नेता डी डी रामानंदन ने बताया कि प्रबंधन ने शुरु में 3 प्रतिशत न्यूनतम गारंटी लाभ का प्रस्ताव किया। जिसे यूनियनों ने खारिज कर दिया। वहीं यूनियन ने सी एम पी डी आई एल को कोल इंडिया से अलग कर, एम ई सी एल में विलय के सरकार के फैसले का विरोध किया गया व आंदोलन की चेतावनी दी। इसके पश्चात संयुक्त यूनियन की बैठक हुई, जिसमें प्रबंधन के एम जी बी के 3प्रतिशत केप्रस्ताव को सर्वसम्मति से नामंजूर कर दिया गया और प्रबंधन से नया प्र स्ताव देने के लिये कहा। सी एम पी डी आ ई एल के बारे में सरकार के फैसले के विरुद्ध प्रस्ताव पास किया गया तथा एक प्रतिनिधि मंडल कोयला मंत्रालय से मिलने पर यूनियनो ने फैसला किया। आगामी बैठक जून माह में होना तय किया गया ।
( JBCCI 11 Latest News गौरतलब है कि पिछली बैठक में प्रबंधन ने पांच प्रतिशत एमजीबी का प्रस्ताव रखा गया था। जिसे यूनियनों ने खारिज करते हुए कहा कि पांच प्रतिशत एमजीबी कोई भी स्वीकार नहीं करेगा। पिछली बार 12 प्रतिशत एमजीबी मिला था, इस बार इससे ज्यादा ही चाहिए। इससे कम में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। इसके बाद कर्मियों में आक्रोश देखा जा रहा है, उनका कहना है कि एमजीबी 15 फीसदी से कम नहीं होना चाहिए। अधिकारियों को पीआरपी, लैपटॉप देने में दिक्कत नहीं है तो फिर कर्मियों के हक में कटौती क्यों होगी? अब देखना है कि अगली बैठक में वेतन समझौता को लेकर स्थिति स्पष्ट होती या नहीं।