Indian Railway : देशभर में स्टेशन मास्टर रहेंगे हड़ताल पर, जाने कब और क्यों

बंगाल मिरर, कुमार पप्पू, आसनसोल : ( Asansol Live News Today)देशभर में स्टेशन मास्टर रहेंगे हड़ताल पर। ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन की ओर से आगामी 31 मई को सामूहिक अवकाश पर रहकर हड़ताल पर जाने की घोषणा की गई है। उक्त जानकारी आसनसोल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसोसिएशन की ओर से दी गई। पत्रकार सम्मेलन में यहां एसोसिएशन के मंडल सचिव धर्मेंद्र कुमार, शिवचरण सरकार, संजीव जायसवाल, स्टेशन मैनेजर सुबोध कुमार, अनिमेष कुमार, रोबिन कुमार सिंह उपस्थित थे।


पत्रकारों को संबोधित करते हुए धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि 31 मई रात 12 बजे से अगले दिन रात 12 बजे तक पूरे भारत में स्टेशन मैनेजरओं द्वारा सामूहिक अवकाश पर जाने की बात कही। इनका कहना है कि बीते 3 सालों से रेलवे से अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर बातचीत कर रहे हैं लेकिन अब तक उनका कोई निदान नहीं निकला जिसे आखिरकार हार कर उनको यह कदम उठाना पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि पूरे भारतवर्ष में स्टेशन मास्टर के करीब साढ़े 7 हजार पद खाली हैं। लेकिन अभी तक उनमें नई नियुक्तियां नहीं की जा रही है। जिससे वर्तमान 35000 स्टेशन मास्टरों को काम का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ रहा है। धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि उनको अतरिक्त काम कराया जाता है। घंटों तक काम करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया की पहले स्टेशन मास्टर को नाइट ड्यूटी करने के लिए नाइट ड्यूटी भत्ता दिया जाता था। लेकिन अब इसे बंद कर दिया गया है। उन्होंने फिर से नाइट ड्यूटी भत्ता चालू करने की मांग की।
धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि रेलवे द्वारा नया नियम लाया गया है जिसमें किसी का वेतन 43600 रुपए से ज्यादा है तो उसे नाइट ड्यूटी भत्ता नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा सीलिंग को हटाने की मांग की वहीं उन्होंने एमएसीपी का लाभ 1 जनवरी 2016 से दिए जाने की मांग की। इसके अलावा स्टेशन मास्टर को सेफ्टी तथा तनाव भत्ता दिए जाने की मांग करते हुए पदनाम परिवर्तन के साथ कैडर के वर्गीकरण की भी मांग की।
उन्होंने बताया केंद्र सरकार द्वारा जो नई पेंशन स्कीम लागू की गई है। उससे रेलवे कर्मचारियों का पैसा शेयर मार्केट में लगाया जाएगा। अगर भारत की आर्थिक अवस्था भी श्रीलंका की तरह हुई तो केंद्र सरकार द्वारा इसकी कोई गारंटी नहीं ली जा रही है। नई पेंशन स्कीम रद्द करके पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की मांग की। साथ ही रेलवे के निजीकरण एवं निगमीकरण को खत्म करने की भी मांग उठाई। संवाददाता सम्मेलन के दौरान उपस्थित रेलवे कर्मचारियों ने बताया 1 दिन के अवकाश के कारण सरकार को भारी नुकसान झेलना पड़ेगा साथ ही उन्होंने यात्रियों से होने वाली परेशानी के लिए क्षमा याचना भी की।