ASANSOL

अनुसूचित जाति के लोग जानकारी के अभाव में नहीं ले पा रहे योजनाओं का लाभ : अरुण हलदर

बंगाल मिरर , आसनसोल । एडीडीए के गेस्ट हाउस में मंगलवार को सेंट्रल कमिशन फॉर शेड्यूल्ड कास्ट के वाइस चेयरमैन अरुण हलदर ने प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी के साथ अनुसूचित जाति और जनजाति समाज को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक के बाद उन्होंने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि इस कमीशन का गठन आर्टिकल 338 के तहत खुद भारत के महामहिम राष्ट्रपति ने किया था। इसका मकसद पूरे देश में फैले अनुसूचित जाति के लोगों की भलाई और उनके विकास के लिए काम करना है।

उन्होंने कहा कि चूंकि वह बंगाल से आते हैं और इस कमीशन के वह वाइस चेयरमैन बने है। इसलिए उनकी जिम्मेदारी बनती है कि बंगाल जो कि अनुसूचित जाति लोगों की जनसंख्या के हिसाब से भारत में दूसरे स्थान पर आता है। यहां के शेड्यूल कास्ट लोगों की भलाई के लिए काम करे। उन्होंने कहा कि मंगलवार के बैठक में विशेषकर बाउरी समाज के प्रतिनिधि शामिल हुए। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति समाज के बहुसंख्यक लोगों को इस कमीशन के बारे में पता ही नहीं था। इसलिए उनको अपने अधिकारों के बारे में भी जानकारी नहीं थी जो संविधान ने उनको दिया है।

बैठक में उन्होंने ऐसे समाज के लोगों को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी दें साथ ही अन्य कई विषयों पर उन को जागरूक किया। अरुण हालदार ने कहा कि आज के बैठक में एससी समाज के खिलाफ होने वाले अपराधों के बारे में कोई निर्दिष्ट शिकायत तो नहीं थी। लेकिन जब भी कमीशन के पास इस तरह की कोई शिकायत आती है तो वह दिल्ली में कमीशन के सदर कार्यालय को भेज दी जाती है। उन्होंने बताया कि इससे पहले उन्होंने बांकुड़ा, नदीया, बीरभूम आदि इलाकों में भी इस तरह के कार्यक्रम किए थे।

अरुण हालदार ने कहा कि भारत सरकार द्वारा एससी समाज के विकास के लिए कई योजनाएं ली गई हैं जिनमें एससी समाज के लोगों को उद्योगपति बनाने जैसी योजनाएं हैं। लेकिन यहां उन योजनाओं की जानकारी नहीं है जिससे इससे समाज के लोग इन पर योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसे समाज के कई लोग आज समाज में और प्रशासन में प्रतिष्ठित हैं।

उन्होंने ऐसे लोगों से अपील की कि वह ऐसे समाज के 5 लोगों को चुन ले और हर प्रतिष्ठित इंसान ऐसे समाज के 5 लोगों कि जिंदगी को बेहतर करने की दिशा में काम करे। उन्होंने कहा कि उनको अपनी जेब से एक पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं है। वह सिर्फ इतना करें कि अनुसूचित जाति समाज के लोगों को भारत सरकार की योजनाओं की जानकारी दें। जिसे इस समाज के लोगों की आर्थिक अवस्था में बेहतरी आए।

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