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GST On Packaged Food Items : देशभर में आन्दोलन की तैयारी

बंगाल मिरर, संजीव यादव :  प्री -पैक एवं प्री-लेबल वाले खाद्यान्न, दही, बटर मिल्क आदि आवश्यक वस्तुओं पर 5% जीएसटी लगाने के जीएसटी कॉउन्सिल के हालिया फैसले की देश के व्यापारिक समुदाय, खाद्यान्न एवं एपीएमसी एसोसिएशनों ने इस निर्णय की कड़ी आलोचना की है और कहा है की इससे व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव बढ़ेगा ! इस निर्णय से प्रभावित व्यापारिक सेक्टर के व्यापारी देश के हर राज्य में जोरदार प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं और निकट भविष्य में खाद्यान्न व्यापार के भारत बंद की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने जीएसटी काउंसिल,केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण एवं सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों से यह निर्णय वापस लेने की अपील की है और जब तक यह निर्णय जीएसटी कॉउन्सिल में अंतिम रूप से वापिस नहीं हो जाता तब तक इस निर्णय को स्थगित रखा जाए !देश भर के खाद्यान्न व्यापारी संगठनों के व्यापारी नेता इस मुद्दे पर एक संयुक्त रणनीति बनाने के लिए लगातार आपस में बातचीत कर रहे हैं।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कॉउन्सिल के इस निर्णय की कड़ी निंदा करते हुए इस तरह के अतार्किक निर्णय के लिए राज्यों के वित्त मंत्रियों को जिम्मेदार ठहराया क्योंकि कॉउन्सिल में यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया और सभी राज्यों के वित्त मंत्री कॉउन्सिल के सदस्य हैं ! इस निर्णय का देश के खाद्यान्न व्यापार पर अनुचित प्रभाव पड़ेगा एवं देश के लोगों पर आवश्यक वस्तुओं को खरीदने पर अतितिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा ! दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा की आश्चर्यजनक रूप से भारत में पहली बार आवश्यक खाद्यान्नों को कर के दायरे के तहत लिया गया है जिसका न केवल व्यापार बल्कि कृषि क्षेत्र पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इस फैसले से छोटे निर्माताओं और व्यापारियों की कीमत पर बड़े कॉरपोरेट घरानों को फायदा होगा।

श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने कहा कि विरोध के पीछे तर्क यह है  कि सरकार कुछ वस्तुओं पर केवल 28 प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) वसूल कर रही है ताकि कृषि उपज को जीएसटी से बाहर रखने के बदले राजस्व नुकसान की भरपाई की जा सके। अगर जीएसटी काउंसिल गैर-ब्रांडेड दालों और अन्य कृषि वस्तुओं पर कर लगाना चाहती है तो सबसे पहले 28% जीएसटी कर स्लैब को समाप्त करना होगा । इसके अलावा ऐसे समय में जब हर महीने जीएसटी संग्रह बढ़ रहा है, खाद्य पदार्थों को जीएसटी के तहत 5% के टैक्स स्लैब के तहत लाने की क्या जरूरत है और ये आइटम अभी तक किसी भी टैक्स स्लैब के तहत नहीं थे।

दोनों नेताओं ने कहा कि अब तक दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, ओडिशा में राज्य स्तरीय बैठक हो चुकी हैं और अगले सप्ताह पश्चिम बंगाल, केरल, गुजरात, उत्तर में व्यापार जगत के नेता मिलेंगे. पूर्वी राज्य, पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना आदि। यह महसूस किया गया है कि राज्य के वित्त मंत्री खाद्यान्न और अन्य वस्तुओं में काम करने वाले छोटे निर्माताओं और व्यापारियों के हितों की रक्षा करने में विफल रहे हैं।

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Mr. Chandan | Senior News Editor Profile Mr. Chandan is a highly respected and seasoned Senior News Editor who brings over two decades (20+ years) of distinguished experience in the print media industry to the Bengal Mirror team. His extensive expertise is instrumental in upholding our commitment to quality, accuracy, and the #ThinkPositive journalistic standard.

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