ASANSOL

Asansol में प्लान के लिए हो सिंग्ल विंडो, CREDAI ने निगमायुक्त को किया सम्मानित

बंगाल मिरर, आसनसोल :  क्रेडाई ( CREDAI ) के जिला अध्यक्ष सचिन राय के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल एडीडीए के सीईओ  सह आसनसोल नगरनिगम आयुक्त राहुल मजूमदार से मिला। उन्हें  सम्मानित किया गया और विभिन्न महत्वपूर्ण  मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान क्रेडाई के सचिव विनोद गुप्ता, विशिष्ट व्यवसायी सुरेंद्र शर्मा, आनंद अग्रवाल उपस्थित थे। इस प्रतिनिधिमंडल ने कुछ  बातों को लेकर राहुल मजूमदार से चर्चा की। इस दौरान क्रेडाई प्रतिनिधि मंडल ने किसी फ्लैट के सैंक्शन प्लान में हो रही देरी को लेकर बात की। उन्होंने कहा कि सैंक्शन प्लान को पास करवाने में होने वाले अनावश्यक देरी के कारण बिल्डरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

 उन्होंने कहा कि सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से जिस विभाग से भी सैंक्शन प्लान पास करवाने के लिए अनुमति की जरूरत है। वह मिलनी चाहिए। उन्होंने बताया कि अभी जो सिस्टम चल रहा है उसमें पहले एडीडीए से अनुमति लेनी पड़ती है। फिर दमकल विभाग फिर कन्वर्जन और उसके बाद नगर निगम से अनुमति लेनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि यह सभी अनुमति या सिंगल विंडो सिस्टम के तहत मिलनी चाहिए। जिस विभाग के कागजात में कोई कमी है वह विभाग बिल्डर को समय दे और उस समय के अंदर उस बिल्डर को अपनी कमी को पूरा कर लेना होगा। 

निगमायुक्त राहुल मजूमदार ने कहा कि वह उनकी बातों को जिला शासक तक पहुंचाएंगे और कोशिश करेंगे कि जो सैंक्शन प्लान पास करने में 1 साल लगता है वह 3 महीने के अंदर हो जाए दूसरा मुद्दा जो कि क्रेडाई के प्रतिनिधिमंडल ने उठाया वह है फ्लैट में रहने वालों की सहूलियत और नगर निगम को ज्यादा राजस्व मिले इसके लिए असेसमेंट जल्द से जल्द करवाने की अपील की। उन्होंने कहा कि अभी एसेसमेंट करवाने में देर होता है। जिससे फ्लैट के मालिकों को भी परेशानी होती है और नगर निगम को भी मिलने वाले टैक्स में कमी आ जाती है। 

सचिन राय ने फ्लैट का मालिकाना हक मिलने के साथ साथ ही एसेसमेंट करने की मांग की।‌ इसके साथ एक और मुद्दा है जो संगठन के प्रतिनिधि मंडल ने उठाया वह जहां पर कहीं किसी प्रोजेक्ट के तहत बिल्डिंग का निर्माण हो रहा है। वहां की निकासी व्यवस्था को मेन ट्रेन के साथ जोड़ने को लेकर कोई गाइडलाइंस होना चाहिए । वरना स्थानीय स्तर पर काफी विवाद पैदा होता है। ‌इसके साथ ही किसी बिल्डिंग के निर्माण के समय वहां अस्थायी तौर पर वॉटर कनेक्शन देने की भी मांग की गई ताकि वहां काम कर रहे श्रमिकों को सहूलियत हो।

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