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Sovereign Gold Bond Scheme क्या है, जानें डिजिटल गोल्ड में कैसे कर सकते हैं निवेश

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम ( Sovereign Gold Bond Scheme ) क्या है, जानें डिजिटल गोल्ड में कैसे कर सकते हैं निवेश हममें से अधिकांश लोग अपनी पूंजी का कुछ हिस्सा बचा कर भविष्य के लिए संजो कर रखते हैं। कई लोग उस पूंजी को कहीं न कहीं निवेश करते हैं,जैसे कुछ लोग गोल्ड यानि सोना खरीदते हैं, कुछ प्रॉपर्टी, एलआईसी स्कीम, म्यूचुअल फंड आदि लेते हैं। केंद्र सरकार द्वारा भी नागिरकों के निवेश के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है। उसी में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड भी है। क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड और कैसे करते हैं निवेश जानते हैं…

Sovereign Gold Bond Scheme
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26 अगस्त तक कर सकते हैं निवेश

डिजिटल गोल्ड में निवेश करने के लिए इच्छुक निवेशकों के लिए सॉवरेन गोल्ड बांड की स्कीम है। ये स्कीम दूसरी बार फिर लॉन्च की गई है। मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान इसके पहले जून के महीने में इस स्कीम की पहली सीरीज लॉन्च हुई थी। 22 अगस्त से शुरू हुई दूसरी सीरीज में 26 अगस्त यानि शुक्रवार तक निवेश किया जा सकेगा। भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की दूसरी सीरीज के तहत बॉन्ड का इश्यू प्राइस (सोने की कीमत) 5,197 रुपये प्रति यूनिट (ग्राम) तय किया गया है। पहले की तरह ही इस बार भी ऑनलाइन निवेश करने वाले और ऑनलाइन भुगतान करने वाले निवेशकों को सोने की कीमत में प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट दी जाएगी। इस तरह ऑनलाइन निवेशकों को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की दूसरी सीरीज के तहत एक यूनिट सोने के लिए 5,147 रुपये का ही भुगतान करना होगा।

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कैसे तय होती है गोल्ड की कीमत

इसके पहले जून के महीने में आई सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की पहली सीरीज के तहत सोने की कीमत 5,091 रुपये प्रति ग्राम तय की गई थी। इस बार सोने के बाजार भाव में अंतर होने की वजह से इसकी कीमत में प्रति ग्राम 106 रुपये की बढ़ोतरी हो गई है। आपको बता दें कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत सोने की कीमत तय करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक लॉन्चिंग डेट (सब्सक्रिप्शन शुरू होने की तारीख) से ठीक पहले के 3 कारोबारी दिनों के दौरान के सोने के बंद भाव को आधार बनाता है। इन तीन दिनों के बंद भाव के आधार पर ही सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत इश्यू प्राइस (सोने की प्रति ग्राम कीमत) तय की जाती है। इस सीरीज का इश्यू प्राइस तय करने के लिए 17,18 और 19 अगस्त के सोने के बंद भाव को आधार बनाया गया है।

स्कीम की अवधि 8 साल

स गोल्ड बॉन्ड स्कीम में भारतीय नागरिक, हिन्दू अनडिवाइडेड फेमिली (हिन्दू अविभाजित परिवार), ट्रस्ट्स, यूनिवर्सिटीज और चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन्स पैसा लगा सकते हैं। इस स्कीम की अवधि 8 साल है। इस दौरान निवेशक को प्रतिवर्ष 2.5 प्रतिशत के फिक्स्ड रेट के हिसाब से ब्याज मिलेगा। ब्याज का भुगतान हर 6 महीने के अंतराल पर किया जाएगा। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 8 साल के लिए जरूर है, लेकिन जरूरत पड़ने पर 5 साल की अवधि पूरी होने के बाद भी इस स्कीम से पैसा निकाला जा सकता है।

Sovereign Gold Bond Scheme : कितने ग्राम गोल्ड में कर सकते हैं निवेश

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में कोई भी निवेशक न्यूनतम 1 ग्राम सोने के लिए निवेश कर सकता है। व्यक्तिगत निवेशकों के लिए इस स्कीम के तहत निवेश की सीमा एक वित्त वर्ष में अधिकतम 4 किलोग्राम तय की गई है। इसी तरह हिन्दू अनडिवाइडेड फेमिली (एचयूएफ) के लिए भी निवेश की अधिकतम सीमा 4 किलोग्राम तय की गई है। लेकिन ट्रस्ट, यूनिवर्सिटी और चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन्स जैसी संस्थाएं 1 वित्त वर्ष में अधिकतम 20 किलो ग्राम सोने तक के लिए निवेश कर सकती हैं।

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